उत्तराखंड में कई आश्चर्यचकित कर देने वाले दृश्य हैं। यह उन क्षेत्रों में से एक है जिसकी पृष्ठभूमि में हिमालय पर्वत का सुरम्य दृश्य, इस क्षेत्र को सबसे अलग और खास बनाता है। हालाँकि यहाँ पर कई प्रसिद्ध जगह हैं, जहाँ लोगों की भीड़ आपको नज़र आएगी। इसके साथ ही यहाँ पर कई ऐसे छुपे हुए क्षेत्र भी हैं, जो आपको सारी दुविधाओं से दूर एक अलग ही शांति का अनुभव कराएँगे। मुकतेश्वर उन्हीं हिल स्टेशन्स में से एक है जो वैभवशाली और सुंदर क्षेत्र नैनीताल जिले के अंदर आता है।
मुक्तेश्वर से हिमालय पर्वत का अद्भुत नज़ारा
Image Courtesy: Sanjoyg
मुक्तेश्वर का इतिहास
इस स्थान में भगवान शिव जी का एक बहुत पुराना मंदिर है जिसके नाम पर ही इस हिल स्टेशन का नाम मुक्तेश्वर पड़ा। मुक्तेश्वर का यह मंदिर लगभग 350 साल पुराना है और यह मुक्तेश्वर में मुख्य आकर्षण का केंद्र है।
मुक्तेश्वर की कथाएँ
इस पहाड़ी क्षेत्र को मुक्तेश्वर के नाम से इसलिए जाना जाने लगा क्युंकि भगवान शिव जी ने इसी जगह पर एक दैत्य को मुक्ति दी थी। मुक्ति देने से यहाँ आशय है कि, भगवान शिव जी ने एक असुर को यहाँ पर मारा था, जिसकी प्रकोप से इस क्षेत्र के निवासी बहुत परेशन थे। इसलिए इस क्षेत्र का नाम मुक्तेश्वर पड़ गया।
हालाँकि अन्य हिल स्टेशन्स के विपरीत यहाँ पर आकर्षण के केंद्र कम हैं, पर फिर भी यहाँ पर आपके बिताये हुए दिन सबसे सुहाने और सार्थक होंगे।
मुक्तेश्वर में पर्यटक स्थल
चौली की जाली या चौथी की जाली एक पहाड़ की चोटी है, जिसके सबसे ऊपर वाली चट्टान पर एक गोल छेद है। यह मुक्तेश्वर का प्रमुख पर्यटक स्थल है। इस चोटी तक ट्रेकिंग द्वारा पहुँचना आपके अंदर एक अलग जोश पैदा करता है।
मुक्तेश्वर की उँचाई से नीचे के नज़ारा
Image Courtesy: Kundansonuj
यहाँ का अन्य आकर्षक केंद्र वह जगह है जहाँ से हिमालय पर्वत का सुरम्य दृश्य आपको देखने को मिलेगा। यहाँ से नंदा देवी पर्वत का दृश्य, जो एक पुरे हिल स्टेशन को अपने अंदर समाए रखती है, देखते ही बनता है। बर्फ से ढके हिमालय पर्वत के शिखर आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। इन सबके साथ यह कहना ग़लत नहीं होगा कि मुक्तेश्वर प्रकृति प्रमियों और फ़ोटोग्राफ़रों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
अब तक मुक्तेश्वर पर्यटकों की नज़र और जानकारी से दूर है पर मुक्तेश्वर में वो सारी चीज़ें और आकर्षण हैं जो इसे उत्तराखंड के प्रसिद्ध शहरों की सूची में सम्मिलित करते हैं।
मुक्तेश्वर के पहाड़ी ढलानों में फैले, घने हरे-भरे जंगलों में आप प्रकृति को नज़दीक से महसूस कर सकते हैं। अगर आप सुंदर और शांत जगह में अपने आपको खो देना चाहते हैं तो यह जगह आपके लिए सबसे उचिते होगी। भीड़भाड़ से दूर बस आप और आपकी शांति। आपके वीकेंड को यादगार बनाने के लिए यह एक सबसे शानदार जगह है।
मुक्तेश्वर में सूर्यास्त का खूबसूरत दृश्य
Image Courtesy: Manoj Mohan
मुक्तेश्वर पहुँचें कैसे?
मुक्तेश्वर, नैनीताल से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी और दिल्ली से लगभग 350 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
सड़क यात्रा द्वारा: मुक्तेश्वर उत्तराखंड के अन्य प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। नैनीताल और काठगोदाम से कई बस सुविधाएँ यहाँ तक के लिए उपलब्ध हैं।
रेल यात्रा द्वारा: काठगोदाम जो यहाँ से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर है, यहाँ का सबसे नज़दीकी रेलवे स्टेशन है। काठगोदाम स्टेशन पहुँच कर आप वहाँ से कोई भी निजी टैक्सी या कैब बुक कराकर यहाँ तक आराम से पहुँच सकते हैं।
हवाई यात्रा द्वारा: पँतनगर हवाई अड्डा, मुक्तेश्वर का सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा है। पँतनगर उत्तराखंड का प्रसिद्ध शहर है, जो मुक्तेश्वर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
मुक्तेश्वर में रहने के लिए कई अच्छे लॉज और होटल उपलब्ध हैं। बेहतर होगा कि यहाँ जाने से पहले यहाँ ठहरने के लिए आप होटल बुक कराकर ही जाएँ ताकि आप मुक्तेश्वर की सुंदरता का आराम से मज़ा ले सकें।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
Read in English: A Pollution-Free Travel in Mukteshwar
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