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एमपी के फ़ूड कैपिटल कहे जानें वाले इंदौर में क्या है एक टूरिस्ट और ट्रैवलर के लिए

By Syedbelal

हम आपको अपने पिछले कई लेखों में भारत के सबसे महत्त्वपूर्ण राज्यों में शुमार मध्य प्रदेश से अवगत करा चुके हैं।आज पर्यटन के चाहने वालों के लिए मध्य प्रदेश में ऐसा बहुत कुछ है जिसकी कल्पना उन्होंने अपने सपनों में की होगी। चाहे मंदिर हों ,वन्यजीवन, ऐतिहासिक स्मारक या फिर प्राकृतिक सुंदरता मध्य प्रदेश ने हमेशा ही देश के अलावा दुनिया भर के पर्यटन के दीवानों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। या दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि बिना मध्य प्रदेश की कल्पना के भारत में पर्यटन की बात लगभग अधूरी है।

इन्हीं बातों के मद्देनजर आज हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं मध्य प्रदेश के एक ऐसे डेस्टिनेशन से जिसे इस खूबसूरत राज्य का दिल कहा जाता है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं इंदौर की। इंदौर, मध्‍यप्रदेश के मालवा के पठार पर स्थित है जहां पर्यटक खुशी से सैर के लिए जाते है। यह मानव - निर्मित आकर्षण भूमि है, इंदौर को मध्‍यप्रदेश का दिल कहा जाता है।

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इंदौर पर्यटन आपको एक ऐसे खूबसूरत शहर की सैर पर ले जाता है जहां चमचमाती नदियां, शांत झीलें और बुलंद पठार मनोरम दृश्‍य प्रस्‍तुत करते है। यहां की अद्भूत प्राकृतिक सौंदर्य वाली भूमि, इंदौर की सुंदर वास्‍तुकला और महिमा को बखूबी दर्शाती है। इस शहर में दो नदियों, खान और सरस्‍वती के संगम की बात कही जाती है। इंदौर में प्राकृतिक वंडर्स के बीच एक सुंदर संतुलन है जो अतीत और वर्तमान का खूबसूरत मिश्रण है।

पर्यटन की दृष्टि से इंदौर में संरचनात्‍मक, सांस्‍कृतिक और सामाजिक जीवन में जीवंतता देखने का मिलती है। तो अब देर किस बात की, आइये इस लेख के जरिये जाना जाए कि इंदौर के ऐसे कौन कौन आकर्षण हैं जिनको अपनी यात्रा पर आपको अवश्य देखना चाहिए।

अन्‍नपूर्णा मंदिर

अन्‍नपूर्णा मंदिर

अन्‍नपूर्णा, इंदौर में स्थित एक भव्‍य मंदिर है। यह मंदिर कई कारणों से प्रसिद्ध है। यह इंदौर का सबसे पुराना मंदिर है। इस मंदिर को 9 वीं शताब्‍दी में भारत और आर्य व द्रविड़ स्‍थापत्‍य शैली के मिश्रण से बनाया गया था। इस मंदिर की ऊंचाई 100 फीट से भी अधिक है। यह मंदिर, हिंदूओं की देवी अन्‍नपूर्णा को समर्पित है जिन्‍हे भोजन की देवी माना जाता है। मंदिर की अद्भुत स्‍थापत्‍य शैली, विश्‍व प्रसिद्ध मदुरै के मीनाक्षी मंदिर से प्रेरित लगती है। मंदिर का द्वार काफी भव्‍य है। चार बड़े हाथियों की मूर्ति द्वार पर सुसज्जित हैं।

छत्री बाग

छत्री बाग

छत्री बाग एक ऐसा स्‍थान है जहां कई स्‍मारक छतरियों के रूप में मौजूद है जिन्‍हे छत्री के नाम से जाना जाता है। ये स्‍मारक, होलकर राजवंश के शासकों और उनके परिवारीजनों की स्‍मृति में समर्पित है। छत्री बाग, खान नदी के पास में स्थित है। छत्री बाग के स्‍मारक, गु्ंबद आकार के है और उनके शीर्ष पर पिरामिड मीनारें बनी हुई हैं। प्रत्‍येक छत्री, किसी एक राजा या रानी की अंत्‍येष्टि स्‍थल है जिसे स्‍मारक कहा जाता है। इस जगह का मुख्‍य आकर्षण, मल्‍हार राव होलकर, जो कि होलकर वंश के संस्‍थापक थे, उनको समर्पित स्‍मारक है। इस जगह रात की सैर आंगतुकों के लिए विशेष महत्‍व रखती है।

मेघदूत उपवन

मेघदूत उपवन

मेघदूत उपवन, इंदौर के सभी पार्को में सबसे बड़ा पार्क है। बेहद लोकप्रिय यह पार्क, स्‍थानीय लोगों के बीच के साथ - साथ यहां आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक मुख्‍य आकर्षण है। यह पार्क, सप्‍ताह से सभी दिनों में लोगों व बच्‍चों से भरा रहता है लेकिन सप्‍ताह के अंत में यहां भीड़ बहुत बढ़ जाती है। छुट्टियों के दौरान यहां लोगों का आना जाना काफी ज्‍यादा होता है। स्‍थानीय लोगों को इस पार्क में अपने बच्‍चों व परिवारों के साथ अच्‍छा समय बिताते हुए देखा जा सकता है।

