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जारी है भारत भर में नए साल का जश्न और उत्सव, देखिये कुछ चुनिंदा तस्वीरों में

By Belal Jafri

यदि हम ये कहें कि बारह महीनों के अंग्रेजी कैलेंडर में अप्रैल सबसे खूबसूरत महीना है तो हो सकता है कि आप ये सोचने पर मजबूर हो जाएं कि आखिर ऐसी क्या वजहें हो गयीं जो हम ये बात कह रहे हैं। ज्ञात हो कि हिन्दुस्तान में अप्रैल का शुमार त्योहारों उत्सवों और पर्वों के महीने के रूप में होता है। ये कैलेंडर का वो महीना है जब बसंत का आगाज़ होता है, हलकी गर्मी पड़ती हैं और ठण्ड पीछे छूट जाती है। अप्रैल वो महीना है जब भारत में रह रहे लोग अपने अपने धार्मिक कैलेंडर के अनुसार अपना नव वर्ष मनाते हैं।

गौरतलब है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है तो यहां मनाए जाने वाले ज्यादातर अलग अलग समुदायों और जनजातियों के नववर्ष भी कृषि के ही इर्द-गिर्द घूमते हैं। अभ चाहे असम का रंगोली बिहु हो, पंजाब की बैसाखी हो या फिर केरल का विषु भारत में मनाए जाने वाले हर एक पर्व हर एक उत्सव का अपना एक विशेष महत्त्व है। आइये कुछ तस्वीरों के जरिये जानें भारत में मनाए जाने वाले वव वर्ष पर्वों को।

पंजाब की बैसाखी

पंजाब की बैसाखी

बैसाखी का शुमार उत्तर भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख पर्वों में है। मुख्यतः इस त्योहार को पंजाब में सिख समुदाय द्वारा बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। आपको बताते चलें कि बैसाखी को सिख धर्म के अलावा हिंदू और बौद्ध धर्म के लोग भी मानते हैं। पंजाब में बैसाखी खरीफ की फसल के पकने का प्रतीक है।

असम का रंगोली बिहु

असम का रंगोली बिहु

रंगोली बिहु को बोहग बिहु और हाट बिहु के नाम से भी जाना जाता है। रंगोली बिहु को असम राज्य में नव वर्ष के तौर पर मनाया जाता है और इस पर्व के बाद धान की फसल को खेतों में लगाया जाता है। आपको बताते चलें की रंगोली बिहु को सात भागों में बांटा गया है। जिसमें छोट बिहु, राति बिहु, गरु बिहु, माहु बिहु , कुटुम बिहु, मेला बिहु और चेरा बिहु शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा का पोएला बोइशाख

पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा का पोएला बोइशाख

पोएला बोइशाख बंगाली कैलेंडर का पहला दिन होता है जिसे बड़ी प्रमुखता से पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में मनाया जाता है। असम, त्रिपुरा, झारखण्ड में रहने वाले बंगाली समुदाय द्वारा भी इस त्योहार को बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को लेके ख़ास बात ये है कि बंगाल में इस त्योहार के दौरान सबसे ज्यादा विवाह होते हैं। इस त्योहार के समय आपको पूरे बंगाल में जगह जगह मेले भी देखने को मिलेंगे जिन्हें राज्य सरकार द्वारा लगवाया जाता है।

केरल का विषु

केरल का विषु

विषु केरल का प्राचीन त्योहार है जो केरलवासियों के लिए नववर्ष का दिन होता है। यह मलयालम महीने मेष की पहली तिथि को मनाया जाता है। विषु के दिन की प्रमुख विशेषता "विषुक्कणी" है । 'विषुक्कणी' उस झाँकी-दर्शन को कहते हैं, जिसका दर्शन विषु के दिन प्रात:काल सर्वप्रथम किया जाता है । ऐसा विश्वास है कि विषुक्कणी का प्रभाव वर्ष भर रहता है । विषु की पूर्व संध्या को 'कणी' दर्शन की सामग्री इकट्ठी करके सजा दी जाती है । एक काँसे के डेगची या अन्य किसी बर्तन में चावल, नया कप़ड़ा, ककड़ी, कच्चा आम, पान का पत्ता, सुपारी, कटहल, आइना, अमलतास के फूल आदि सजा कर रख दिए जाते हैं । इस बर्तन के पास एक लम्बा दीपक जलाकर रखा जाता है ।

पूतांडु

पूतांडु

पूतांडु को तमिलनाडु का नववर्ष कहा जाता है। जिसे तमिलनाडु और पांडिचेरी ,में रह रहे लोगों द्वारा मनाया जाता है। आपको बताते चलें कि सिंगापुर, मलेशिया और श्रीलंका में रहने वाले तमिल भाषी लोग भी इस त्योहार को मनाते हैं । पूतांडु त्योहार की ख़ास बात ये है कि इसके लिए एक थाल सजाई जाती हैं जिसमें फल, शीशा आभूषण और सिक्के रखे जाते हैं कहा जाता है कि यदि अगले दिन उठकर ये सभी चीजें देखी जाएं तो साल भर समृद्धि और वैभव आता है । इस दौरान लोग समृद्धि और वैभव के लिए अपने घर के प्रवेश द्वार पर रंग बिरंगे कोलम (रंगोली) भी बनाते हैं।

ओडिशा का महा विशुवा संक्रांति

ओडिशा का महा विशुवा संक्रांति

महा विशुवा संक्रांति या पणा संक्रांति ओडिशा का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व को ओडिशा के पारंपरिक हिंदू सौर कैलेंडर. के अनुसार नव वर्ष की शुरुआत माना जाता है। इस पर्व के दौरान एक विशेष पेय पाना का सेवन किया जाता है । इस दौरान स्थानीय लोग काले चने, पाना , पानी और केले को अपनी सुख समृद्धि के लिए तुलसी मां पर चढ़ाते हैं।

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