भाई बहन के सबसे पावन त्यौहार रक्षाबन्धन की कई कथाएँ पूरी दुनिया में प्रचलित हैं, इसके साथ ही इसकी महत्ता भी। इन सबके साथ रक्षाबन्धन पर्व की एक खास बात यह भी है कि, इसे पूरे भारत में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। जैसे कि हमारा भारत देश विविधताओं का देश है, उन्हीं विविधताओं के साथ रक्षाबन्धन त्यौहार भी अलग-अलग तरह से पूरे भारत में मनाया जाता है।
चलिए इसी खास त्यौहार के बारे में और जानने के लिए चलते हैं उन्हीं अलग-अलग क्षेत्रों में और पता करते हैं इसके अलग-अलग नाम को।
1. राखी पूर्णिमा
राखी पूर्णिमा श्रावण मास के आखिरी दिन, पूर्णिमा वाले दिन पूरे उत्तर-पूर्वी भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्यतः भाई बहन के पवित्र बंधन का जश्न है। इस दिन भाई और बहनों में उत्साह देखते ही बनता है।
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2. श्रावणी
उत्तराखंड में इसे श्रावणी त्यौहार के नाम से मनाया जाता है। इस दिन यजुर्वेदी द्विजों का उपकर्म होता है। यह ब्राह्मणों का सर्वोपरि त्यौहार माना जाता है।
3. नारियल पूर्णिमा
महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटका में यह त्यौहार नारियल पूर्णिमा के नाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग नदी या समुद्र के तट पर जाकर अपने जनेऊ बदलते हैं और समुद्र की पूजा करते हैं। इस अवसर पर समुद्र के स्वामी वरुण देवता को प्रसन्न करने के लिये नारियल अर्पित करने की परम्परा भी है।
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4. कजरी पूर्णिमा
कजरी पूर्णिमा, रक्षाबन्धन वाले श्रावण पूर्णिमा के दिन ही मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्यतः मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे मध्य भारत क्षेत्रों में धूमधाम से मनाया जाता है। मॉनसून मौसम के आख़िरी दिन पर मनाया जाने वाला यह त्योहार सबसे ज़्यादा महत्वपूर्ण यहाँ के किसानों और औरतों जिनके पुत्र हैं, के लिए होता है।
5. पवित्रोपान
गुजरात में रक्षाबन्धन का त्यौहार, पवित्रोपान त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों के घरों में पूजा का बहुत बड़ा आयोजन होता है जिसमें भगवान शिव जी की पूजा की जाती है। यह साल भर किए गये पूजाओं का समापन भी कहलाता है।
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6. अवनि अवित्तम
यह त्यौहार रक्षाबन्धन के दिन दक्षिण भारत के तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और उड़ीसा के ब्राह्मणों द्वारा मनाया जाता है। इस दिन ब्राह्मण समुदाय के लोग नदी या समुद्र के तट पर स्नान करने के बाद ऋषियों का तर्पण कर नया यज्ञोपवीत(पवित्र धागा) धारण करते हैं। इस त्यौहार को उपक्रमण के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है नयी शुरुआत।
पूरे भारत में इसी तरह इस पावन दिन को कई अलग-अलग नामों से सम्बोधित कर धूमधाम से मनाया जाता है। इस त्यौहार के नाम भले ही अलग-अलग हों पर इसकी महत्ता एक ही है। वह है, पवित्र धागे को बाँध अपने करीबियों के अच्छे जीवन की कामना करना।
"रक्षाबन्धन की हार्दिक शुभकामनाएं!"
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