भारत के उत्तर में स्थित हिमाचल प्रदेश वो राज्य है जो अपनी खूबसूरती, प्रकृति और शांत वातावरण के कारण हर साल पूरी दुनिया के लाखों पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ पर्यटन तेजी से बढ़ रहे उद्योगों में से एक है और यही कारण है की प्रतिवर्ष राज्य की आय में भी भारी इजाफा हो रहा है। आज राज्य में ऐसे 12 जिले मौजूद हैं जहां हर रोज़ हज़ारों पर्यटक घूमने आते हैं।
इन 12 जिलों की ये ख़ास बात है कि यहां सभी के लिए कुछ न कुछ मौजूद है। यहां चाहे आप धर्म की दृष्टि से आएं हों या फिर एडवेंचर के शौक़ीन हों, आप हिमाचल में सकते हैं जिसकी कल्पना आपने अक्सर ही की होगी।आपको बताते चलें कि हिमाचल आकर आप किसी भी मंदिर में दर्शन के अलावा ट्रैकिंग, पैरासेलिंग, पैरा ग्लाइडिंग, पर्वतारोहण, स्कीइंग और आइस स्केटिंग जैसी एक्टिविटी को अंजाम दे सकते हैं।
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आज अपने इस आर्टिकल के जरिये हम आपको बताएंगे हिमाचल प्रदेश के उन 12 स्थानों से जहां आप इस मॉनसून कि बारिश से बचते हुए कुछ नया और कुछ तूफानी कर सकते हैं। तो अब देर किस बात की आइये जानें इस मॉनसून हिमाचल में किन 12 जगहों पर घूमकर कुछ तूफानी किया जा सकता है।
कैसे जाएं हिमाचल प्रदेश
यूं तो हिमाचल के सभी बड़े और प्रमुख शहर ट्रेन और फ्लाइट द्वारा देश की राजधानी दिल्ली से जुड़े हैं। मगर फिर भी हिमाचल की यात्रा करने के लिए बसें एक अच्छा विकल्प हैं। हिमाचल के सभी प्रमुख आकर्षणों तक आप बस द्वारा आसानी से पहुंच सकते हैं। ज्ञात हो कि राज्य के शिमला मनाली कुल्लू और पठानकोट में पर्यटकों की सुगमता के लिए एयरपोर्ट बनवाए गए हैं। यदि आप हिमाचल आ रहे हैं तो हमारा यही सुझाव है कि आप बस के जरिये राज्य की यात्रा करें। बस के अलावा आपको हिमाचल में टाटा सूमो भी मिलेगी जिन्हें किराये पर लेकर आप दुर्गम स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।
फोटो कर्टसी : Kamaljith K V
अरकी
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित अरकी एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इस जिले का यह छोटा शहर लोगों को इस क्षेत्र के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से कुछ की यात्रा करने का अवसर प्रदान करता है। ऐतिहासिक रूप से यह शहर प्राचीन पर्वतीय राज्य बाघल की राजधानी था, जिसकी स्थापना राजा अजयदेव ने 1660-1665 के दौरान की थी। शिमला से 52 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अरकी में अभी भी कुछ स्मारक हैं, जो पूर्व राजाओं की राजसी विरासत को प्रदर्शित करते हैं। अरकी में कई मंदिर हैं, जो देश के सभी भागों से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
फोटो कर्टसी : Kumar Chitrang
बड़ोग
समुद्र सतह से 6000 फुट की ऊँचाई पर स्थित बड़ोग शहर हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित है। यह एक छोटा सा गाँव है जो 20 वीं सदी में प्रारंभ हुए समझौते के बाद बना। यह वही समय था जब कालका-शिमला नैरो गेज रेलवे स्टेशन बना था। इस स्थान का नाम एक इंजीनियर बड़ोग के नाम पर पड़ा, जिसने पहाड़ में से एक बड़ी टनल बनाने की योजना बनाई थी जिसका निर्माण पूरा न हो सका।
फोटो कर्टसी - Fred Hsu
बीर
बीर हिमाचल प्रदेश के पर्यटन के लोकप्रिय स्थानों में से एक है। इस शहर की प्रमुख आबादी पड़ोसी देश तिब्बत से आए हुए शरणार्थी हैं। यह स्थान अपने विभिन्न अध्यात्मिक अध्ययन के केन्द्रों जैसे दीर पार्क इंस्टीट्यूट और धर्मालय इंस्टीट्यूट के लिये प्रसिद्द है। अध्ययन केन्द्रों के अलावा बीर साहसिक खेलों का भी एक गंतव्य है। भारत की पैराग्लाइडिंग राजधानी कहे जाने वाले इस क्षेत्र में पैराग्लाइडिंग के अनेक स्थान हैं। प्रतिवर्ष अक्टूबर के महीने में पर्यटन विभाग,नागरिक उड्डयन विभागऔर हिमाचल प्रदेश सरकार यहाँ ‘पैराग्लाइडिंग प्री वर्ल्ड कप' प्रतियोगिता आयोजित करती है।
चैल
चैल हिमाचल के सोलन जिले में स्थित है। समुंदरी तट से 2226 मीटर ऊँची और सध टिब पहाड़ी पर स्थित यह स्थान बहुत सुंदर है। लोर्ड़ किच्नर के आदेश अनुसार पटियाला के महाराजा, अधिराज भूपिंदर सिंह को शिमला से निर्वासित कर दिये गए, इसका बदला लेने के लिए उन्होंने चैल को अपनी गीष्मकालीन राजधानी बना कर यहाँ सुंदर चैल महल का निर्माण किया।
फोटो कर्टसी - Vinish K Saini
डलहौजी
