क्या आप की भूतों और प्रेत आत्माओं के बारे में जानने में दिलचस्पी है? अगर हां तो आज हम आपको ले चलते हैं देश की राजधानी दिल्ली में और अवगत कराते हैं वहां मौजूद उन जगहों से जहां आज भी अंधकार का साया है।
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या यूं भी कह सकते हैं कि राजधानी के ये स्थान आज भी भूतों और पिशाचों से घिरे हैं। हो सकता है ये लेख पढ़के आप ये सोचें कि हम अंध विश्वास और दकियानूसी बातों को बढ़ावा दे रहे हैं। लेकिन यहां हमारा मकसद आपको आगाह कराना है उन खतरों से, जिनका सामना आप अपने रोमांच और साहस का परिचय देने के लिए जाने अनजाने ऐसी जगहों पर करते हैं।
किले में मौजूद है पारस पत्थर, छुवाते ही दो कौड़ी का पत्थर बदलता है सोने में
जी हाँ दिल्ली साल भर पर्यटकों से गुलज़ार रहती है। यहां आने वाले पर्यटक कई चीजों को देखते हैं कई जगह घूमते हैं लेकिन शायद ही कोई ऐसा हो जो दिल वालों की दिल्ली के डरावने इतिहास को जानता हो।
अब तक आपने दिल्ली में लाल किले, कुतुब मीनार और जामा मस्जिद को देखा होगा। आज भी हम आपको दिल्ली के दीदार कराएंगे लेकिन ज़रा दूसरे और कहीं रोमांचक तरीके से तो आगे स्लाइड्स में देखिये डरा देने वाली दिल्ली
संजय वन
कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया के पास करीब 10 किमी में बने संजय वन के बारे में कहा जाता है कि यह भुतहा है। यहां कई सूफी संत की समाधियां बनी हुई है। इस इलाके में कई दिल दहला देने वाली घटनाएं हुई हैं। अक्सर यह बात सुनने को मिलती है कि यहां सफेद कपड़े पहने एक औरत नजर आती है और पलक झपकते ही गायब हो जाती है।
दिल्ली पहाड़ी
दिल्ली पहाड़ी अरावली पर्वत श्रेणी का ही एक हिस्सा है। पहाड़ियों और चट्टानों से भरा यह जंगली इलाका न सिर्फ एक चर्चित पर्यटन स्थल है, बल्कि भुतहा भी है। कई बार यहां अजीबो गरीब आवाज सुनाई देने की बात सामने आई है। इतना ही नहीं, अगर आप इस इलाके में घूमने जा रहे हैं तो जरा सावधान रहें, क्योंकि जंगल में घुसते ही मोबाइल नेटवर्क गायब हो जाता है।
जमाली कमाली मस्जिद
जमाली कमाली मकबरा और मस्जिद दिल्ली के मेहरौली ऑर्कोलॉजिकल कॉमप्लेस में स्थित है। यहां दो सूफी संत जमाली और कमाली को दफनाया गया था। यह जगह बेहद डरावनी है और आपको ऐसा लगेगा कि कोई आपका पीछा कर रहा है। लोगों का ऐसा कहना है कि उन्होंने यहां अजीबो गरीब चीखें सुनी हैं। साथ ही कई छाया की जानवर की आवाज में विचित्र भाषा में बात करने की घटना भी सामने आई है।
खूनी दरवाजा
इसका नाम सुनते ही बदन में सिरहन पैदा हो जाती है। यह एक विशाल दरवाजा है। इसमें तीन सीढ़ियां बनी हुई हैं, जो दरवाजे की अलग-अलग ऊंचाई तक जाती है। काफी समय पहले यहां एक ऐसी घटना घटी थी जिससे इस दरवाजे को भुतहा माना जाता है। दरवाजे में लगे लाल पत्थरों के बारे में कहा जाता है कि यह वास्तव में खून है। दिल्ली में इस दरवाजे को देखना एक रोमांचक अनुभव होगा।
फिरोज शाह कोटला
खूनी दरवाजा के पास ही फिरोज शाह कोटला किला है। यहां की ठंडी हवा इसके भुतहा होने का एहसास कराती है। स्थानीय लोग इस किले में मौजूद आत्माओं को खुश रखने के लिए दूध चढ़ाते हैं और मोमबत्तियां जलाते हैं। लोगों का मानना है कि ऐसा करने से उनकी मनोकामना पूरी होती है।