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तो क्या दिल्ली वाले अब कभी नहीं देख पायेंगे हनुमान की सबसे ऊँची मूर्ति को?

दिल्लीवासी करोलबाग़ स्थित हुनमान की 108 फीट की मूर्ति से तो काफी अच्छे से वाकिफ होंगे, क्यों कि जब भी आपने मेट्रो से सफर किया होगा तो यकीनन इसे देखा ही होगा। लेकिन अब दिल्ली वाले इस मूर्ति को करोल बाग़

By Goldi

दिल्लीवासी करोलबाग़ स्थित हुनमान की 108 फीट की मूर्ति से तो काफी अच्छे से वाकिफ होंगे, क्यों कि जब भी आपने मेट्रो से सफर किया होगा तो यकीनन इसे देखा ही होगा। लेकिन अब दिल्ली वाले इस मूर्ति को करोल बाग़ में नहीं देख सकेंगे।

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हां, ताजा खबरों की माने तो मूर्ति को बढ़ते जाम के चलते कहीं और शिफ्ट किया जा सकता है।दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में अवैध निर्माणों को लेकर नाराजगी जाहिर की है और अथॉरिटीज से कहा कि वे सेंट्रल दिल्ली में अतिक्रमण हटाने के लिए करोल बाग में लगी 108 फुट ऊंची हनुमान प्रतिमा को एयरलिफ्ट करके दूसरी जगह लगाने पर विचार करें।

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बता दें, यह मूर्ति... भक्तों की आस्था के साथ दिल्ली की एक पहचान बन गई है। आपने कई फिल्मों में भी हनुमान जी की इस मूर्ति को देखा होगा। मंदिर का प्रवेश द्वारा राक्षस का खुला हुआ मुंह है, जबान बाहर निकली है और ये खुला मुंह ही मंदिर का दरवाजा है। आप राक्षस की जबान पर पैर रखकर अंदर जा सकते हैं, जहां हनुमान की एक छोटी मूर्ति है, जिसकी पूजा-आरती की जाती है। साथ में काली माता का भी एक मंदिर है।

राम नाम के कागजों का हुआ है मूर्ति में उपयोग

राम नाम के कागजों का हुआ है मूर्ति में उपयोग

इस मूर्ति का निर्माण 13 वर्षों में सम्पन्न हुआ था। संचालन समिति का दावा है कि मूर्ति का जब निर्माण किया जा रहा था तो यह बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही थी।सके बाद श्रद्धालुओं ने जब राम नाम के लिखे कागज इसकी निर्माण सामग्री में मिलाए मूर्ति निर्माण में आने वाली बाधाएं दूर हो गईं

आटोमेटिक है मूर्ति

आटोमेटिक है मूर्ति

इस तरह की मूर्ति शायद ही पूरे देश में हो, क्यों कि यह मूर्ति काफी हाईटेक है। इस मूर्ति की दोनों मुट्ठियां मशीनों के माध्यम से बंद होती हैं और खुलती हैं।

सोने के राम सीता

सोने के राम सीता

अंजनी पुत्र हनुमान की इस मूर्ति के सीने में भगवान राम एवं सीता की सोने की मूर्ति स्थापित है।

खूबसूरत है शिल्पकला

खूबसूरत है शिल्पकला

हनुमान की 108 फीट की मूर्ति है, जिसके पैरों के बीच में एक राक्षस का चेहरा दबा हुआ है। राक्षस का मुंह खुला है, जबान बाहर निकली है और ये खुला मुंह ही मंदिर का दरवाजा है। आप राक्षस की जबान पर पैर रखकर अंदर जा सकते हैं, जहां हनुमान की एक छोटी मूर्ति है, जिसकी पूजा-आरती वगैरह होती है। साथ में काली माता का भी एक मंदिर है।

मंगलवार और शनिवार को भक्तों का जमावड़ा

मंगलवार और शनिवार को भक्तों का जमावड़ा

इस मंदिर में मंगलवार और शनिवार को भक्तों का जमावड़ा देखा जा सकता है, शाम के दौरान आरती होती है, इसी दौरान भक्तों के लिए एक दृश्य आयोजित किया जाता है, जिसमे हनुमान जी की दोनों बाहें अपने सीने को खोलती और बंद होती है, इस दौरान भक्त हनुमना के सीने में स्थित सोने के राम सीता की मूर्ति के मनोरम दर्शन करते हैं।

आरती का समय

आरती का समय

मंगलवार और शनिवार को सप्ताह में दो बार सुबह 8:15 बजे और रात को 8:15 बजे।

600 टन से ज्यादा है वजन

600 टन से ज्यादा है वजन

मंदिर प्रबंधन कमेटी का कहना है कि इस मूर्ति का वजन 600 टन से ज्यादा है। इसे एयरलिफ्ट नहीं नहीं जा सकता।

ओबामा भी हैं वाकिफ

ओबामा भी हैं वाकिफ

झंडेवालान स्थित 108 फुट ऊंची हनुमान की मूर्ति साधारण नहीं है। अमेरिका के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा भी इस मूर्ति से वाकिफ हैं। हालांकि वह भारत दौरे के दौरान यहां आए नहीं थे, लेकिन ओबामा के पहले चुनाव के दौरान उनके प्रतिनिधि यहां आए थे।इसके अलावा यहां ओबामा की जीत के लिए यज्ञ किया गया था। वर्ष 2009 में ओबामा जब अमेरिकी राष्ट्रपति का अपना पहला चुनाव लड़े थे, तो उनकी हनुमान के प्रति आस्था उजागर हुई थी।उनके पास हनुमान की मूर्ति होने का खुलासा हुआ था। इसके चलते झंडेवालान स्थित हनुमान मंदिर में उनकी जीत की दुआ के लिए यज्ञ कराने का निर्णय लिया गया। यहां ओबामा की जीत के लिए किए गए यज्ञ में उनके प्रतिनिधि शामिल हुए थे।

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