वन्य जीव पार्क की सैर आपको हमेशा ही प्रकृति के करीब ले जाती है। वन्य जीव पार्क में आप कई प्रकार की विभिन्न वन्यजीवन को देखने का मौका मिलता है।इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं कि, वन्य जीव पार्कों की सैर करना परिवार के साथ एक परफेक्ट जगह है।
असम राज्य में कई राष्ट्रीय उद्यान हैं, जहां आप रोमांचक तरीके से अपनी छुट्टियों को बिता सकते हैं। असम में कई सारे नेशनल पार्क है, जो यहां आने वाले पर्यटकों की सभी सुविधायों का ध्यान रखते हुए उनकी छुट्टियों को रोमांचक बनाते हैं- आइये जानते हैं कि असम के नेशनल पार्क में छुट्टियों को कैसे रोमांचक बनाया जाये
काजीरंगा नेशनल पार्क
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असम की शान के रूप में व्यवस्थित काजीरंगा नेशनल पार्क असम का एक प्रसिद्ध नेशनल पार्क है। जैसा की सभी जानते हैं, काजीरंगा नेशनल पार्क एक सिंग वाले गेंडे का घर है, और वर्ष 2006 में बाघ रिजर्व के रूप में भी घोषित किया गया था।
यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल में शामिल काजीरंगा नेशनल पार्क असम के दो जिलों - गोलाघाट और नोगागांव जिलों के अंतर्गत आता है। काजीरंगा नेशनल पार्क सिर्फ एक सिंग के गेंडे या फिर बाघों के सरंक्षण के लिए ही नहीं जाता, बल्कि आप इस पार्क में पायी जान वाले अन्य प्रजातियों में एशियाई हाथी, एशियाई जल भैंसे और स्वैप हिरण को भी देख सकते हैं।
इसके अलावा इस खूबसूरत पार्क में देशी समेत प्रवासी पक्षियों को भी निहारा जा सकता है। इस पार्क की खास चीज यह है कि, आप यहां हाथी सफारी का मजा भी ले सकते हैं, जोकि महंत द्वारा प्रशिक्षित किये जाते हैं। हाथी की सवारी का मजा लेते हुए जानवरों को निहारना वाकई बेहद रोमांचक है, आजमा कर देखिये!
होलोगापार गिब्बन वन्यजीव अभयारण्य
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भारत में एकमात्र वन्यजीव अभयारण्य है जो पहाड़ी गिब्बन का घर है। यह छोटा वन्यजीव अभयारण्य बंगाल धीमी लॉरी, हाथी, बाघ, तेंदुए, पैंगोलिन, सुअर-पूंछ वाले मैकक, असमिया मैकक, स्टंप पूंछ मैकक, रीसस मैकक और कैप्ड लैंगर्स का घर है। इसके अलावा यहां भारतीय पाइड हॉर्न बिल, ओस्प्रे, हिल मन्ना और कालीज फिजेंट जैसे अभयारण्य में कई प्रकार के प्रवासी और निवासी पक्षियों को देखा जा सकता है।
मानस नेशनल पार्क
मानस नेशनल पार्क असम राज्य के सबसे प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यूनेस्को प्राकृतिक विश्व धरोहर स्थल, एक परियोजना टाइगर रिजर्व, बायोस्फीयर रिजर्व और एक हाथी रिजर्व के रूप में घोषित किया गया है। हिमालय की तलहटी में स्थित यह अभयारण्य भूटान के रॉयल मानस नेशनल पार्क के निकट है। यह पार्क कई प्रकार के लुप्तप्राय जानवरों जैसे कि हिसपिड हरे, असम रूफड टर्टल, पायग्मी होग और गोल्डन लंगुर का घर है। इसमें जंगली जल भैंस की पर्याप्त आबादी भी है। स्तनधारियों की 55 से अधिक प्रजातियां, पक्षियों की 380 प्रजातियां, 50 प्रकार के सरीसृप और पार्क में 3 प्रकार के उभयचर पाए जाते हैं। यहां आने वाले पर्यटक जंगल सफारी, प्राकृतिक ट्रेक का भी मजा ले सकते हैं। राष्ट्रीय उद्यान कोकराझहर, चिरांग, बक्का, उदलगुड़ी और दररंग के कई जिले के अंतर्गत आता है।
