पूरी दुनिया में कई ऊंची-ऊंची इमारतें हैं और आप में कई ऐसे में लोग होंगे, जिसने इन इमारतों को करीब से देखा होगा। लेकिन क्या आप किसी ऐसे इमारत के बारे में जानते हैं जो ऊंचा तो खूब हो लेकिन हद से पतला हो। अब आप सोच रहे होंगे कि कोई इमारत पतला होने के साथ ऊंचा कैसे होगा? वो तो हवा की रफ्तार के आगे टिक ही नहीं पाएगा और गिर जाएगा। लेकिन ऐसा नहीं है दुनिया में एक ऐसी इमारत हैं, जो काफी ऊंची है और दुनिया की सबसे पहली इमारत के नाम से विख्यात भी।
दुनिया की सबसे पतली इमारत
इस इमारत का नाम है- स्टेनवे टावर। इस इमारत को दुनिया की सबसे पतली बिल्डिंग (World's Thinnest Skyscraper) होने का दर्जा मिला है। इस इमारत की ऊंचाई 1428 फीट है, जिसमें 84 मंजिल बने है। इसके बनाने वाले डेवलपर्स का दावा है कि इस टावर के ऊंचाई और चौड़ाई का अनुपात 24:1 है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह इमारत दुनिया की सबसे मजबूत कंक्रीट से बनाई गई है। वहीं, इसकी ऊंचाई 1000 फीट है।
हवाओं में लहराता है इमारत
टावर के इंजीनियर रॉवन विलियम्स (Rowan Williams) ने कहा था कि स्टेनवे टावर 1000 फीट ऊंचा है, जो 100 मील प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं में लहरा भी सकता है लेकिन इससे इसके अंदर मौजूद लोग इसे महसूस नहीं कर सकते, जो इस टावर को और भी बेहतरीन बनाती है और लोग इसमें बिना किसी डर के साथ रह सकते हैं।
15000 करोड़ की लागत से बनी है स्टेनवे टावर
इस इमारत में कुल 60 अपार्टमेंट बनाए गए है, जिसकी कीमत करीब 7.75 मिलियन डॉलर (करीब 58 करोड़ रुपये) से लेकर 66 मिलियन डॉलर (लगभग 330 करोड़ रुपये) के बीच रखी गई है। वहीं, इमारत के पेंट हाउस की कीमत अरबों में है। इस टावर को बनाने में कुल 15000 करोड़ रुपये की लागत आई है। हालांकि, इसे पहले एक हॉल के रूप में डिजाइन किया गया था।
9 साल में बना है स्टेनवे टावर
जानकारी के मुताबिक, इस टावर को न्यूयॉर्क की एक आर्किटेक्चर फर्म एसओओपी आर्किटेक्ट्स ने डिजाइन किया है। वहीं, इसे जेडीएस डेवलपमेंट, प्रॉपर्टी मार्केट्स ग्रुप और स्प्रूस कैपिटल ने मिलकर बनाया है। बताया जा रहा है कि इस इमारत को तैयार होने में कुल 9 साल का समय लगा था। शहर के बीच में स्थित यह इमारत काफी अलग व आकर्षक दिखाई देता है। इसकी वास्तुकला भी काफी जबरदस्त है, जो किसी को भी इसका दीवाना बना सकती है।
लोगों के खतरा बन रहा स्टेनवे टावर
न्यूयार्क सिटी में स्थित होने के चलते इमारत की ऊपरी सतह पर बर्फ जम जाती है, जो पारा चढ़ते ही पिघलने लगती है, जिसके बाद इसकी छत से बर्फ के छोटे-बड़े टुकड़े नीचे गिरते हैं। अब तक इससे कई लोग घायल हो चुके हैं और कई गाड़ियां भी इसकी चपेट में आ चुकी है। ऐसी इमारतों में रहना हर इंसान का एक सपना जैसा होता है कि जब वे सुबह उठकर बाल्कनी में जाए तो पूरे शहर का नजारा देखने को मिले। लेकिन हमारा मानना है कि ऐसी इमारतों में रहना सेफ नहीं है, बेहद खतरनाक है। कभी भी घटनाएं हो सकती है।
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