
पक्षी उड़ते हैं, इस बात कोई नहीं नहीं जानता है, लेकिन क्या आप भारत में उड़ने वाले जानवरों के बारे में जानते हैं? क्या आपको नहीं पता, क्या आप अब तक यह सोचकर बैठे थे, कि आप उड़ने वाले जानवरों को सिर्फ विदेशों में देख सकते हैं। तो ऐसा नहीं जनाब! भारत में जानवरों की कई ऐसी प्रजातियां पायीं जाती है, जो हवा में उड़ सकती है। तो बिना देरी किये इन जानवरों के बारे में जानते हैं और जानते है कि, आखिर ये विचित्र प्रजाति कहां कहां देखी जा सकती है?

फ्लाइंग फॉक्स
नाम पढ़कर ही समझ गये होंगे कि हम अब किस उड़ने वाले जानवर की बात करने जा रहे हैं? जी हां हम बात करने जा रहे हैं, उड़ने वाली चालाक लोमड़ी की, यह पूरी तरह लोमड़ी तो नहीं है, बल्कि एक प्रकार का चमगादड़ है, जिसका चेहरा और सिर लोमड़ी से मिलता-जुलता है। इसीलिए इसे उड़ने वाली लोमड़ी का नाम दिया गया है। यह जीव देखने में बेहद ही खतरनाक होता है, ये फ्लाइंग फॉक्स उष्णकटिबंधीय जंगलों और दलदल में रहते हैं। Pc:Ann Hudgins

उड़ने वाली छिपकली

उड़ने वाला मेढ़क
बारिश के मौसम पूरी रात टर्र टर्र करने वाले मेढ़क को कभी आपने टर्राने के अलावा उड़ते हुए देखा है? खैर ज्यादा ना सोचें, भारत में उड़ने वाला मेढ़क भी पाया जाता है, जोकि रानिडे परिवार की एक प्रजाति है। उड़ने वाला मेढ़क भारत में पाई जायी जाने वाली एक दुर्लभ प्रजाति है । यह मेढ़क उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय नम निचले जंगल, उपोष्णकटिबंधीय या उष्णकटिबंधीय नम पहाड़ और नदियों में पाया जाता है।

पैराशूट वाली गिलहरी
आपने गिलारियां तो खूब देखी होगी पेड़ पर दौड़ भाग करती हुई, लेकिन क्या कभी पैराशूट लेकर उड़ने वाली गिलहरी के बारे में सुना या फिर उड़ती हुई गिलहरी को देखा है? आपको बता दें पूरे विश्व में उड़ने वाली गिलहरी की 45 प्रजातियाँ है, जिसमे 12 सिर्फ भारत में पायी जाती हैं। उड़न गिलहरी के नाम से जानी जाने वाली ये गिलहरी सिर्फ रात को ही निकलती है। ये रात के अँधेरे में अपनी बड़ी बड़ी आँखों से साफ साफ़ देख सकती हैं, यह आम गिलहरी के मुकाबले काफी बड़ी होती है। उत्तर पूर्वी भारत इन उड़ान गिलहरी प्रजातियों में से कुछ का घर है। Pc:Angie spuc

उड़ने वाला सांप
ह्म्म्म सांप का नाम सुनते हमारे रौंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन आपने अभी तक सांप को जमीन पर सरपट-सरपट दौड़ते हुए ही देखा होगा। लेकिन भारत में सांप की एक ऐसी प्रजाति, जो हवा से बातें करता है, जिसे क्रिसोपेलिया के नाम से जाना जाता है। 3-4 फीट के ये सांप एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक जाने लिए अपनी उड़ान का इस्तेमाल करते हैं । ये सांप एक पेड़ से दूसरे पेड़ तक उड़ान भरने के लिए अपने सिर से पूंछ की तरफ तक अपने शरीर को चपटा कर लेता है। इस आकार में आकर यह अपनी पसलियों को सिर की दिशा में आगे की ओर व रीढ़ की दिशा में ऊपर की ओर घुमा पाता है। इस अवस्था में इसकी चौड़ाई दोगुनी हो जाती है और क्रॉस सेक्शन कर यह एक विशेष आकार पा लेता है जिसके कारण ही इसका उड़ना संभव हो पाता है। भारत में आप उड़ते हुए सांपों को पश्चिमी भारत के राज्य गुजरात में देख सकते हैं।