एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह जगह दुनिया के सबसे खुबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल है। जानें कैसे हैं महाबलेश्वर के ये होटल" title="घूमना किसे नहीं पसंद है, ख़ास तौर से जब छुट्टियां हों, छुट्टियां और वो भी गर्मी की। जी हां गर्मी में ट्रेवल करने का अपना एक अलग ही मज़ा है। जल्द ही गर्मियां आने वाली हैं तो अब आप देर न करिये आज ही टिकट बुक कराइये और निकल जाइये महाबलेश्वर अपनी गर्मियां बिताने के लिए। जी हां इस गर्मी हमारा सुझाव है कि आप महाबलेश्वर जाएं। महाराष्ट्र के सतारा जिले में महाबलेश्वर एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह जगह दुनिया के सबसे खुबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल है। जानें कैसे हैं महाबलेश्वर के ये होटल" loading="lazy" width="100" height="56" />घूमना किसे नहीं पसंद है, ख़ास तौर से जब छुट्टियां हों, छुट्टियां और वो भी गर्मी की। जी हां गर्मी में ट्रेवल करने का अपना एक अलग ही मज़ा है। जल्द ही गर्मियां आने वाली हैं तो अब आप देर न करिये आज ही टिकट बुक कराइये और निकल जाइये महाबलेश्वर अपनी गर्मियां बिताने के लिए। जी हां इस गर्मी हमारा सुझाव है कि आप महाबलेश्वर जाएं। महाराष्ट्र के सतारा जिले में महाबलेश्वर एक प्रसिद्ध हिल स्टेशन है। पश्चिमी घाटों में स्थित, यह जगह दुनिया के सबसे खुबसूरत हिल स्टेशनों में शामिल है। जानें कैसे हैं महाबलेश्वर के ये होटल
महाबलेश्वर में पर्यटक गर्मी के मौसम में आना पसंद करते है। आपको बताते चलें कि महाबलेश्वर का शाब्दिक अर्थ है- गॉड ऑफ ग्रेट पॉवर यानि भगवान की महान शक्ति। महाबलेश्वर को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। यहां वीना, गायत्री, सावित्री, कोयना और कृष्णा नामक पांच नदियां बहती है। 4,450 फीट की ऊंचाई पर बसा यह शहर 150 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। महाबलेश्वर, मुम्बई से 220 किमी. और पुणे से 180 किमी. दूर स्थित है।
महाबलेश्वर इतिहास की नज़र से
महाबलेश्वर की खोज सबसे पहले राजा सिंघन ने की थी। यहां का प्रसिद्ध महाबलेश्वर मंदिर इन्होने ही बनवाया था। 17 वीं शताब्दी के बाद शिवाजी राजे ने इस क्षेत्र पर कब्जा करके यहां प्रतापगढ़ किला बनवाया। 1819 में अंग्रेजों ने महाबलेश्वर को अपने हाथों में ले लिया। आजादी के बाद महाबलेश्वर, एक हिल स्टेशन के रूप में उभरा जिसके मद्देनज़र यहां हर साल लाखों पर्यटक घूमने आते हैं।
महाबलेश्वर में 30 से भी ज्यादा जगह है जहां पर्यटक भ्रमण कर सकते है। यहां की घाटियां, जंगल,झरने और झीलें यात्रियों की सारी थकान को मिटा देती है। यहां आकर शाम को विल्सन प्वांइट को देखनाकाफी अच्छा लगता है। ईको प्वांइट, बच्चों की पसंदीदा जगह है जहां तेजी से चिल्लाने पर आवाज वापस सुनाई देती है। यहां के एल्फिंसटन प्वाइंट, मार्जोरी प्वाइंट, कैसल रॉक, फ़ॉकलैंड प्वाइंट, कारनैक प्वाइंट और बंबई प्वाइंट देखना न भूलें।
महाबलेश्वर के जंगलों में कीमती औषधीय और आयुर्वेदिक पौधों की भरमार है। यहां की शुद्ध जलवायु में पेड़- पौधे भली-भांति पनपते है। बीमार व्यक्तियों को अक्सर महाबलेश्वर की सैर की सलाह दी जाती है ताकि उनको स्वच्छ हवा और शुद्ध वातावरण मिल सके। यहां स्थित पहाडि़यां गर्मियों को उष्णता बढ़ाने से रोकता है। यहां की जलवायु वर्ष भर सामान्य रहती है। साल के किसी भी मौसम में यहां घूमने आया जा सकता है।
एलीफेण्ट हेड़ प्वाइंट
इस स्थान का शुमार महाबलेश्वर के सबसे खूबसूरत स्थानों में है । इस प्वाइंट से पर्यटक सहयाद्रि रेंज को देख सकते है।
कैसे पड़ा नाम महाबलेश्वर
