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बाघ प्रेमियों के लिए ये टाइगर रिजर्व है बेस्ट, जानिएं इससे संबंधित पूरी जानकारी

बाघ, देश का राष्ट्रीय पशु और एक शाही जानवर है, जिसे साहस और गरिमा का प्रतीक माना जाता है। यह उन वैश्विक प्रजातियों में से एक है, जो अब धीरे-धीरे विलुप्त होने के कगार पर है। इसका वैज्ञानिक नाम पेंथेरा टिग्रिस है। देश में पिछले कुछ समय में बाघों की संख्या बढ़ी है, जिससे अब भारत में बाघों की संख्या 3000 के आसपास हो गई है, जो विश्व का करीब 75 फीसदी है।

तो ऐसे में बाघों को देखने के लिए भारत से बेहतर और कौन सी जगह हो सकती है? देश में कुल 50 से अधिक टाइगर रिजर्व है, तो अगर आप बाघ प्रेमी हैं तो एक वीकेंड ट्रिप प्लान कर आप इन्हें देख सकते हैं। इस आर्टिकल में हम आपको टॉप 10 टाइगर रिजर्व के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां आप एक खूबसूरत वातावरण में इस जानवर को देख पाएंगे।

1. नागार्जुन सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व

1. नागार्जुन सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व

नागार्जुन सागर-श्रीशैलम टाइगर रिजर्व, आंध्र प्रदेश में स्थित देश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है, जहां कुल मिलाकर 110 के आसपास बाघों की संख्या है। 1983 में स्थापित हुआ यह रिजर्व पांच राज्य के पांच जिलों- महबूब नगर, गुंटूर, प्रकाशम, नालगोंडा और कुरनूल, में फैला है, जिसका कुल क्षेत्रफल 3,728 वर्ग किमी. है। यहां पर आपको कई छोटी पहाड़ियां, सुगम्य जंगल और एक बड़ा सा डैम भी देखने को मिलता है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध अभयारण्यों में से एक है, क्योंकि यहां अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव प्रेमी भी आते हैं। यह टाइगर रिजर्व बाघ के अलावा हाथी, गौर, सांभर, भालू, और समृद्ध वनस्पतियों एवं जीवों के साथ कई अन्य प्रजातियों की मेजबानी करता है।

जाने का सही समय - अक्टूबर से जून

2. रणथंभौर टाइगर रिजर्व

2. रणथंभौर टाइगर रिजर्व

रणथंभौर टाइगर रिजर्व, राजस्थान के सवाई माधोपुर शहर के पास में स्थित है, जहां कुल मिलाकर 80 से अधिक बाघ रहते हैं। 1980 में स्थापित हुआ यह रिजर्व 1,334 वर्ग किमी. में फैला है। यहां बंगाल टाइगर के साथ-साथ हाथी, तेंदुआ, गौर (एक प्रकार की जंगली गाय), चीतल (एक प्रकार की जंगली बिल्ली), सांभर हिरण और मंटजेक हिरण जैसे अन्य जानवरों का घर है।

जाने का सही समय - अक्टूबर से जून

3) बांदीपुर टाइगर रिजर्व

3) बांदीपुर टाइगर रिजर्व

बांदीपुर टाइगर रिजर्व, कर्नाटक के चामराजनगर जिले में स्थित है और नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व का एक अभिन्न अंग है, जहां कुल मिलाकर 380 से अधिक बाघ रहते हैं। 1974 में स्थापित हुआ यह रिजर्व 874 वर्ग किमी. में फैला है। यहां 30 मीटर से भी ऊंचे कई विशाल पेड़ है, जो इस घने जंगल की मेजबानी करते हैं। यहां पर कई नदियां है, जो इस जंगल के बीच से होकर गुजरती हैं और इसे और भी खूबसूरत बनाती हैं। इसके अलावा यहां पेड़ों और पौधों की 360 से अधिक प्रजातियां हैं।

जाने का सही समय - अक्टूबर से मार्च

4. जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व

4. जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व, उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है, जो भारत का पहला राष्ट्रीय उद्यान (साल 1936) और पहला टाइगर रिजर्व (साल 1973 में घोषित) भी है। इसका क्षेत्रफल 1318 वर्ग किमी. है। यहां बाघों (संख्या- 231) के अलावा हाथी, तेंदुआ और गैंडों के साथ-साथ बंदर और हिरण सहित कई अन्य प्रजातियां शामिल हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में आपको हरियाली का पूर्ण समायोजन देखने को मिलेगा, जो आपकी यात्रा को और भी रोचक बना देता है।

जाने का सही समय - नवंबर से फरवरी

5. सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान

5. सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान

सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान, राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है, जहां कुल मिलाकर 27 बाघ है। इसे साल 1955 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में मान्यता दी गई थी और साल 1979 में इसे एक राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था, जिसका कुल क्षेत्रफल 881 वर्ग किमी. है। यहां बाघ के अलावा तेंदुआ, हाथी, मगरमच्छ और हिरण भी शामिल हैं। यहां पर आपको हरियाली से भरा एक खूबसूरत जंगल देखने को मिलेगा, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी माना जाता है।

