Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »शारदीय नवरात्र 2017: मंदिर में नहीं है प्रतिमा..लेकिन चमत्कारों का अम्बार

शारदीय नवरात्र 2017: मंदिर में नहीं है प्रतिमा..लेकिन चमत्कारों का अम्बार

अम्‍बाजी का मंदिर गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग बारह सौ साल पुराना है।

By Goldi

शारदीय नवरात्रशारदीय नवरात्र

कहते हैं कि शिव को पति रूप में पाने के लिए महागौरी ने कठोर तपस्या की थी। इस कारण इनका शरीर काला पड़ गया। लेकिन तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शंकर ने इनके शरीर को गंगा जल से धोकर कांतिमय बना दिया। तब से मां महागौरी कहलाईं।

दुर्गा पूजा उत्सव: सिटी ऑफ़ जॉय, दुर्गा पूजा उत्सव: सिटी ऑफ़ जॉय, " कोलकाता" में दुर्गा पूजा की धूम!

नवरात्र की अष्टमी तिथि को देवी महागौरी के स्वरूप की ही उपासना की जाती है। देवी महागौरी की उपासना करने से मन पवित्र हो जाता है और भक्त की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। नवरात्र की अष्टमी तिथि पर देवी महागौरी का विधि अनुसार षोडशोपचार पूजन किया जाता है। इनकी कृपा से अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है। महागौरी का विधिवत पूजन करने से अविवाहितों का विवाह होने में आने वाली समस्त बाधाओं का नाश होता है।

मुंबई में काजोल और रानी के साथ मनाएं दुर्गा पूजामुंबई में काजोल और रानी के साथ मनाएं दुर्गा पूजा

नवरात्री सीरिजनवरात्री सीरिज

अम्‍बाजी का मंदिर

अम्‍बाजी का मंदिर

अम्‍बाजी का मंदिर गुजरात-राजस्थान सीमा पर स्थित है। माना जाता है कि यह मंदिर लगभग बारह सौ साल पुराना है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम 1975 से शुरू हुआ था और तब से अब तक जारी है। श्वेत संगमरमर से निर्मित यह मंदिर बेहद भव्य है। मंदिर का शिखर एक सौ तीन फुट ऊंचा है। शिखर पर 358 स्वर्ण कलश सुसज्जित हैं।PC: Kaushik Patel

अलग हटकर है यह मंदिर

अलग हटकर है यह मंदिर

कहने को तो यह मंदिर भी शक्ति पीठ है पर यह मंदिर बाकि मंदिरो से कुछ अलग हटकर है। मंदिर के गर्भगृह में मांकी कोई प्रतिमा स्थापित नहीं है। यहां मां का एक श्री-यंत्र स्थापित है। इस श्री-यंत्र को कुछ इस प्रकार सजाया जाता है कि देखने वाले को लगे कि मां अम्बे यहां साक्षात विराजी हैं।
PC: Kaushik Patel

51 शक्तिपीठों में से एक

51 शक्तिपीठों में से एक

नवरात्र में यहां का पूरा वातावरण शक्तिमय रहता है।यह 51 शक्तिपीठों में से एक है जहां मां सती का हृदय गिरा था। माता श्री अरासुरी अम्बिका के निज मंदिर में श्री बीजयंत्र के सामने एक पवित्र ज्योति अटूट प्रज्ज्वलित रहती है।pc:official site

अम्‍बाजी का मंदिर

अम्‍बाजी का मंदिर

अम्बा जी के मंदिर से 3 किलोमीटर की दूरी पर गब्बर पहाड भी माँ अम्बे के पद चिन्हो और रथ चिन्हो के लिए विख्यात है। माँ के दर्शन करने वाले भक्त इस पर्वत पर पत्थर पर बने माँ के पैरो के चिंह और माँ के रथ के निशान देखने जरुर आते है। PC: Kaushik Patel

कैसे पहुँचें- अम्बाजी मंदिर गुजरात

कैसे पहुँचें- अम्बाजी मंदिर गुजरात

अम्बाजी मंदिर गुजरात और राजस्थान की सीमा के करीब ही है । यहाँ से सबसे नजदीक स्टेशन माउंटआबू का पड़ता है जो सिर्फ 45 किलोमीटर दूरी पर स्तिथ है । अम्बाजी मंदिर अहमदाबाद से 180 किलोमीटर की दूरी पर है।PC: wikimedia.org

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X