कांच मंदिर

कांच मंदिर

कांच मंदिर, इंदौर का एक भव्‍य मंदिर है। यह मंदिर सफेद पत्‍थर से बना हुआ है। इस मंदिर को एक मध्‍ययुगीन हवेली के रूप में बनाया गया है जिसमें एक चंदवा बालकनी और शिकारा भी है। मंदिर का अंदरूनी हिस्‍सा पूरी तरह कांच से निर्मित है। कांच मंदिर एक जैन मंदिर है जिसे 20 वीं सदी के मशहूर कपास व्‍यापारी हुकुमचंद ने बनवाया था। मंदिर में कांच का शानदार काम हुआ है। मंदिर के अंदर दीवारें, छत, खंभे, फर्श, दरवाजे आदि सब कुछ कांच से तैयार किया गया है। मंदिर की आंतरिक संरचना में कई रंगों के कांच को लगाया गया है जो इमारत को शानदार बनाते है।

बड़ा गणपति मंदिर

बड़ा गणपति मंदिर

बड़ा गणपति मंदिर, इंदौर के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यह मंदिर गणेश जी की विशाल प्रतिमा के कारण विख्‍यात है। गणेश जी की यह मूर्ति 25 फीट ऊंची है जिसे पूरी दुनिया में गणपति की सबसे ऊंची मूर्ति माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 1875 में किया गया था। यह इस मूर्ति के विन्‍यास का सबसे दिलचस्‍प किस्‍सा है। इस मूर्ति का निर्माण ईटों, चूने के पत्‍थरों, गुड़, सात पठारों की मिट्टी, घोडों, गाय और हाथियों के पैरों कुचली मिट्टी व कीचड़, पंचरत्‍नों के पाउडर ( हीरा, पन्‍ना, मोती, माणिक और पुखराज ) और कई धार्मिक स्‍थलों के पवित्र जल से किया गया है।

पातालपानी

पातालपानी

पातालपानी एक सुंदर और अध्भुत झरना है जो इंदौर शहर से 36 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह झरना 300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लेकिन इस झरने की गहराई के बारे में कोई अंदाजा नहीं है। झरने के बारे में काफी बातें कही जाती है, कुछ लोगों का मानना है कि झरना, पाताल तक गहरा है और इसी कारण इस झरने का नाम पातालपानी है।

रजवाड़ा पैलेस

रजवाड़ा पैलेस

रजवाड़ा महल, इंदौर पर्यटन के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। रजवाड़ा, होलकर राजवंश के शासकों की ऐतिहासिक हवेली है। इस महल का निर्माण लगभग 200 साल पहले हुआ था और आज तक यह महल पर्यटकों के लिए एक विशेष आकर्षण रखता है। इस महल की वास्‍तुकला, फ्रैंच, मराठा और मुगल शैली के कई रूपों व वास्‍तुशैलियों का मिश्रण है। यह इमारत, शहर के बीचों-बीच शान से खड़ी है जो सात मंजिला इमारत है। इस महल का प्रवेश बेहद सुंदर व भव्‍य है। एक महान तोरण, महल के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है।

कैसे जाएं इंदौर

कैसे जाएं इंदौर

फ्लाइट द्वारा - इंदौर में देवी अहिल्‍याबाई होलकर हवाई अड्डा स्थित है जो देश के अधिकाश: भागों से जुड़ा हुआ है। यह एयरपोर्ट, देश के कई प्रमुख शहरों से भली - भांति जुड़ा हुआ है। कई महानगरों को उड़ान भने वाली फ्लाइट भी इंदौर से होकर गुजरती है। यहां की सुविधाएं और बुनियादी ढांचे सराहनीय है।

ट्रेन द्वारा - इंदौर, रेलवे के माध्‍यम से देश के बाकी हिस्‍सों से अच्‍छी तरह से जुड़ा हुआ है। इस शहर में चार रेलवे स्‍टेशन है जिन्‍हे राजेन्‍द्र नगर, लोकमान्‍य नगर, सैफी नगर और लक्ष्‍मीबाई नगर के नाम से जाना जाता है। यह सभी स्‍टेशन आसपास के शहरों व कस्‍बों से जुड़े हुए हैं। इंदौर से चारों महानगरों के लिए सीधी ट्रेनें हैं

सड़क मार्ग द्वारा - इंदौर में एक मजबूत रेलवे नेटवर्क है जो मध्‍यप्रदेश के विभिन्‍न शहरों व हिस्‍सों से अच्‍छी तरह जुड़ा हुआ है। इंदौर से राष्‍ट्रीय राजमार्ग - 3, राष्‍ट्रीय राजमार्ग - 69, राष्‍ट्रीय राजमार्ग - 86 आदि होकर गुजरते है। इंदौर से रोडवेज और अन्‍य बस सेवाएं चलती हैं जो बेहद सुविधाजनक है।

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