बुलंदशहर दिल्ली के नजदीक उत्तर प्रदेश राज्य का एक ऐतिहासिक शहर है, जहां भारतीय अतीत से जुड़े कई साक्ष्यों को देखा जा सकता है। इस शहर का इतिहास 1200 वर्ष पुराना है, तब इसे 'बरन' के नाम से जाना जाता था। यहां अहिबरन नाम के एक शासक ने बरन नाम का किला बनाया था, जिसके बाद उसने अपनी राजधानी बरनशहर के नाम से यहीं स्थाापित की। बाद में इस शहर का नाम बदलकर बुलंशहर हो गया।
ब्रिटिश शासक के दौरान भी अहिबरन की आगे की पीढ़ी ने भी यहां कई वर्षों तक राज किया। उन्ही में से एक राजा अनुपराय ने यहीं पास में अनुपशहर नाम के एक नगर की नींव रखी। ऐतिहासिक पर्यटन के लिहाज से यहां कई खास स्थान मौजूद है जहां की यात्रा आप किसी भी समय कर सकते हैं। इस खास लेख में जानिए ऐतिहासिक बुलंदशहर के आसपास स्थित ऐतिहासिक पर्यटन स्थलों के बारें।
अहर
बुलंदशहर से 52 किमी की दूरी पर स्थित अहर एक खूबसूरत स्थल है जहां आप बस या प्राइवेट कार से पहुंच सकते हैं। बुलंदशहर जिले के अंतर्गत अहर एक छोटा सा नगर है जिसका इतिहास भी काफी साल पुराना है। यह नगर पवित्र गंगा नदी के किनारे बसा है। यहां का मुख्य आकर्षण भगवान शिव और देवी अवंतिका का मंदिर है। देवी अवंतिका के प्राचीन मंदिर के देखने के लिए पूरे भारतवर्ष से श्रद्धालु और सैलानी आते हैं।
नवरात्रि और शिवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का अच्छा-खासा जमावड़ा लगता है। इतिहास के पन्ने बताते हैं कि इस शहर का इतिहास महाभारत काल से जुड़़ा है। भारतीय पौराणिक इतिहास से जुड़ी बातों को जानने के लिए आप इस शहर का भ्रमण कर सकते हैं।
अनुपशहर
बुलंदशहर से 42 किमी की दूरी पर स्थित अनुपशहर भी एक एतिहासिक नगर है जिसकी स्थापना राजा अनुपराय ने 17वीं शताब्दी में की थी। यह नगर भी गंगा नदी के किनारे बसा है। यहां कार्तिक मेले के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होती है। यह एक वार्षिक मेला है जिसमें शामिल होने के लिए दूर-दराज से लोग आते हैं। पवित्र गंगा नदी के कारण इस नगर को छोटी काशी भी कहा जाता है। यहां भव्य गंगा आरती और पवित्र स्नान का भी आयोजन किया जाता है। इस शहर में कई छोटे-बड़े हिन्दू मंदिर स्थित हैं जिनके दर्शन आप बुलंदशहर यात्रा के दौरान कर सकते हैं।
एक दंतकथा के अनुसार अनुपराय ने कभी मुगल शासक जहांगीर को शेर के हमले से बचाया था, अनुपराय की इस बहादूरी को देखते हुए जहांगीर ने उन्हें यह स्थल भेंट में दिया था। जिसके बाद अनुपराय ने इस स्थान पर किले का निर्माण कर अनुपशहर में बदल दिया।
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खुर्जा
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मुख्य शहर बुलंदशहर से 17 किमी की दूरी पर स्थित खुर्जा उत्तर प्रदेश का एक महत्वपूर्ण नगर है। यह नगर मुख्य तौर पर अपने उत्तम सिरेमिक उत्पादों के लिए जाना जाता है। यहां बनाएं जाने वाले मिट्टी के बर्तनों की पूरे विश्व भर में मांग है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि खुर्जा में लगभग 500 से ज्यादा मिट्टी के बर्तन और साज-सज्जा बनाने वाले कारखाने हैं।
ये फैक्टरियां बुलंदशहर के लोगों के लिए रोजगार का एक बड़ा स्रोत हैं। आप जिले के किसी भी कोने से बस या ट्रैक्सी के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं। दिल्ली से खुर्जा की दूरी मात्र 85 किमी की है।
कर्णवास
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बुलंदशहर से आप प्राचीन स्थल कर्णवास की सैर का प्लान बना सकते हैं। इस स्थल का नाम महाभारत के सबसे वीर पात्र दानवीर कर्ण से लिया गया है। पौराणिक किवदंती के अनुसार दानवीर कर्ण हर रोज 50 किलो सोना दान में दिया करते थे।
यहां स्थित प्राचीन कल्यादी देवी की मंदिर भी यहां का लोकप्रिय धार्मिक स्थान है। माता के दर्शन के लिए यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। बुलंदशहर से कर्णवास आप ऑटो रिक्शा के माध्यम से आसानी से पहुंच सकते हैं।
सिकंदराबाद
उपरोक्त स्थानों के अलावा आप बुलंदशहर से मात्र 18 किमी की दूरी पर स्थित सिकंदराबाद की सैर का प्लान बना सकते हैं। सिकंदराबाद एक प्राचीन नगर है जिसे कभी सिकंदर लोधी ने सन् 1498 में बसाया था। यहां कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं जिनमें से आप चिश्ती साहब की स्मारक देख सकते है। ऑफ बिट पर्यटन के लिए यह स्थान काफी खास माना जाता है। यहां कई तहर के उद्योग-धंधों का काम किया जाता है।
सीमेंट फैक्ट्री से लेकर, इलेक्ट्रॉनिक, टेक्सटाइल आदी के कारखाने यहां स्थित हैं। शैक्षनिक उद्देश्य से आप इन फैक्टरियों का भ्रमण कर सकते हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग से बुलंदशहर दिल्ली से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, मात्र कुछ घंटों का सफर कर यहां पहुंच सकते हैं।
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