कांगड़ा जिले में स्थित धर्मकोट हिमाचल प्रदेश का एक खूबसूरत हिल स्टेशन है, जो अपनी मनमहोक आबोहवा, पहाड़ी आकर्षण और प्राकृतिक सौंदर्यता के लिए जाना जाता है। धर्मकोट एक ऐसा पर्वतीय स्थल है जहां एक शानदार अवकाश अपने परिवार या दोस्तों के साथ बिताया जा सकता है। यहां के पहाड़ी आकर्षण बहुत हद तक सैलानियों को प्रभावित करने का काम करते हैं।
धर्मकोट मुख्य स्थल के आसपास कई दर्शनीय स्थल मौजूद हैं जिनका भ्रमण भी आप यहां की यात्रा के दौरान कर सकते हैं। कांगड़ा घाटी, पोंग बांध और धौलाधार पर्वत श्रृंखला इस पहाड़ी स्थल को खास बनाने का काम करते हैं। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से धर्मकोट आपको किस प्रकार आनंदित कर सकता है, जानिए यहां के नजदीकी शानदार स्थलों के बारे में।
मक्लिओडगंज
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धर्मकोट से मात्र 9 किमी की दूरी पर आप मक्लिओडगंज की यात्रा का प्लान बना सकते हैं। इस स्थल को ऊपरी धर्मशाला के रूप में भी जाना जाता है। यह एक ऐतिहासिक स्थल है जहां आप औपनिवेशिक काल के दौरान बनाई गईं कई ब्रिटिश इमारतों, चर्च को देख सकते हैं। लॉर्ड एल्गिन नाम के एक ब्रिटिश वाइसराय को यह स्थल बहुत ही प्यारा लगा था। माना जाता है कि इस स्थान की यात्रा के दौरान उनका देहांत हो गया था।
मक्लिओडगंज में आप कई खूबसूरत बौद्ध मठों और प्राचीन मंदिरों को देख सकते हैं। यहां एक संग्रहालय भी मौजूद है जहां आप तिब्बत की कला-संस्कृति को को करीब से देख सकते हैं। यहां कुछ प्राचीन किले भी हैं जिनमें से बहुत 1905 में आए भूकंप के दौरान काफी ज्यादा क्षतिग्रस्त हो गए थे।
त्रिउन्द
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धर्मकोट से आप त्रिउन्द भ्रमण का प्लान बना सकते हैं। खबसूरत धौलाधार पर्वत श्रृंखला की तलहटी में बसा यह एक छोटा मगर खूबसूरत गांव है जो ट्रेकर्स के लिए एक स्वर्ग माना जाता है। यहां का पुराना ट्रेल्स मौजूद है जिसका इस्तेमाल चंबा घाटी के गद्दी चरवाहों के द्वारा किया जाता है। त्रिउन्द समुद्र तल से लगभग 2842 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहा पहाड़ी स्थल एक व्यू पवाइंट के रूप में भी जाना जाता है, जहां से आप हिमालय की पहाड़ियों के अद्भुत दृश्यों का आनंद उठा सकते हैं। अगर आप धर्मकोट आएं तो इस खूबसूरत गांव की सैर का प्लान जरूर बनाएं।
कांगड़ा किला
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धर्मकोट भ्रमण के दौरान आप कांगड़ा किले की सैर का प्लान बना सकते हैं। यह एक प्राचीन किला है जो वर्तमान में एक खंडहर के रूप में ही स्थित है। ऐसा माना जाता है कि मोहम्मद गजनी द्वारा लूटा गया माल इस किले के एक कुएं में पाया गया था। अतीत के पन्ने बताते है कि इस किले को बर्बाद करने में जहांगीर का भी बड़ा हाथ था।
इतिहासकार मानते है कि अगर इस किले को सफलतापूर्वक जीता गया था तो यह मानना भी जरूर है कि इसे हमलावरों द्वारा पूरी तरह बर्बाद करने की कोशिश भी की गई थी। इतिहास की बेहतर समझ के लिए आप यहां की सैर का प्लान बना सकते हैं।
देवी हिमानी चामुंडा
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप देवी हिमानी चामुंडा के मंदिर के दर्शन का प्लान बना सकते हैं। समुद्र तल से 10500 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर कांगड़ा के प्रसिद्ध स्थलों में गिना जाता है, जहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के अलावा सैलानी भी आते है।
माता के दर्शन आप मार्च से लेकर नवंबर के बीच तक कर सकते हैं। सर्दियों के दौरान यहां का मौसम काफी ज्यादा प्रतिकूल हो जाता है। देवी चामुंडा के मंदिर के अलावा यहां भगवान शिव और भगवान हनुमान को समर्पित दो मंदिर भी मौजूद हैं।
कैसे करें प्रवेश
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धर्मकोट कांगड़ा जिले के अंतर्गत एक प्रसिद्ध स्थल है जहां आप परिवहन के तीन साधनों के मदद से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा धर्मशाला एयरपोर्ट है। रेल मार्ग के लिए आप पठानकोट रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर पहाड़ी मार्गों के द्वारा धर्मकोट हिमाचल प्रदेश के कई शानदार पर्यटन स्थलों से जुड़ा हुआ है।