राजस्थान सिर्फ किलो का ही राज्य नहीं है बल्कि आप यहां बेहद खूबसूरत केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान की भी सैर कर सकते हैं।जी हां केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान राजस्थान के भरतपुर जिले में स्थित है। इस राष्ट्रीय उद्यान का निर्माण 250 वर्ष पहले महाराजा सूरजमल ने करवाया था। वर्ष 1982 में भरतपुर पक्षी अभ्यारण्य को राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया और इसका नाम केवलादेव घना राष्ट्रीय उद्यान रखा गया। वर्ष 1985 में यूनेस्को ने इस उद्यान विश्व विरासत स्थान की मान्यता दी।
इस राष्ट्रीय उद्यान में मौजूदा समय में इस पार्क में कछुओं की 7 किस्में, मछलियों की 50 किस्में और उभयचरों की 5 किस्में पाई जाती हैं। इसके अलावा यह उद्यान पक्षियों की लगभग 375 किस्मों का प्राकृतिक आवास है।
मानसून के मौसम के दौरान देश के प्रत्येक भागों से पक्षियों के झुंड यहाँ आते हैं। पानी में पाए जाने कुछ पक्षी जैसे सिर पर पट्टी और ग्रे रंग के पैरों वाली बतख, कुछ अन्य पक्षी जैसे पिनटेल बतख, सामान्य छोटी बतख, रक्तिम बतख, जंगली बतख, वेगंस, शोवेलेर्स, सामान्य बतख, लाल कलगी वाली बतख, और गद्वाल्ल्स यहाँ पाए जाते हैं। केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटक अन्य पक्षी जैसे शाही गिद्ध, मैदानी गिद्ध, पीला भूरा गिद्ध, धब्बेदार गिद्ध, हैरियर गिद्ध और सुस्त गिद्ध देख सकते हैं। पक्षियों के अलावा पर्यटक जानवर जैसे काला हिरन, पायथन, साम्बर, धब्बेदार हिरण और नीलगाय देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे
भरतपुर का नजदीकी एयरपोर्ट दिल्ली आगरा एवम जयपुर है। एयरपोर्ट से पर्यटक आसानी से टैक्सी द्वारा भरतपुर बर्ड सेंचुरी पहुंच सकते हैं।
रेल / ट्रेन द्वारा
नियमित रेल सेवाएं भरतपुर को दिल्ली, मुंबई, जयपुर और आगरा जैसे सभी प्रमुख शहरों से जोड़ती हैं। भरतपुर रेलवे स्टेशन पार्क / पक्षी अभयारण्य से करीब 6 किमी दूर है।
सड़क द्वारा
सड़कों का एक उत्कृष्ट नेटवर्क भरतपुर को राजस्थान के सभी प्रमुख शहरों और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से जोड़ता है। भरतपुर की निम्न शहरों से दूरी
भरतपुर-आगरा (56 किलोमीटर, 5 घंटे),
भरतपुर-दिल्ली (184 किलोमीटर, 6 घंटे)
भरतपुर-जयपुर (176 किलोमीटर, 6 घंटे)
टिप्स
-पर्यटक इस उद्यान की सैर विद्युत गाडियांऔर पैदल, साईकिल या साईकिल रिक्शे द्वारा कर सकते हैं। इच्छुक पर्यटक उद्यान अधिकारियों की अनुमति से किफ़ायती दाम पर किराये की साईकिल ले सकते हैं।
-बर्ड वाचिंग के लिए पर्यटक दूरबीन आदि का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।