केरल का शुमार भारत के सबसे खूबसूरत टूरिस्ट डेस्टिनेशनों में होता है। आज केरल और पर्यटन एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। वो लोग जो दुनिया भर की सैर की इच्छा रखते हैं, उनके लिए केरल का सफर बेहद यादगार होगा। यूँ तो केरल में देखने के लिए बहुत कुछ है मगर हमारा सुझाव है कि जीवन में एक बार आप प्राकृतिक परिदृश्य से लिप्त इडुक्की की यात्रा अवश्य करें।
खुदा का अपना घर' कहा जाने वाला इडुक्की, पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है। हरे-भरे व घने वनों से घिरे तथा हरित पर्वतों से सुशोभित यह स्थान, भारत की सबसे ऊंची चोटी अनामुडी के यहां होने पर इतराता है। इसके अलावा, यहां दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्क बांध भी है। ‘खुदा का अपना घर' कहा जाने वाला इडुक्की, पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल है।
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हरे-भरे व घने वनों से घिरे तथा हरित पर्वतों से सुशोभित यह स्थान, भारत की सबसे ऊंची चोटी अनामुडी के यहां होने पर इतराता है। इसके अलावा, यहां दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्क बांध भी है। चेर राजवंश के एक हिस्सा होने के नाते तथा कई प्रारम्भिक यूरोपीय जातियों के यहां बसने की वजह से इडुक्की इतिहास में भी उल्लेखनीय है। यह स्थान सदियों तक एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है क्योंकि यहां से शीशम, चंदन, हाथीदांत, और मोर आदि का सुदूरवर्ती देशों में निर्यात किया जाता था।
" title=" एडवेंचर के शौकीनों और डर को जीतने वालों का हॉटस्पॉट" loading="lazy" width="100" height="56" /> एडवेंचर के शौकीनों और डर को जीतने वालों का हॉटस्पॉट
तो आइये जानें खुदा के घर इडुक्की की यात्रा पर क्या क्या देख सकते हैं आप।
कैसे पहुँचें इडुक्की
इडुक्की, यहां से गुजरने वाले 6 राज्य राजमार्गों द्वारा जुड़ा हुआ है। यह भी राष्ट्रीय राजमार्ग 49 पर स्थित है। यहां केरल राज्य बस सेवाओं के साथ ही टैक्सी सेवाओं के माध्यम से भी पहुँचा जा सकता है। निजी और लक्जरी बस सेवाएं भी सड़क मार्ग से यात्रा का सुखद अनुभव प्रदान करते हैं।
चेरूथनी बांध
केरल के इडुक्की जिले में स्थित चेरूथनी बांध एक और प्रसिद्ध बांध है। बांध चीरूनथनी नदी पर बनाया गया है। यह नदी पेरियार नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी है। इस बांध से जल विद्युत शक्ति बनती है जिससे आस-पास के स्थानों को विद्युत आपूर्ति होती है।यह इडुक्की जलाशय परियोजना का तीसरा बांध है। फोटोग्राफी के लिए एक अच्छी जगह है।
इडुक्की आर्क बांध
इडुक्की आर्क बांध प्रतिदिन नजदीक तथा दूर-दराज के बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह दुनिया का दूसरा और एशिया का पहला आर्क बांध है। बांध कुरूवनमाला तथा कुरूथिमाला पहाड़ियों के बीच पेरियार नदी पर खूबसूरती से बनाया गया है। यह एक जल विद्युत बिजली स्टेशन है जोकि 5 नदियों, 20 अन्य बांधों, एक भूमिगत विद्युत जनरेटर और भूमिगत सुरंगों का गठन है। इडुक्की आर्क बांध 550 फुट लंबा और 650 फुट चौड़े क्षेत्र में फैला हुआ है। यह चेरूथनी बैराज के समीप इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य बांध के निकट स्थित है।
कैलवरी माउंट