महाबलेश्वर का शाब्दिक अर्थ होता है- गॉड ऑफ ग्रेट पॉवर यानि भगवान की महान शक्ति। महाबलेश्वर को पांच नदियों की भूमि भी कहा जाता है। यहां वीना, गायत्री, सावित्री, कोयना और कृष्णा नामक पांच नदियां बहती है।
हिल स्लोप
आप इस तस्वीर के जरिये महाबलेश्वर की पहाड़ियों और उसके ढालों को देख सकते हैं। इन पहाड़ियों को देखने का जो सुख है उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।
खूबसूरत झरने
महाबलेश्वर में आपको झरनों की भी बहुतायत देखने को मिलेगी। यहां के झरनों की ख़ास बात ये है कि इन झरनों को आप यहां सिर्फ मॉनसून या बरसात के मौसम में देख सकते हैं।
हर्बल पौधे
महाबलेश्वर के जंगलों में कीमती औषधीय और आयुर्वेदिक पौधों की भरमार है। यहां की शुद्ध जलवायु में पेड़- पौधे भली-भांति पनपते है। बीमार व्यक्तियों को अक्सर महाबलेश्वर की सैर की सलाह दी जाती है ताकि उनको स्वच्छ हवा और शुद्ध वातावरण मिल सके।
व्यू पॉइंट
महाबलेश्वर में 30 से भी ज्यादा जगह है जहां पर्यटक भ्रमण कर सकते है। यहां की घाटियां, जंगल,झरने और झीलें यात्रियों की सारी थकान को मिटा देती है। यहां आकर शाम को विल्सन प्वांइट को देखनाकाफी अच्छा लगता है। ईको प्वांइट, बच्चों की पसंदीदा जगह है जहां तेजी से चिल्लाने पर आवाज वापस सुनाई देती है।
टूरिस्ट के लिए क्या है महाबलेश्वर में
यहां के एल्फिंसटन प्वाइंट, मार्जोरी प्वाइंट, कैसल रॉक, फ़ॉकलैंड प्वाइंट, कारनैक प्वाइंट और बंबई प्वाइंट देखना न भूलें। यहां का विश्व प्रसिद्ध प्रतापगढ़ किला शिवाजी महाराज ने बनवाया था जो पर्यटकों के लिए कौतूहुल का विषय बना हुआ है।
एलीफेण्ट हेड़ प्वाइंट
जैसा कि हम बता चुके हैं इस स्थान का शुमार महाबलेश्वर के सबसे खूबसूरत स्थानों में है। इस प्वाइंट से पर्यटक सहयाद्रि रेंज को देख सकते है।
धोबी झरना
धोबी झरना, महाबलेश्वर से 3 किमी. की दूरी पर है। यह एक पिकनिक स्पॉट है। इस झरने का पानी कोयना नदी में जाकर मिलता है।
प्रतापगढ़ किला
इस किले को 1856 में छत्रपति शिवाजी महाराज ने बनवाया था। शहर से 20 किमी. दूर इस किले में ही शिवाजी ने अफजल खान को मौत के घाट उतार दिया था।समुद्री तल से 1000 मीटर ऊंचाई पर स्थित इस किले में मां भवानी और शिव जी का मंदिर है।
धूम बांध
इस बांध को यहां कृष्णा नदी पर बनाया गया है जहां से राज्य को अच्छी मात्रा में बिजली प्राप्त होती है।
बन्ना झील
ये खूबसूरत झील भी महाबलेश्वर की शोभा में चार चांद लगाती है तो अब जब भी आप महाबलेश्वर जाएं इस झील की यात्रा अवश्य करें।
आर्थर सीट
आर्थर सीट को 1470 के आसपास आर्थर मालेट की याद में बनवाया गया था। मालेट वह व्यक्ति है जिसे यहां बसने वाला पहला इंसान माना जाता है। यहां पर बैठकर प्रकृति की सुंदरता को निहारा जा सकता है।
हॉर्स राइडिंग
एक मनोरम टूरिस्ट स्पॉट और प्रसिद्ध हिल स्टेशन होने के कारण आप चाहें तो हॉर्स राइडिंग कर यहां की सैर कर सकते हैं।
क्रीम कार्नर
ये दृश्य क्रीम कार्नर का है जो यहां का प्रसिद्ध गार्डन है। इस गार्डन में आपको पेड़ पौधों की कई दुर्लभ प्रजातियों के दीदार हो जाएंगे। फोटोग्राफी के लिहाज से ये जगह एक आदर्श गंतव्य है।
वाइल्डलाइफ
महाबलेश्वर के जंगलों में कीमती औषधीय और आयुर्वेदिक पौधों की भरमार है अतः आपको यहां कई दुर्लभ जीव जंतुओं के भी दर्शन हो जाएंगे ।
विल्सन प्वाइंट
विल्सन प्वाइंट, महाबलेश्वर में उच्चतम बिंदु है।यहां से सूर्योदय को देखना काफी प्रसिद्ध है।
कैसे जाएं महाबलेश्वर
महाबलेश्वर आने के लिए हवाई, रेलवे और सड़क यातायात तीनों ही शामिल है। पर्यटक अपनी सुविधानुसार साधन का चयन करके आ सकते है। शहर में भ्रमण करने के लिए लोकल स्तर पर टैक्सी चलती है। अगर आप महाराष्ट्र की सैर पर आते है तो महाबलेश्वर घूमने के लिए अच्छी जगह है।