Search
  • Follow NativePlanet
Share
» »बदरीनाथ धाम से लेके मां गंगा का जन्म स्थान, सब के दर्शन होंगे सिर्फ टिहरी गढ़वाल में

बदरीनाथ धाम से लेके मां गंगा का जन्म स्थान, सब के दर्शन होंगे सिर्फ टिहरी गढ़वाल में

By Syedbelal

गर्मियां आ चुकी हैं और लगभग सभी स्कूल कॉलेजों में वेकेशन्स की भी घोषणा हो चुकी है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल जो हमेशा से व्यक्ति को परेशान करते हुए नज़र आया है वो ये कि इन छुट्टियों में कहां जाया जाये? यदि इन सवालों के पीछे के कारणों को देखें तो मिलता है कि ट्रैवलिंग के शौक़ीन लोग ज्यादातर या तो किसी नेशनल पार्क की सैर पर जाते हैं, या फिर बीचों पर, और ये मानव प्रवृति है कि बार बार एक ही अनुभव से बोरियत का एहसास होता है।

चूंकि ये गर्मियों का सीजन है तो हमारा सुझाव है कि आप बीच पर न जाएं बल्कि हम आपसे ये कहेंगे कि इन गर्मियों आप अपनी लिस्ट में ऐसे स्थानों को शामिल करें जहां लोग काम जाते हों।आज अपने इस लेख में हम आपको अवगत कराएंगे उन डेस्टिनेशनों से जहां एक तरफ आप यहां के धार्मिक पर्यटन से ईश्वर को खुश कर सकते हैं तो वहीं दूसरी तरफ इन स्थानों पर आयोजित होने वाली गतिविधियों जैसे ट्रैकिंग, माउंटेन क्लाइम्बिंग, पैरा ग्लाइडिंग, हाइकिंग से अपनी आत्मा को भी आप ख़ुशी का एक अनोखा एहसास दिला सकते हैं।

<span style=सृष्टि की रचना के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण थे भगवान शिव और देवी शक्ति " title="सृष्टि की रचना के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण थे भगवान शिव और देवी शक्ति " loading="lazy" width="100" height="56" />सृष्टि की रचना के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण थे भगवान शिव और देवी शक्ति

तो अब देर इस बात की आज ही पैक करिए अपना बैग, कराइए अपने टिकटों की बुकिंग और निकल जाइए इन स्थानों की यात्रा पर।

बदरीनाथ

बदरीनाथ

बदरीनाथ भारत के उत्तरी भाग में स्थित एक स्थान है जो हिन्दुओं का प्रसिद्ध तीर्थ है। यह उत्तराखण्ड के चमोली जिले में स्थित एक नगर पंचायत है। यहाँ बद्रीरीनाथ मन्दिर है जो हिन्दुओं के चार प्रसिद्ध धामों में से एक है।

चंबा

चंबा

चंबा, एक खुबसूरत पर्यटन स्थल है जो की उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में स्थित है जिसकी उचाई समुद्री तट से लगभग 1524 मीटर की है। यह जगह अपने प्राकृतिक परिवेश और प्रदूषण रहित खूबसूरती क लिए पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। देवदार और चीड़ के पेड़ों से घिरा हुआ, चंबा का अन्नवेषित इलाका प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सपनों की दुनिया के सामान है।

देवप्रयाग

देवप्रयाग

समुन्दरी तट से 2723 मीटर की ऊँचाई पर स्थित देवप्रयाग, उत्तराखण्ड के टिहरी गढवाल जिले का प्रमुख धार्मिक स्थान है। "अलकनंदा" और "भागीरथी" नदियों के संगम पर स्थित, इस शहर को संस्कृत में "पवित्र संगम" के नाम से संबोधित किया गया है। 7 वीं सदी में देवप्रयाग ब्रह्मपुरी, ब्रह्म तीर्थ और श्रीखण्ड नगर जैसे कई अलग अलग नामों से जाना जाता था। "उत्तराखण्ड के रत्न" के रूप में जाना जाता यह शहर प्रसिद्ध हिंदू संत देव शर्मा के नाम पर अंकित है।

धनौल्टी

धनौल्टी

उत्तराखंड के गढ़वाल जिले में समुद्र तल से 2286 मीटर की उंचाई पर धनौल्टी नाम का एक बेहद सुन्दर हिल स्टेशन है। अपने शांत और सुरम्य वातावरण के लिए जानी जाने वाली यह जगह, चंबा से मसूरी के रास्ते में पड़ती है। यह जगह पर्यटकों के बीच इसलिए भी मशहूर है क्योंकि यह मसूरी से काफी पास है, बल्कि सिर्फ 24 किलोमीटर दूर है। यहाँ से पर्यटक दून वैली के सुन्दर नज़ारे का मज़ा उठा सकते हैं।

कानाताल

कानाताल

कानाताल एक छोटा सा गाँव है जो उत्तराखंड के टेहरी गढवाल जिले में चंबा - मसूरी हाइवे (महामार्ग) पर स्थित है। यह सुंदर गाँव समुद्र सतह से 8500 फुट की ऊँचाई पर स्थित है। आसपास रहने वाले लोगों के लिए यह एक प्रसिद्द सैरगाह है। हरा भरा वातावरण, बर्फ से ढंके पहाड़, नदियाँ और जंगल इस स्थान की सुंदरता को बढ़ाते हैं।

नरेंद्र नगर

नरेंद्र नगर

देवभूमि ऋषिकेश से थोड़ी ही दूर स्थित नरेंद्र नगर एक बेहद खूबसूरत स्थान है जहां हर साल लाखों सैलानी आते हैं। यहां आने वाले पर्यटक खूबसूरत दून वैली और मन्त्र मुग्ध कर देने वाली गंगा नदी को निहारना बिल्कुल न भूलें।

टिहरी बाँध

टिहरी बाँध

टिहरी बाँध टेहरी विकास परियोजना का एक प्राथमिक बाँध है जो उत्तराखण्ड राज्य के टिहरी में स्थित है। यह बाँध गंगा नदी की प्रमुख सहयोगी नदी भागीरथी पर बनाया गया है। टिहरी बाँध की ऊँचाई 261 मीटर है जो इसे विश्व का पाँचवा सबसे ऊँचा बाँध बनाती है। इस बाँध से 2400 मेगा वाट विद्युत उत्पादन, 270,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवँ उत्तराखण्ड को उपलब्ध कराना प्रस्तावित है।

उत्तरकाशी

उत्तरकाशी

समुद्र तल से 1158 मीटर की ऊंचाई पर स्थित उत्तरकाशी एक खूबसूरत जिला है।उत्तराखंड के इस जिले का गठन 24 फरवरी, 1960 को हुआ। इसके उत्तर में हिमाचल प्रदेश और तिब्बत है,जबकि पूर्व में चमोली जिला है। हिंदुओं के लिए यह स्थान बड़ा धार्मिक महत्व रखता है तथा इसे ‘उत्तर का काशी' एवं 'मंदिरों के नगर' के रूप में भी जाना जाता है। पवित्र शहर उत्तरकाशी गंगा नदी के तट पर स्थित है एवं ऋषिकेश से इसकी दूरी मात्र 145किलोमीटर है। यह स्थान लोकप्रिय धार्मिक स्थलों, गंगोत्री और यमुनोत्री के निकट स्थित है। इस क्षेत्र में खास तौर पर उत्तरकूरू खासों,कीरत,कुनिनडस टंगाना और प्रांटगन जनजातियां रहती हैं।

तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X