यूं तो भारत कई म्यूजियम है, जहां कई ऐतिहासिक और प्राचीन वस्तुओं को संजो कर रखा गया है। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का सबसे बड़ा म्यूजियम कौन सा है? और ये कब बना? इसमें क्या-क्या है? अब हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के सबसे बड़े म्यूजियम के बारे में, जहां 4000 साल से भी ज्यादा पुराना कंकाल मौजूद है, कई प्राचीन चट्टानें भी है। इतना ही नहीं, इस म्यूजियम में हड़प्पा सभ्यता की वस्तुएं भी रखी गई है। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि हम किस म्यूजियम की बात कर रहे हैं।
जी हां, आपने बिल्कुल सही समझा, हम बात कर रहे हैं कोलकाता में मौजूद भारतीय संग्रहालय (Indian Museum) की, जो भारतीय विरासत को समेटने वाला देश का सबसे बड़ा म्यूजियम होने के साथ-साथ देश का सबसे पहला म्यूजियम भी है। अगर इस म्यूजियम को खुद ही एक विरासत कहा जाए तो ये भी गलत नहीं होगा। यह म्यूजियम करीब 200 साल पुराना है, जो अंग्रेजों के समय में बनाया गया है। देश में म्यूजियम की शुरुआत भी इसी इंडियन म्यूजियम (Indian Museum) से ही हुई थी।
भारतीय संग्रहालय का आकर्षण
अगर आप भी ऐतिहासिक चीजों या इतिहास से जुड़े चीजों में रूचि रखते हैं तो आपके लिए भारतीय संग्रहालय बहुत ही खास होने वाला है। यहां पर आपको इतिहास से जुड़ी लगभग सभी चीजें मिल जाएंगी। इस म्यूजियम में आपको 4000 साल से भी ज्यादा पुराने कंकाल देखने को मिलेंगे। इसके अलावा यहां पर हड़प्पा सभ्यता के समय के सामान व कांच के बर्तन, पुराने तिब्बती और पारसी मंदिरों के डिजाइन भी देखने को मिलेंगे। यहां तक कि इस संग्रहालय में प्राचीन समय की चट्टानें भी देखने को मिल जाएगी।
पुराने कंकाल से लेकर मुगल काल की चित्रकला तक सबकुछ
भारतीय म्यूजियम इतना बड़ा म्यूजियम है कि अगर इसे सही तरीके से घूमा जाए तो करीब 2 से 3 दिन का समय लग सकता है। अगर आप भी इस म्यूजियम को सही तरीके से घूमना चाहते हैं तो इसे आप कुछ इस तरह से बांट सकते हैं, जैसे- भारत की कला, पुरातत्व, नृविज्ञान, भूविज्ञान, प्राणीशास्त्र और आर्थिक वनस्पति शास्त्र। इस म्यूजियम में हजारों साल पुराने मानव कंकाल से लेकर मुगल काल की चित्रकला तक भारत को एक साथ सहेज कर रखा गया है, जो भारतीय विरासत को दर्शाता है।
भारतीय म्यूजियम का इतिहास
भारतीय म्यूजियम का पुराना नाम इंपीरियल म्यूजियम (Imperial Museum) था, जिसे बाद में बदलकर इंडियन म्यूजियम (Indian Museum) रखा गया। भारतीय संस्कृति और विरासत को सहेजती इस संग्रहालय का निर्माण साल 1814 में हुआ था, इसके निर्माण में विलियम जॉन्स ने अहम योगदान दिया। इसके बाद से ही देश में म्यूजियम बनने का दौर शुरू हुआ। इसकी स्थापना एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल ने की थी, जो नेथेलिन वैलीच की देख-रेख में बनाया गया था।
जाने का समय - मंगलवार से शुक्रवार तक सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम के 6:30 बजे तक और शनिवार व रविवार को सुबह 10:00 बजे से लेकर शाम 8:00 बजे तक
भारतीय संग्रहालय कैसे पहुंचें
नजदीकी हवाई अड्डा - कोलकाता एयरपोर्ट (25 किमी.)
नजदीकी रेलवे स्टेशन - हावड़ा (6 किमी.) व सियालदाह (4 किमी.)
(सड़क मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है)