जाने का सही समय - अक्टूबर से फरवरी

6. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

6. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में है, जहां कुल मिलाकर 150 से ज्यादा बाघ है। 1993 में स्थापित यह रिजर्व 716 वर्ग किमी. में फैला है। यह रिजर्व बाघों और अन्य वन्यजीवों की बहुतायत के लिए जाना जाता है और शाही बंगाल टाइगर के बड़ी आबादी के लिए जाना जाता है। यहां बाघों के अलावा तेंदुआ, चीतल (चित्तीदार हिरण), जंगली बिल्लियां और जंगली सूअर भी शामिल हैं। यहां पक्षियों की 350 से अधिक प्रजातियां, सरीसृपों की 38 प्रजातियां, उभयचरों की 26 प्रजातियां, मछलियों की कई प्रजातियां और बड़ी संख्या में दुर्लभ कीड़े हैं।

जाने का सही समय - अक्टूबर से मार्च

7. सुंदरवन टाइगर रिजर्व

7. सुंदरवन टाइगर रिजर्व

सुंदरवन टाइगर रिजर्व, पश्चिम बंगाल में स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। यह बांग्लादेश की सीमा से लगता हुआ दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव वन के रूप में जाना जाता है। 1984 में स्थापित इस रिजर्व का क्षेत्रफल 1,330 वर्ग किमी. है। यहां बंगाल टाइगर के अलावा हाथी और गैंडा भी पाया जाता है। इसकी सुंदरता के चलते यहां ना सिर्फ देशी पर्यटक आते हैं बल्कि विदेशी पर्यटकों के डेस्टिनेशन लिस्ट में भी ये शामिल है।

जाने का सही समय - सितंबर से मार्च

8. पेरियार टाइगर रिजर्व

8. पेरियार टाइगर रिजर्व

पेरियार टाइगर रिजर्व, केरल के पश्चिमी घाट हिस्से में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है, जहां बाघों के अलावा हाथी, तेंदुए, लंगूर (एक बंदर प्रजाति), बाघ, हिरण और नीलगिरि तहर (एक प्रकार का पहाड़ी बकरी) शामिल हैं। यह केरल का पहला बाघ अभयारण्य है, जिसका क्षेत्रफल 305 वर्ग किमी. है। यहां पर पेरियार झील और हाथी अभयारण्य भी मौजूद है, जो पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।

जाने का सही समय - अप्रैल से जुलाई

9. कान्हा टाइगर रिजर्व

9. कान्हा टाइगर रिजर्व

कान्हा टाइगर रिजर्व, मध्य प्रदेश के सतपुड़ा के मैकाल रेंज में स्थित है, जो मंडला और कालाघाट, दो जिलों को कवर करता है, जहां कुल मिलाकर 150 से अधिक बाघ हैं। साल 1973 में स्थापित हुआ यह रिजर्व कुल 1945 वर्ग किमी. में फैला है। यह मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां बाघ के अलावा तेंदुआ, हाथी, भालू और गैंडा पाया जाता है। इस रिजर्व में कई दुर्लभ पक्षी भी पाए जाते हैं, जिनमें ब्राह्मणी पतंग भी शामिल है।

जाने का सही समय - अप्रैल से मई

10. मानस टाइगर रिजर्व

10. मानस टाइगर रिजर्व

मानस टाइगर रिजर्व, असम में स्थित एक संरक्षित क्षेत्र है। यह भारत के सबसे पुराने राष्ट्रीय उद्यानों और सबसे बड़े संरक्षित क्षेत्रों में से एक है। यहां बाघों की कुल संख्या 30 से ज्यादा है। 1974 में स्थापित यह रिजर्व 950 वर्ग किमी. से अधिक क्षेत्रफल में फैला है। यह हिमालय की तलहटी को छूता हुआ पड़ोसी देश भूटान में रॉयल मानस नेशनल पार्क से सटा हुआ है। यहां बाघों के अलावा तेंदुआ, हाथी, गैंडा समेत कई जानवर है। इसके अलावा यहां 400 से अधिक पक्षियों की भी प्रजातियां पाई जाती हैं। इतना ही नहीं यहां कई दुर्लभ औषधीय पौधे भी पाए जाते हैं।

जाने का सही समय - अक्टूबर से मई

क्या है टाइगर रिजर्व?

दुनिया में हर इंसान का कोई न कोई घर होता है। कुछ ऐसा ही है टाइगर रिजर्व, जिसे बाघों का घर माना जाता है। देश में बाघों की घटती आबादी को देखते हुए टाइगर रिजर्व बनाए जाते हैं। वर्तमान समय में भारत में कुल 55 टाइगर रिजर्व है, जिनमें कुल मिलाकर 2967 टाइगर है।

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