नमेरी नेशनल पार्क
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तेजपुर से 35 किलोमीटर दूर स्थित, नमेरी नेशनल पार्क सोनितपुर जिले के अंतर्गत आता है। लोअर हिमालय की तलहटी पर स्थित, राष्ट्रीय उद्यान वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियों का घर है। इस पार्क में हाथियों को भरी संख्या के अलावा यहां तेंदुए, बिसन, काले भालू, जंगली सूअर, ढके हुए लैंगर्स भी पाये जाते हैं।
पक्षी प्रेमी इस पार्क में हॉर्नबिल, प्लूवर, लकड़ी के बतख, मधुमक्खी खाने वाले और बब्बलर आदि को देख सकते हैं। इस पार्क के भीतर एक दो छोटी-छोटी नदियां भी है, जिसमे नौकायान का मजा लिया जा सकता है।
ओरंग नेशनल पार्क
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काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के समान होने के कारण ओरंग नेशनल पार्क को मिनीकाजीरंगा पार्क भी कहा जाता है। इस पार्क में एक सिंग वाले गेंडे भी पाए जाते हैं, सन् 1985में इसको अभयारण्य घोषित किया गया था, और 13अप्रैल 1999 में इसे राष्ट्रीय उद्यान बना दिया गया। हर साल इस नेशनल पार्क में प्रवासी पक्षी पहुंचते हैं, जिनमे व्हाइट पेलिकन, एडजुटेंट स्टोर्क, शेल्डक, मल्लार्ड, किंग फिशर और वुडपेकर,जैसे पक्षी शामिल हैं। अगर बात जंगली जानवरों कि, की जाये तो यहां शाही बंगाल बाघ, तेंदुए, भारतीय पांगोलिन, सिवेट्स, पायग्मी हॉग और अधिक रहते हैं।
चक्रशिला वन्यजीव अभयारण्य
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चक्रशिला वन्यजीव अभयारण्य भारत का दूसरा गोल्डन लंगूर के निवास स्थान के लिए प्रसिद्ध है। यह पहले एक आरक्षित वन था, लेकिन वर्ष 1 99 4 में इसे वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था। इस पार्क में पर्यटक 14 विभिन्न प्रजातियों की सब्जियों, 60 प्रकार की मछली और उभयचर की 11 प्रजातियों के अलावा पक्षियों की 273 प्रजातियों को देख सकते हैं। वन्यजीव अभयारण्य में दो झीलें हैं, जो इस पार्क की सुन्दरता को बढ़ाती हैं, इन झीलों को धीर बील और डिप्लाई बील कहा जाता है, और ये अभयारण्य पर दोनों तरफ स्थित हैं।
पोबीटोरा वन्य जीव अभ्यारण्य
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पोबीटोरा वन्य जीव अभ्यारण्य गुवाहाटी से 50 किमी दूर मारीगांव जिले में स्थित है। यह अभ्यारण्य मुख्य रूप से एक सींग वाले गेंडे के लिए जाना जाता है। 30.8 वर्ग किमी में फैले इस अभ्यारण्य में 16 वर्ग किमी में सिर्फ गेंडे रहते हैं। चूंकि यहां बड़ी संख्या में गेंडें हैं, इसलिए ऐसा कहा जाता है कि गेंडे अभ्यारण्य से बाहर भी निकल आते हैं। गेंडें के अलावा इस वन्य जीव अभ्यारण्य की दूसरी विशेषता यहां हर साल आने वाले प्रवासी पक्षी हैं। यहां हर साल करीब 2000 प्रवासी पक्षियां आते हैं। अभ्यारण्य में एशियाई भैंस, तेंदुआ, जंगली बिल्ली और जंगली भालू सहित कई अन्य जीव भी देखे जा सकते हैं।