धर्म हम भारतियों के जीवन का मुख्य अंग है और यही कारण है कि आपको भारत में हर दस कदम पर कोई न कोई मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा या मज़ार अवश्य ही दिख जायगा। एक हद तक कहा जा सकता है कि बचपन से ही हमें हमारे बुजुर्गों द्वारा आस्था, विश्वास और श्रद्धा का पाठ पढ़ाया जाता है और बताया जाता है कि यदि हम धर्म के मार्ग पर चलेंगे तो हम अपने आप ही बुराइयों से दूरी बना लेंगे। अब अगर भारत में धर्म विशेषकर सनातन या हिन्दू धर्म के बिन्दुओं पर नज़र डालें तो मिलता है कि यहां तैंतीस करोड़ देवी देवताओं की पूजा की जाती है और शायद इसलिए ही भारत मंदिरों का देश और रिलिजियस टूरिज्म का हब कहलाता है। गौरतलब है कि अगर भारत में मौजूद अलग अलग मंदिरों को गौर से देखें तो इन मंदिरों का वास्तु कौशल, कलात्मकता और रचनात्मकता किसी भी व्यक्ति को अपनी तरफ आकर्षित कर लेगी।
आज अपने इस लेख के जरिये हम आपको एक ऐसे अनूठे मंदिर से अवगत कराने वाले हैं जहां बंटने वाला प्रसाद और प्रसादों से अलग और थोड़ा विचित्र है। इस मंदिर में देवता को ना तो खील बताशे पसंद हैं और ना ही सेब संतरा यहां देवता थोड़े मॉडर्न हैं और चॉकलेट खाने और बांटने का शौक रखते हैं। जी हां ये सच है, हम आज आपको बताने जा रहे हैं केरल के अलेप्पी स्थित थेककन पलानी बालसुब्रमणिया मंदिर के बारे में जहां पर मन्दिर के प्रमुख देवता को फल फूल नारियल माला और अगरबत्ती से कोई मतलब नहीं, उन्हें तो मतलब है तो सिर्फ ढेर सारी चॉकलेट से।
मंदिर के प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार यहां सभी जाति धर्म और समुदाय के लोग आते हैं जिसमें चॉकलेट के चलते बच्चों की तादाद हमेशा ही यहां ज्यादा होती है। यहां दर्शन करने आये लोगों कि माने तो देवता को महंगी चॉकलेट दी जाती है क्योंकि देवता सिर्फ बड़े ब्रांड जैसे नेस्ले, कैडबरी और रॅशर्स की ही चॉकलेट खाते हैं। आपको बताते चलें कि मंदिर के मुख्य पुजारी दी गयी चॉकलेट में से आधा हिस्सा देवता के लिए रखते हैं और आधा आपको वापस कर देते हैं।
इस मंदिर की एक ख़ास बात और है इसे एक मशहूर चॉकलेट ब्रांड "मंच" से जोड़ते हुए यहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा "मंच मुरुगन" के नाम से जाना जाता है। यहां के पुजारियों का ये भी कहना है कि इस मंदिर में भगवान बालामुरुगन मुख्य देवता हैं और मुरुगा उनका बाल स्वरुप और जैसा कि बच्चों को चॉकलेट बहुत पसंद होती है देवता मुरुगा भी इसी तर्ज पर चॉकलेट के शौक़ीन हैं।
अगर इस मंदिर के आयोजनों की बात करें तो मंदिर में मुख्य आरती के बाद लोगों को फूल दिए जाते हैं और चंदन का टीका लगाया जाता है और आरती ख़त्म होने के बाद चॉकलेट दी जाती है। गौरतलब है कि इस मंदिर में सभी प्रमुख अनुष्ठानों के लिए चॉकलेट का ही इस्तेमाल किया जाता है। यहां का सबसे प्रमुख अनुष्ठान थुलुभारा है।
इस अनोखे मंदिर में आपको भारत के अलावा भी दुनिया भर के पर्यटक मिलेंगे। बताया जाता है कि पहले इस मंदिर में देवता को केवल बच्चों के द्वारा चॉकलेट चढ़ाई जाती थी बाद में यहां आने वाले सभी लोगों ने देवता को चॉकलेट चढ़ाना शुरू कर दिया। तो अब यदि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपका भी मन प्रसाद वाली चॉकलेट खाने का है तो आज ही केरल के अलेप्पी स्थित इस अनोखे मंदिर की यात्रा का प्लान बनाइये।