दिल्ली के रयशीना हिल पर स्तिथ है राष्ट्रपति भवन। यह 340 कमरों के साथ एक सुंदर विशाल भवन है। बता दें 1929 में बनकर तैयार हुई इस इमारत को भारत में ब्रिटिश काल में वायसराय की सीट माना जाता था। हालांकि, स्वतंत्रता के बाद, यह आलीशान जगह भारतीय लोकतंत्र की सीट बन गया। राष्ट्रपति भवन के चारों ओर सुंदर मूर्तियां हैं। राष्ट्रपति भवन में विशेष अनुमति के बिना प्रवेश नहीं कर सकते है, पर आप निश्चित रूप से बाहर से इस दृश्य का लुफ्त उठा सकते है। भारत की राजनीति में इस भवन का सर्वोच्च महत्व है।
ये दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सम्मान में खड़ा है। वहीं राष्ट्रपति भवन के सामने प्रांगण के बीच में खड़ा लंबा सफेद जयपुर स्तम्भ देश का प्रबल प्रतीक माना जाता है। राष्ट्रपति भवन के बगल में मुगल गार्डन है, जो इस परिसर का एक हिस्सा है। यह फरवरी के महीने में जनता के लिए खुला रहता है। फरवरी में फूलों के पौधे अपने सबसे अच्छे रूप में होते हैं, जिसे देख कर स्वर्ग जैसा अनुभव होता है।
राष्ट्रपति भवन के दौरे के लिए टिकट बुक करते हैं। यहां जाने से आपको इस जगह का ब्रिटिश इतिहास, वर्तमान भारत में इसके महत्व और इसे अलग करने वाली विशेषताओं के बारे में पता चलेगा। राष्ट्रपति भवन के टिकट इतनी आसान से नहीं मिलती।
राष्ट्रपति भवन यात्रा कैसे करें?
अगर आप राष्ट्रपति भवन जाने का प्लान कर रहे है, तो वहां जाने के लिए भारत सरकार के पर्यटक कार्यालय से विशेष अनुमति लेनी पड़ती है। यह अनुमति गेट नंबर 2 (राजपथ) और गेट नंबर 37 से मिलता है।
टिकट का शुल्क
राष्ट्रपति भवन का टिकट शुल्क 50 प्रतिव्यक्ति है। यहां जाने के लिए कम से कम 30 लोगों का ग्रुप होना अनिवार्य है।
यहां पहुंचने के लिए निकटतम में केंद्रीय सचिवालय मेट्रो स्टेशन है।
राष्ट्रपति भवन का समय
राष्ट्रपति भवन सोमवार से गुरुवार 9:00-16:00 तक खुला रहता और राष्ट्रिय छुट्टियों में बंद रहता है।