ट्रैकिंग हमेशा से ही एडवेंचर के शौक़ीन पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र रहा है, जिसके चलते आज भारत का शुमार विश्व के सर्वोत्तम ट्रैकिंग डेस्टिनेशन में होता है। भारत में जहां एक तरफ आपको हिमालय की बर्फ से ढंकी चोटियां दिखेंगी तो वहीँ दूसरी तरफ आपको वेस्टर्न घाट की वादियां और गोवा और अंडमान के ऊबड़ खाबड़ पठार दिखेंगे। यदी बात नॉर्थ ईस्ट की तो तो ये कहना अतिश्योक्ति न होगी कि भारत का ये उत्तर पूर्व का हिस्सा ट्रैकिंग के शौक़ीन लोगों का स्वर्ग है।
आज हममें से बहुत से ऐसे लोग हैं जिनका मानना है कि ऊंचे ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ना ट्रैकिंग है। तो ऐसे लोगों को बता दें कि, दुर्गम ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी तथा घाटी मार्गों से पैदल यात्रा करने को ट्रेकिंग कहते हैं। ट्रैकिंग के दौरान काफी हद तक व्यक्ति बहादुर और निडर बनता है और व्यक्ति में मिल कर काम करने से सहयोग की भावना का विकास होता है। ट्रैकिंग के दौरान रास्ते में पड़ने वाले पेड़-पौधे, जीव-जन्तु दिल को छू लेने वाला दृश्य व्यक्ति की सारी थकान छू मंतर कर देते हैं। ट्रैकिंग कर व्यक्ति अपने को प्रकृति के नजदीक पाता है जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और उसे आत्मसंतोष की प्राप्ति होती है।
अब अगर हम बात ट्रैकिंग के सबसे अच्छे मौसम की करें तो अक्टूबर से दिसंबर के बीच का समय आपके अंदर बसे एडवेंचर के देवता को ट्रैकिंग पर ले जाने का सबसे अच्छा और आदर्ष समय है। परन्तु मानसून को छोड़कर आप कभी भी खुले आसमान के नीचे ट्रैकिंग कर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं। गौरतलब है कि जहां पर्वतारोहण में आपको कुशल प्रशिक्षण चाहिए होता है वहीं ट्रैकिंग के लिए प्रशिक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है।
आज हम आपको बताएंगे ट्रैकिंग के दौरान अपनाई जाने वाली उन टिप्स के बारे में जिनको अपनाकर आप अपनी ट्रैकिंग को हमेशा के लिए यादगार बना सकते हैं।
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ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
आप जब भी ट्रैकिंग पर जाएं तो चार से पांच के समूह में जाएं इससे आपको ट्रैकिंग की थकान का पता नहीं चलेगा। साथ ही आप इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके पास ज्यादा सामान न हो।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
ट्रैकिंग के लिए सबसे जरूरी ये है कि आप मानसिक रूप से तैयार और शारीरिक रूप से फिट हों।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
आप जहां कहीं भी ट्रेक के लिए जा रहे हों वहां के लोकल लोगों के साथ दोस्ताना व्यवहार तथा उनके रीति-रिवाजों मान्यताओं और धर्म का पूरा सम्मान करें।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
ट्रैकिंग कोई रेसिंग प्रतियोगिता नहीं है। अतः आप जब भी ट्रैक पर जाएं एक निश्चित रफ़्तार बना के रखें बल्कि बेहतर होगा की आप स्लो मोशन में चलें और रास्ते में पड़ने वाले प्राकृतिक दृश्यों एवं खूबसूरत नजारों का आनंद उठाते हुए अपनी ट्रैकिंग को यादगार बनाएं।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
अपनी ट्रैकिंग के दौरान आप मौसम का हमेशा ख़याल रखें, हम आपको ये सलाह देते हैं कि कभी भी आप ट्रैकिंग बरसात के मौसम में न करें। इस दौरान रास्तों में फिसलन होती है जिससे आपको चोट लग सकती है।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
यदि आप लद्दाख जैसे लम्बे ट्रैक पर जाने का प्लान कर रहे हैं तो आप अपने साथ सामान ढोने के लिए कुली और घोड़े अवश्य रखें। ऐसा करके आप अपनी यात्रा को सुगम बना सकते हैं।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
कहीं पर भी आप ट्रैकिंग कर रहे हों ये बहुत जरूरी है कि आप अपने साथ कुछ ज़रूरी दवा और फर्स्ट एड किट अवश्य रखें।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
चूंकि आप ट्रैकिंग के दौरान पैदल चलते हैं तो इस बात का पूरा ध्यान रखिये की आपके पास एक अच्छा कैमरा हो और आपने कायदे से उसे चार्ज किया हो क्योंकि यात्रा के दौरान अपने रोमांच भरे क्षणों एवं सुन्दर दृश्यों को अपने करीबी दोस्तों, रिश्तेदारों के साथ शेयर करने का अपना एक अलग ही सुख होता है।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
जब भी आप ट्रैकिंग पर जा रहे हों तो अपनी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखिये। आज बाज़ार में ट्रैकिंग के मद्देनज़र कई उपकरण जैसे रस्सी, जंगल नाइफ, लाइटर, माचिस मौजूद हैं उन्हें अवश्य खरीद लें।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
यदी आप किसी विशेष स्थान की ट्रैकिंग के लिए जा रहे हों तो आपके पास वहां जाने का परमिट अवश्य होना चाहिए।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
एक अच्छे ट्रैक के लिए ये आवश्यक है कि आपके पास एक कुशल गाइड हो जिसे जगह की पूरी जानकारी हो।
ट्रैकिंग पर रखें इन बातों का ख्याल
ट्रैकिंग कभी सीधे रास्तों पर नहीं की जाती, ट्रैकिंग के मार्ग ऊबड़ खाबड़ होते हैं तो जाहिर सी बात है आपको थकान अवश्य लगेगी। ऐसे में आप अपने पास प्रचुर मात्रा में पानी, कुछ नींबू और ग्लूकोस रखें।