विचित्रता,विविधता और रंग बिरंगी संस्कृति, भारत को परिभाषित करने के लिए शायद इतना काफी है। आज हमारा भारत कुछ रंगीन चमत्कारों से भरा है। चाहे यहां की कला हो, सभ्यता और संस्कृति हो, भोजन या यहां के लोग हों यहां ऐसा बहुत कुछ है जो किसी भी व्यक्ति को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए काफी है। जैस एही आप भारत को ध्यान से देखें तो आपको मिलेगा कि यहां हर धर्म में अपनी कुछ ख़ास जनजातियां हैं जो आज भी इस वैश्वीकरण के दौर में अपनी कला सभ्यता और संस्कृति को बचा के रखे हुए हैं।
लंदन,पेरिस,न्यूयॉर्क और शिकागो सभी को मात देता है अपना इंडिया
तो आइये कुछ चुनिंदा तस्वीरों के जरिये देखें भारत की इन आदिम जनजातियों को।
लद्दाखी
भारत के जम्मू और कश्मीर राज्य से एक लद्दाखी महिला की तस्वीर।
बोंडा
बोंडा जनजाति ओडिशा के मलकानगिरी क्षेत्र में पहाड़ियों पर रहती है।
रबारी
ये जनजाति प्रायः मध्य प्रदेश गुजरात और राजस्थान में वास करती है।
बंजारा
बंजारों का शुमार खाना बदोशों में होता है और ये जनजाति मुख्यतः राजस्थान और मध्य प्रदेश के अलावा उत्तर प्रदेश में पाई जाती है।
गड़ाबा
आंध्र प्रदेश की ये जनजाति अपने परंपरागत आभूषणों के लिए जानी जाती है।
यिमचुंगेर नागा
यिमचुंगेर का शुमार नागालैंड की विशेष जनजातियों में होता है।
मेघवाल
मेघवाल जनजाति राजस्थान और पश्चिमी गुजरात की जनजाति हैं जो अपने कढ़ाई के काम के लिए जाने जाते हैं जो बहुत रंग बिरंगे होते हैं।
बैगा
आज मध्य प्रदेश का मंडला और बालाघाट बैगा जनजातियों का मुख्या निवास स्थान है।
गद्दी
ये जनजाति आज भी आपको हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में देखने को मिलेगी।
कोया
कोया जनजाति ओडिशा की एक जनजाति है।
गारो
आज गारो मेघालय की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है।
बोडो
कहां जाता है कि असम की इस जनजाति ने ही पूरे असम को बसाया है और यहां कि सबसे पुरानी जनजाति है।
लिंबू
हालांकि इस जनजाति का मूल निवास नेपाल है मगर फिर भी आप इस जनजाति की एक बहुत बड़ी संख्या को सिक्किम में देख सकते हैं।
खासी
ये जनजाति मेघालय की एक प्रमुख जनजाति है।
भील
ये जनजाति भारत के पश्चिमी दक्कन और भारत के मध्य क्षेत्रों में पाई जाती है।
गोंड
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ आंध्र प्रदेश और ओडिशा में इस जनताई के लोगों का वास है।
अंगामी
इस जनजाति का भी शुमार नागालैंड की प्राचीन जनजातियों में होता है।
कोनीएक
कोनीएक भी नागालैंड की एक छोटी जनजाति है।
दिमासा
ये भी असम की एक प्राचीन जनजाति है।
डोंगरिआ कोंध
ये जनजाति ओडिशा के नियमगिरि की पहाड़ियों में वास करती है।
धुरुबा
ओडिशा के धुरुबा जनजाति से संबंध रखने वाली एक महिला
उत्तर पूर्व की जनजातियों का समूह
ये उत्तर पूर्व की सभी जनजातियों की ग्रुप फोटो है।