बेंगलुरु में वीकेंड के दौरान घूमने के लिए ढेर सारी जगह है, जहां आप अपना वीकेंड मजेदार बना सकते हैं, लेकिन अगर आप इस वीकेंड कुछ नया देखने की योजना बना रहे हैं, तो बिना देर किये निकल पड़िए कोटिलिंगेश्वर..जोकि कोलार में स्थित है।
बचना चाहते हैं साढ़े साती के प्रकोप से तो जरुर करें इन मन्दिरों के दर्शन
कन्नड़ में 'कोटि' का अर्थ है करोड़ और इस मंदिर परियोजना का लक्ष्य है मंदिर में एक करोड़ शिव लिंग स्थापित करना। भारत के अन्य मन्दिरों के विपरीत, इस मंदिर में भीड़ काफी कम रहती है..और एक दिन की ट्रिप के लिए यह जगह एकदम परफेक्ट है।
कहां है?
कोटिलिंगेश्वर मंदिर कर्नाटक के कोलार में काम्मासांदरा गांव में स्थित है। कोलार जिला बैंगलोर से लगभग 70 किमी दूर है। कोटिलेशेश्वर मंदिर कोलार गोल्ड फील्ड से दस किमी की दूरी पर स्थित है।PC:Jigansk
कोटिलिंगेश्वर का इतिहास
कहा जाता है कि, स्वामी शंभू शिवमूर्ति ने अपने सपने में भगवान शिव को देखा था, बाद में उन्होंने यहां एक शिव मंदिर का निर्माण करने का निर्णय लिया। कोटिलिंगेश्वर का पहला शिव लिंग 1980 में स्थापित किया गया था। पिछले कुछ वर्षों में, इस मंदिर के आसपास लाखो शिवलिंगा स्थापित किये गये हैं।PC:Mithila
सबसे बड़ा शिवलिंगा
इस मंदिर में कोटिलिंगेश्वर की पूजा होती है..इस मंदिर का मुख्य आकर्षण 33 मीटर का सबसे बड़ा शिव लिंग है। इस लंबा लिंगम के सामने एक बड़ी नंदी (बैल) प्रतिमा भी है।PC:Mithila
करोड़ो शिवलिंग
कोटिलिंगेश्वर मंदिर में करीबन हर आकार के करीब 90 लाख शिवलिंग स्थापित है..इस मंदिर में एक करोड़ लिंग स्थापित करना मंदिर की परियोजना है। परिसर में शिव लिंगों की संख्या के कारण इसे कोटिलिंगेश्वर कहा जाता है।PC:pponnada
अन्य मंदिर
इस पूरे मंदिर परिसर में कोटिलिंगेश्वर के मुख्य मंदिर के अलावा 11 मंदिर और भी हैं, जिनमें ब्रह्माजी, विष्णुजी, अन्न्पूर्णेश्वरी देवी, वेंकटरमानी स्वामी, पांडुरंगा स्वामी, पंचमुख गणपति, राम-लक्ष्मण-सीता के मंदिर मुख्य रूप से विराजमान हैं।
दुःख होते हैं दूर
मान्यता है की मंदिर परिसर में मौजूद दो वृक्षों पर पीले धागे को बांधने से हर मनोकामना पूरी हो जाती है। विशेषकर शादी-ब्याह में आने वाली अड़चनें दूर हो जाती हैं।
सुविधाएँ
इस मंदिर में हर हफ्ते निर्धन-गरीब परिवारों की कन्याओं का सामूहिक विवाह का आयोजन कराया जाता है..इसके लिए नाम मात्र का शुल्क लिया जाता है।सारी व्यवस्था मंदिर की तरफ से की जाती है। वहीं, दूर-दूर से आने वाले भक्तों के रहने-खाने का भी यहां उचित इंतजाम किया जाता है। महाशिवरात्रि पर तो इस मंदिर की छटा देखते ही बनती है। अपने आराध्य देव को अपने श्रद्धा-सुमन अर्पण कर पुण्य लाभ कमाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 2 लाख तक पहुंच जाती है।
मंदिर खुलने का समय
मंदिर श्रधालुयों के लिए सुबह 6 से रात 9 बजे तक खुला रहता है।
और क्या देखें
मंदिर के अलावा पर्यटक कोलार को घूम सकते हैं..कोलार में चिंका तिरुपति या बंगारु तिरुपति कोटिलिंगेश्वर के पास एक और प्रमुख पर्यटक स्थल है।चिक्का तिरुपति कोटिलिंगेश्वर से 63 किमी की दूरी पर स्थित है और दोनों मंदिर एक दिन में घूमे जा सकते हैं।
कैसे पहुंचे?
कोटिलिंगेश्वर पहुँचने के लिए पहले श्रधालुयों को पहले कोलार पहुंचना होगा.. उसके बाद टैक्सी या बस से आगे जा सकते हैं। बैंगलोर से यह मंदिर करीब 95 किमी की दूरी पर स्थित है।
बस द्वारा- कोलार के लिए बैंगलोर से नियमित बसें चलती हैं।
ट्रेन: अगर आप ट्रेन से जा रहे हैं तो आपको कोलार या बंगारपेट रेलवे स्टेशन में उतरना होगा। उसके बाद टैक्सी या बस से आगे जा सकते हैं।