आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सबसे अधिक देखे जाने वाले पर्यटक स्थानों में से एक जोधपुर की। जोधपुर ब्लू सिटी के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि यहां आपको ज्यादातर घर ब्लू रंग में रंगे दिखेंगे। बता दें मुख्य रूप से यहां आकर्षण का केंद्र मंदिर, किले, महल, उद्यान, बाजार हैं।
जोधपुर राजस्थान के प्रमुख शहरों में से एक है। राजस्थान घूमने का सबसे अच्छा समय हर साल अक्टूबर से मार्च के बीच माना जाता है। आज हम आपको बाताएंगे जोधपुर के कुछ प्रसिद्ध और लोकप्रिय जगहों के बारे में।
मेहरानगढ़ किला
जोधपुर शहर से 410 फीट की ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित यह किला भारत के सबसे बड़े किलों में से एक है। वहीं राजस्थान में यह दूसरा सबसे बड़ा किला है। मेहरानगढ़ किला 5 किमी के क्षेत्र में फैला हुआ है। आप इस किले के शाही दरबारों, महलों और मंदिरों में जा सकते हैं। यहां राठौर कबीले के हथियारों, कलाकृतियों, कपड़े, पेंटिंग, पालकी और ऐसी बहुत चीजों को देखने के लिए संग्रहालय जरूर जाए।
उम्मेद भवन पैलेस
यूनाइटेड किंगडम में बकिंघम पैलेस के बाद, उम्मेद भवन पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास है। इसमें जोधपुर का शाही परिवार अभी भी रहता है। बता दें यह भारत में सबसे खूबसूरत महल है। आपको बता दें इमारत का एक हिस्सा ताज होटल द्वारा एक लक्जरी होटल में बदल दिया गया है। इस महल में कुल 350 कमरे हैं। इसके अलावा हाल ही में इसे ट्रिपएडवाइजर ट्रैवल एजेंसी से दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लक्जरी होटल का पुरस्कार मिला है।
मंडोर गार्डन
मंडोर गार्डन जोधपुर के सबसे पुराने उद्यानों में से एक है। कहा जाता है की इसे लगभग एक हजार साल पहले बनाया गया था। मंडोर में प्राचीन साम्राज्य, बगीचे में कई शाही संरचनाएं और बीच में एक झील है। यहां आपको सिर्फ खूबसूरत बगीचे ही नहीं बल्कि आश्चर्यजनक वास्तुकला भी देखने को मिलती है। साथ ही आप यहां कई प्राचीन मंदिर भी देख सकते हैं।
सरदार बाजार का घंटाघर
महाराजा सरदार सिंह ने अपने शासनकाल में सरदार बाजार और घंटाघर का निर्माण करवाया था। यह सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों और स्थानों में से एक है। इसके आसपास एक बड़ा बाजार है, जहां आप कपड़े, गहने, संगमरमर के इनले, शिल्प और बहुत कुछ खरीद सकते हैं। आप यहां से मजेदार राजस्थानी संस्कृति की याद ले जा सकते हैं।
कायलाना झील
कायलाना झील 1872 में प्रताप सिंह द्वारा निर्माण किया गया था। प्राचीन काल के समय इस क्षेत्र में जोधपुर के दो नेताओं द्वारा निर्मित महल और उद्यान थे, लेकिन बाद में प्रताप सिंह और उनके लोगों द्वारा इसे नष्ट कर दिया गया था। इसके बाद रेगिस्तानी शहर जोधपुर में हमेशा पानी की कमी रहने के कारण यहां कायलाना झील का निर्माण किया गया था।