कैलवरी माउंट इडुक्की से 5 किमी दूर कट्ट्पन- इडुक्की मार्ग पर स्थित है। कैलवरी माउंट एक खड़ी ढलान पर स्थित है तथा एक पर्यटक हाटस्पाट है। यह जगह गुड फ्राइडे और रोज़ा के दौरान होने वाले जुलूस के लिए प्रसिद्ध है। अप्रैल माह के दौरान यीशु मसीह के क्रूसिफिकेशन(सूली) की याद को मनाने के लिए भक्त क्रास लेकर जुलूस निकालते हैं। यहां आप आप-पास के स्थानों की एक मनोरम झलक देख सकते हैं। एक कोण से आप इडुक्की आर्क बांध से अयप्पनकोविल तक देख सकते है तथा दूसरी ओर से आप कामाक्षी और मरियापुरम गांवों में देख सकते हैं।
कुलामावु
कुलामावु, इडुक्की जिले में सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है। यह समुद्र तल से लगभग 3,000 फुट ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान सांस रोक देने वाले विचारों के लिये पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह ट्रैकिंग के लिए भी एक अच्छी जगह है। कुलामावु बांध इडुक्की जलाशय परियोजना के तीन बांधों में से एक है। यह बांध इस जगह की यात्रा के लिए कई पर्यटकों को आकर्षित करता है। चट्टानी पहाड़ों के मध्य स्थित कुलामावु 33 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला एक जलाशय है।
करिंजमाला अभयारण्य
करिंजमाला अभयारण्य अनेक दुर्लभ वनस्पतियों तथा विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों का बसेरा है। इसमें देवकुलम तालुक के वत्तवदा और कोटकम्बूर गांवों के साथ-साथ इडुक्की जिले का भी क्षेत्र सम्मलित है। इसके अलावा, यहां लगभग 32 किमी क्षेत्र में नीलकुरूंज वृक्ष हैं, जो एक लुप्तप्राय प्रजाती है। 2006 के नीलकुरूंज उत्सव में, यह स्थान एक अभयारण्य घोषित किया गया।
पेनावु
पेनावु इडुक्की का एक अन्य आकर्षण है। जिले का मुख्यालय होने के नाते, इडुक्की एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र भी है। इडुक्की आर्क बांध और चेरूथनी बांध दोनों इस जगह से लगभग 7 किमी दूर स्थित हैं। यह जगह अपनी खूबसूरत और सुखदायक वातावरण के लिए जानी जाती है। यह छोटा सा शहर घने व सदाबहार वनों से भरा हुआ है। आस-पास के तथा दूर से लोग जंगल में ट्रैकिंग अभियानों के लिए आते हैं।
रमाकलमेडु
रमाकलमेडु इडुक्की में अवश्य घूमने वाला पर्यटक आकर्षक स्थल है। यह ऐतिहासिक महत्व का एक मनोरम पहाड़ी स्टेशन है। यहां पर कुरूथी की प्रतिमा और कुरूवर स्मारक हैं। अतीत के ये दोनों तत्व संगम काल की ओर इशारा करते हैं।रमाकलमेडु का मतलब है वह भूमि, जहां भगवान राम ने अपना पैर रखा, क्योंकि यह माना जाता है कि भगवान राम अपनी पत्नी को खोजते यहां आये थे तथा उन्होनें रमाकलमेडु के किनारे कदम रखा था।
थेक्कड पक्षी अभयारण्य
थेक्कड बर्ड या सलीम अली पक्षी अभयारण्य के रूप में जाना जाने वाला यह अभयारण्य, एर्नाकुलम में स्थित है। इस स्थान पर सबसे अधिक भीड़ पक्षी प्रेमियों की रहती है। यह अभयारण्य भी कई स्वदेशी सरीसृपों और जानवरों का आश्रय है। विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी नवंबर से जून माह के दौरान यहाँ आते हैं। इसलिए इस अवधि के दौरान कई पक्षी प्रेमी यहां घूमने आते हैं। लुप्तप्राय पक्षियों की कई प्रजातियां यहाँ आती हैं तथा आगंतुकों को आकर्षित करती हैं।
थामंकुथु जलप्रपात
थामंगकुथु जलप्रपात 1500 मीटर लम्बा झरना है जो इडुक्की जिले में थोडुपुजा शहर से 17 किमी दूर है। यह छोटा लेकिन बहुत खूबसूरत झरना है। बहुत सारे पर्यटक यहां इस झरने तथा इसकी सुंदर पृष्ठभूमि को निहारने आते हैं। यह झरना एक जनजातीय नेता थम्मन के नाम पर है।