भारत का पहाड़ी राज्य उत्तराखंड मुख्य तौर पर दो मण्डलों में विभक्त है, एक कुमाऊं और दूसरा गढ़वाल। राज्य में तेरह जिले हैं जिसमें से 7 गढ़वाल के अंतर्गत आते हैं, बाकी छह कुमाऊं के अंतर्गत। ये दोनों मंडल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और लोक कला-संस्कृति के लिए जाने जाते हैं।
गढ़वाल की बात करें तो इसमें हरिद्वार जैसे धार्मिक नगर और न्यू टिहरी जैसे पहाड़ी नगर मौजूद हैं। इसके अलावा खुला पहाड़ी क्षेत्र, हिमालय पर्वतीय श्रृंखला और नदी घाटी गढ़वाल को एक खास रूप प्रदान करने का काम करते हैं।
प्राकृतिक दृष्टि से देखा जाए तो यह प्रांत पूरे भारत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। जहां के पर्यटन स्थलों का आनंद लेने के लिए विश्व भर से सैलानी यहां आते हैं। आज इस खास लेख में हम बात करेंगे गढ़वाल के चुनिंदा कुछ खास पर्यटन स्थलों की जिनका प्लान आप इन गर्मियों बना सकते हैं।
नाग टिब्बा
PC- Ashish Gupta
दिल्ली के पास सबसे प्रसिद्ध ट्रेक में से एक, नाग टिब्बा उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल मण्डल में स्थित है। वीकेंड एडवेंचर के लिए यह खास ट्रेकिंग रूट सबसे आदर्श विकल्प है। नाग टिब्बा के सफर के दौरान आप बंदरपूंछ, स्वर्गारोहिनी , गंगोत्री और केदारनाथ पर्वत चोटियों के शानदार दृश्य देख सकते हैं।
यह ट्रेक रूट हिमालय के बाकी ट्रेक से काफी आसान है। एक अनुभवहीन ट्रैवलर भी इस रूट का रोमांचक आनंद ले सकता है। नाग टिब्बा देवदार जंगलों के घिरा हुआ है, जो इस सफर को रोमांचक बनाने का काम करते हैं।
यहां आने का सबसे सही समय फरवरी से जून है। इसके आलावा आप यहां सितंबर और दिसम्बर में भी यहां आ सकते हैं। दिल्ली से यहां की दूरी लगभग 347 किमी की है।
कालिंदी पास ट्रेक
कालिंदी पास को हिमालय के सबसे दुर्गम पर्वतीय ट्रेक में गिना जाता है। यह रूट उन ट्रैवलर्स के लिए है जो शारीरिक रूप से मजबूत और उन एडवेंचर लवर्स के लिए है जो कठिन पर्वतीय रास्तों में शारीरिक और मानसिक संतुलन बरकरार रख सकते हैं। कालिंदी पास ट्रेक काफी रोमांचक सफर की अनुभूति कराता है।
इस सफर के दौरान आप चुनिंदा सबसे खास हिन्दू तीर्थस्थलों के दर्शन भी कर सकते हैं। इसके अलावा यह स्थान विभिन्न जीवों को घर भी है, आप यहां बुलबुल, उल्लू, कोयल, गिद्ध , स्वर्ण चील , भालू आदि जीवों को देख सकते हैं।
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टिहरी डैम
PC- Goldi.negi
गढ़वाल में टिहरी डैम देखने योग्य स्थान है, यह बांध पहाड़ों से आती भागीरथी नदी और भीलांगना नदी पर बनाया है। टिहरी बांध की ऊंचाई 261 मीटर है, जो विश्व का पांचवा सबसे ऊंचा बांध है। इस बांध के पानी का इस्तेमाल बिजली उत्पादन में किया जाता है। लेकिन समय के साथ-साथ इस बांध की खूबसूरती ने टिहरी को नई पहचान दी है। पर्यटन के लिहाज से यह बांध काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी यहां तक का सफर तय करते हैं।
बता दें कि आज जहां यह बांध है वहां टिहरी शहर हुआ करता था जिसे अब ऊपर पहाड़ी पर न्यू टिहरी के नाम से बसाया गया है। यह टिहरी इलाका देखने में काफी सुंदर है, चीड़-देवदार के जंगल इसे खास बनाने का काम करते हैं। टिहरी झील अब वाटर एडवेंचर के लिए भी जानी जाती है।
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चंबा
न्यू टिहरी का निकटतम स्थान चंबा जो ऋषिकेश से न्यू टिहरी के रास्ते में पड़ता है। पहाड़ियों के बीच बसा यह हिल स्टेशन बेहिसाब प्राकृतिक खबसूरती के लिए जाना जाता है। न्यू टिहरी जाने से पहले आप चंबा रूक कर पहाड़ी खूबसूरती का आनंद उठा सकते हैं। यहां से आप हिमालय की बर्फ से ढकी विभिन्न चोटियों को देख सकते हैं। चंबा गढ़वाल के उन खास स्थानों में आता है जहां का प्लान आप कम बजट में भी बना सकते हैं।
इसके अलावा आप चंबा से हिमालय पक्षी प्रजातियों को निहार सकते हैं। पर इसके लिए आपको दूरबीन की जरूरत पड़ेगी। काफी शांत और मनमोहक आबोहवा के लिए जाना जाता है गढ़वाल का चंबा।
नरेंद्रनगर
PC- Ekabhishek
ऋषिकेश से न्यू टिहरी के रास्ते एक और खूबसूरत पर्यटन स्थल बीच में पड़ता है, जो अपनी प्राकृतिक खूबसूरती और ऐतिहासिक महल के लिए जाना जाता है। इस स्थल का नाम है नरेंद्रनगर जो चंबा से पहले पड़ता है। इस स्थल का इतिहास टिहरी रियासत के महाराज राजा नरेंद्र शाह से जुड़ा है। उनका बनवाया हुआ महल आज भी इस स्थान पर मौजूद है, हालांकि अब यहां उनके परिवार का कोई भी सदस्य नहीं रहता। लेकिन आप यहां आकर इस खूबसूरत महल का दीदार कर सकते हैं।
महल की संरचना काफी खूबसूरत है, जिसका आंगन का खूबसूरत फूल-पौद्यों से भरा हुआ है। महल पहाड़ी पर बना हुआ है, जिसके लिए आपको थोड़ी चढ़ाई करनी होगी। अगर आपके पास निजी वाहन हो तो यहां उसके सहारे यहां तक पहुंच सकते हैं। इसके अलावा आप नरेंद्रनगर में माता कुंजापुरी के दर्शन भी कर सकते हैं।