भिंड भारत के ह्रदय राज्य मध्य प्रदेश का एक खूबसूरत प्राचीन शहर है जो अपने ऐतिहासिक परिदृश्य के साथ विभिन्न प्राकृतिक खजानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां बहने वाली चंबल और सिंध नदियां इस स्थल की मिट्टी को उपजाऊ बनाने का काम करती है। फसलों और अन्य वनस्पतियों के लिए यह एक अनुकूल जगह है, इसलिए आप यहां हरे-भरे दृश्यों को देख सकते हैं।
यह शहर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के कारण ज्यादा लोकप्रिय है। सैलानी यहां अतीत से जुड़े साक्ष्यों और मंदिरों का भ्रमण करने के लिए आते हैं। इस खास लेख में जानिए पर्यटन के लिहाज से भिंड आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है। जानिए यहां के सबसे खास स्थानों के बारे में।
अटेर का किला
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भिंड भ्रमण की शुरूआत आप यहां के ऐतिहासिक किलों से कर सकते हैं। आप यहां के प्राचीन अटेर फोर्ट को देख सकते हैं। माना जाता है कि यह किला 1664-1668 के आसपास बनाया गया था, लेकिन अब यह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मौजूद है। फिर भी यदी आप इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं तो इस किले का भ्रमण कर सकते हैं। इस किले को चंबल नदी की घाटियों में बनाया गया था।
किले परिसर के कई हिस्से देखने लायक हैं जिनमें 'खुनी दरवाजा', 'बारह खंबा महल', 'हाथीपुर' और आदि शामिल हैं। आप यहां 'बदन सिंह का महल', 'राजा का महल' और 'रानी का महल' भी देख सकते हैं।
गोहड़ का किला
अटेर फोर्ट के अलावा आप यहां गोहड़ का किला देख सकते हैं। ग्वालियर से सिर्फ 45 किमी दूर यह किला यहां आने वाली सैलानियों के बीच काफी ज्यादा लोकप्रिय है। गोहड़ का किला 1505 में जाट शासक राणा सिंघांदेव द्वितीय द्वारा बनाया गया था, लेकिन इसका पूरा निर्माण जिसे बाद के शासको ने पूरा किया। यह किला जाट शासकों की शौर्य का प्रतिक है।
यह एक गोलाकार किला है जिसे रणनीतिक कारणों से बनाया गया था। दिलचस्प बात यह है कि इस किले में 11 द्वार हैं, और प्रत्येक का नाम स्थानीय गांव के नाम पर रखा गया है। किले के भीतर कई संरचनाएं मौजूद हैं जिन्हें देखा जा सकता है।
माता रेणुका मंदिर
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ऐतिहासिक स्थलों के अलावा आप यहां के धार्मिक स्थानों के दर्शन का भी प्लान बना सकते हैं। आप यहां माता रेणुका मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। वीर योद्धा ऋषि परशुराम के जन्मस्थान के रूप में सम्मानित यह मंदिर माता रेणुका को समर्पित है। एक पौराणिक कथा के अनुसार परशुराम के पिता ने उन्हें अपनी मां का सिर काटने का आदेश दिया। चूंकि यह उनके पिता का आदेश था इसलिए परशुराम को इसका पालन करना पड़ा।
माना जाता है कि पिता ने प्रसन्न होकर जब परशुराम को वरदान मांगने को कहा तो उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी माता जिंदा चाहिए। पौराणिक महत्व के कारण यह स्थान श्रद्धालुओं के साथ-साथ पर्यटकों द्वारा भी देखा जाता है।
बारानसो का जैन मंदिर
हिन्दू धार्मिक स्थलों के साथ-साथ आप यहां बारानसो के जैन मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। माना जाता है कि इस जैन मंदिर निर्माण भगवान महावीर की यात्रा की खुशी में बनाया गया था।
यह एक शानदार मंदिर है जो अपनी अनोखी वास्तुकला के लिए जाना जाता है। अपनी खूबसूरती के कारण यह मंदिर मुख्य पर्यटन स्थलों में भी शामिल है। आत्मिक व मानसिक शांति के लिए आप इस स्थल के भ्रमण का प्लान बना सकते हैं।
वनखंडेश्वर मंदिर
उपरोक्त स्थलों के अलावा आप भिंड में प्रसिद्ध वनखंडेश्वर मंदिर के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर भारत के सबसे पुराने मंदिरों में गिना जाता है। इतिहास से जुड़े साक्ष्य बताते हैं इसका निर्माण 1175 ईस्वी में शक्तिशाली हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान ने करवाया था। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यहां की अखंड ज्योति है,जो कई कई वर्षों से लगातार जल रही है।
इस मंदिर में हर सोमवार महा आर्ती का आयोजन किया जाता है, जिसमें शामिल होने के लिए स्थानीय लोगों के साथ दूर-दराज से भी श्रद्धालु आते हैं। महाशिवरात्रि उत्सव के दौरान यहां हर साल एक बड़ा मेला आयोजित किया जाता है।