डलहौजी, हिमाचल प्रदेश में स्थित धौलधार रेंज में बना एक टूरिस्ट प्वांइट है। डलहौजी को सन् 1854 में एक ब्रिटिश गर्वनर लार्ड डलहौजी ने स्थापित किया था ताकि वह गर्मियों में सुकून भरे पल किसी ठंडी और शांत जगह पर बिता सकें। डलहौजी, पांच पहाडियों पर बना नगर है जिनके नाम काथलॉग, पोर्टएन, तेहरा, बाकरोता और बालून है जो कुल 13 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैली हुई है।
फोटो कर्टसी - Sonusandhu
कसौली
कसौली हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। समुद्र सतह से लगभग 1800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस स्थान का वर्णन भारतीय महाकाव्य रामायण में किया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार संजीवनी पहाड़ी से लौटते समय हिंदू भगवान हनुमान ने इस जगह पर कदम रखा था। इस स्थान का नाम पर्वत की एक धारा के नाम पर पड़ा जो जबली और कसौली के बीच से बहती है और जिसे कौसल्या कहा जाता है। 19 वीं शताब्दी में कसौली गोरखा राज्य का महत्वपूर्ण भाग बन गया। बाद में ब्रिटिश लोगों द्वारा इस जगह को प्रमुख बटालियन शहर में बदल दिया गया।
फोटो कर्टसी - Varun Kutty
किन्नौर
किन्नौर हिमाचल प्रदेश राज्य में स्थित एक खूबसूरत जिला है और 'दी लैंड ऑफ़ फेयरी' के रूप में लोकप्रिय है। इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता बर्फ से ढके पहाड़ों, सुंदर हरी घाटियों, परिपक्व बगीचों और रसीले अंगूर के बगीचों के लिए जाना जाता है। इस के साथ, यहाँ कई नदियां और वनस्पतियां और पशुवर्ग के विभिन्न प्रजातियां हैं। इस राज्य के बाकी हिस्सों से किन्नौर की संस्कृति में अंतर देखा जा सकता है, क्योंकि यह तिब्बती संस्कृति से गहरी समानता रखती है।
फोटो कर्टसी - Nick Irvine-Fortescue
केलांग
समुंदरी तट से 3350 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, हिमालय का यह ख़ूबसूरत शहर केलांग "मठों की भूमि" के नाम से प्रसिद्ध है। यहाँ कई पर्यटक स्थल है और यह लाहौल और स्पीति जिलों का मुख्यालय है। केलांग की प्रशंसा में जाने माने लेखक रुडयाड किप्लिंग ने यह कहा कि "यहाँ भगवन वास करते है, इंसानों के लिए यहाँ कोई स्थान नहीं"। ऊँची ऊँची पहाड़ियां और वादियों पर छाई हरियाली मन को आनंदित करती हैं।
फोटो कर्टसी - Peter Krimbacher Moebius1
कुफरी
कुफरी, 2743 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, शिमला से लगभग 13 किमी की दूरी पर एक छोटा सा शहर है। इस जगह का नाम 'कुफ्र' शब्द से पड़ा है, जिसका स्थानीय भाषा में मतलब है 'झील'। इस जगह के साथ जुड़े आकर्षण के कारण यहाँ वर्ष भर पर्यटक आते हैं। महासू पीक, ग्रेट हिमालयन नेचर पार्क, और फागू कुफरी में कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों में से हैं।
कुल्लू
कुल्लू, 'देवताओं की घाटी', हिमाचल प्रदेश के राज्य में एक खूबसूरत जिला है। घाटी का यह नाम इसलिये पड़ा क्योंकि यह विश्वास है कि एक समय कई हिंदू देवी, देवताओं और दिव्य आत्माओं के लिए घर था। ब्यास नदी के तट पर 1230 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, यह अपने शानदार प्राकृतिक वातावरण के लिए जाना जाता है। कुल्लू का रामायण, महाभारत, विष्णु पुराण जैसे महान भारतीय महाकाव्यों में भी उल्लेख है। त्रिपुरा के निवासी बिहंगमणि पाल द्वारा खोजे गये इस खूबसूरत पहाड़ी स्टेशन का इतिहास पहली सदी का है।
फोटो कर्टसी - John Hill
लाहौल
लाहौल, हिमाचल प्रदेश राज्य में भारत-तिब्बत सीमा पर स्थित जगह है। लाहौल और स्पीति पहले दो जिले थे, जिन्हे बाद में 1960 में एकीकृत कर दिया गया था। यहां के मूल निवासी गोरी त्वचा वाले और भूरी आंखो वाले होते हैं, जो तिब्बती वंश के होते हैं। इनमें से अधिकांश लोग बौद्ध धर्म और उसके रीति-रिवाज को मानते हैं। यहां बोली जाने वाली भाषा लद्दाख और तिब्बत की है। मठों पर विशेष प्रार्थना ध्वज फहराता है जो इसकी खासियत है। यहां के सभी निवासियों का पूजा और आराधना में विशेष झुकाव होता है।
Photo Courtesy: Nvvchar
मंडी
मंडी को हिल्स की वाराणसी के नाम से जाना जाता है। यह जगह हिमाचल प्रदेश में व्यास नदी के तट पर स्थित है। इस ऐतिहासिक शहर को पहले मांडव नगर के नाम से जाना जाता था जो महान साधु मांडव के नाम पर आधारित था। यह जगह पत्थरों के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यहां 300 से ज्यादा हिंदू धर्म के मंदिर स्थित है जो भगवान शिव और मां काली को समर्पित है। यहां के प्राचीन मंदिरों में पंचवक्रता मंदिर, अर्द्धनारीश्वेर मंदिर और त्रिलोकनाथ मंदिर शामिल है।
फोटो कर्टसी - Ritpr9