तमिलनाडु राज्य को विभिन्न मंदिरों के लिए जाना जाता है जो कई हिंदू देवताओं के लिए समर्पित हैं। साथ ही यह राज्य अपने मुंह में पानी ले आने वाले व्यंजन प्रसिद्ध मसाला डोस और इडली- सांभर के लिए विख्यात तमिलनाडू पर्यटकों के बीच यहां के खूबसूरत प्राकृतिक हिल स्टेशन - वन्य जीव पार्क के लिए भी जाना जाता है।
इसके अलावा एक और खास चीज है, जिसके बारे में हम सब बेहद कम जानते हैं, जो हैं यहां के किले, जो पूरे राज्य में फैले हुए हैं। ये शानदार किले अपनी सुंदरता और भव्यता से पर्यटकों को मंत्रमुग्ध करते हैं। ये खास किले प्राकृतिक स्थलों में स्थित हैं और प्रकृति प्रेमियों, साहसी और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
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अगर आपने अभी तक तमिलनाडू के किलों का दीदार नहीं किया है, तो आइये आज के लेख में आपको रूबरू कराते हैं, तमिलनाडु के खास किलों से
अल्मप्रारई किला
नवाब दस्ता अली खान द्वारा निर्मित अल्मप्रारई किला 17 वीं शताब्दी में जरी कपड़ा, नमक और घी का एक प्रमुख व्यापारिक आधार था। हालांकि इसे 1735 में फ्रांसीसी द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया। आज यह किला खंडहर हो चुका है,इस किले में आज भी कई बैटलमेंट्स को देखा जा सकता हैं।Pc: Djoemanoj
डिंडीगुल किला
डिंडीगुल किला डिंडीगुल क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण ऐतिहासिक इमारत है, जोकि 280 फीट की ऊंचाई पर डिंडीगुल हिल के ऊपर स्थित है। इसका निर्माण 17 वीं शताब्दी में मदुराई साम्राज्य के मुथु कृष्ण नकर ने किया था। बाद में 18 वीं सदी में टिपू सुल्तान ने इस किले पर कब्ज़ा कर लिया था। अगर आप इतिहास में रूचि रखते हैं, तो इस किले की यात्रा अवश्य करें।Pc: Premnath Thirumalaisamy
डांसबोर्ग फोर्ट
तंगाबादी जिले में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित डांसबोर्ग किला को डेनिश फोर्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह तंजावूर के राजा, रगुननाथ नायक द्वारा इस क्षेत्र में डैनीश निवासियों के लिए एक उपहार के रूप में बनाया गया था। यह तमिलनाडु में दूसरा सबसे बड़ा किला है , जिसे अब एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया गया है, पर्यटक इस किले के म्यूजियम में किले और डेनमार्क साम्राज्य के प्रमुख कलाकृतियों को देख सकते हैं। पर्यटक यहां आकर डेनमार्क से आकर बसने वालों के बारे में जान सकते हैं, जिन्होंने एक बार इस किले को अपने कब्जे में लिया था।Pc:Esben Agersnap
गेल्ड्रिया किला
पुलीकट में स्थित गेल्ड्रिया किला, भारत में डच समझौता की सीट थी। 1613 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने इस किले का निर्माण किया था, जोकि एक प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र था। यह डच, पुर्तगाली और ब्रिटिश शासन के अधीन था।
इतिहास की माने तो ,पुलीकटक्षेत्र में पहले एक छोटा पुर्तगाली किला था, जिसे डच द्वारा ध्वस्त कर डच ने इसे अपना गढ़ बना लिया था, जिसे बाद में अंग्रेजों ने हटा दिया था। आज इस किले के बहुत से खंडहरों में बदल चुका है। यहां आने वाले पर्यटक आज यहां सेना के जवानों की कब्रों को देख सकते हैं।Pc: Destination8infinity
सैंट जोर्ज किला
सेंट जॉर्जफोर्ट भारत का पहला इकलौता अंग्रेजी किला है जिसे 1644 में तटीय शहर मद्रास(चेन्नई) में बनाया गया था। किले का निर्माण बस्तियों और व्यापारिक गतिविधियों के लिए कराया गया था। इस प्रकार, यह कहना संभव है कि शहर किले के आसपास विकसित हुआ। अब यह किला तमिलनाडू विधान सभा और अन्य आधिकारिक भवनों में के अधीन है। यह तमिलनाडु राज्य में 163 मेगैलीथिक स्थलों में से एक है।
Pc: Destination8infinity
वेल्लोर फोर्ट
वेल्लोर फोर्ट वेल्लोर के केंद्र में स्थित है। यह पुराने बस स्टैंड के सामने गर्व से खड़ा है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण किले के रखरखाव का ख्याल रखता है एवं संचालित करता है। वेल्लोर फोर्ट में श्री जलागांडीश्वर मंदिर, एक मस्जिद, एक चर्च, मुतु मंडपम, प्रसिद्ध वेल्लोर ईसाई अस्पताल और राज्य सरकार संग्रहालय स्थित हैं। बाहरी दीवारों का निर्माण विशाल ग्रेनाइट ईटों से हुआ, जिसके चारों ओर गहरी खायी है। सूर्यगुंटा जलाशय खाई में भरने के लिये जल की आपूर्ति करता है और यह दोहरी दीवारों से दृढ़ है। किले में टीपू महल भी स्थित है। कहा जाता है है कि महान टीपू सुल्तान ब्रिटिश युद्ध के समय अपने परिवार के साथ यहां रहे थे।
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सांकगिरि किला
संकगिरि किला सलेम से करीब 30 किमी दूर स्थित है और जोकि अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। सांकगिरी पहाड़ी पर स्थित यह किला लगभग 40 फीट लंबा है जिसमे कई मंदिर और मस्जिद हैं। इस मंदिर में कई ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण चीजें हैं जैसे हथियार, पिस्तौल और टीपू सुल्तान और थरान चिन्नमलाई के गहने आदि। इस क्षेत्र के इतिहास और वास्तुकला में रुचि रखने वाले लोगों को यह किला जरुर घूमना चाहिए।Pc:JayakanthanG