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भारत के कुछ ऐसे असामान्य मंदिर जो बाकी मंदिरों से है बेहद अलग, जानिए क्या है खासियत

भारत में कई ऐसी जगहें है, जो पर्यटकों को रोमांच से भर देती है। इनमें से ही यहां के कुछ ऐसे मंदिर है, जो बाकी मंदिरों से बेहद अलग है, जिनकी अपनी एक अलग पहचान है और एक अलग खासियत भी। यही कारण है कि इन मंदिरों को असामान्य. मंदिरों की लिस्ट में जगह दी गई है। जहां जाकर आप बेहद एंजॉय कर सकते हैं और अपनी इस यात्रा कभी न भूलने वाली यात्रा में बदल सकते हैं।

अमिताभ बच्चन मंदिर, कोलकता

कोलकाता में बना यह मंदिर अमिताभ बच्चन के प्रशंसकों द्वारा बनाया गया है। यहां नियमित रूप से लोग आते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। इस मंदिर में एक सिंहासन है, जिस पर अमिताभ बच्चन का एक पुतला बैठा है, जिसे मंदिर में आने वाले लोग देवता की तरह पूजते हैं। मंदिर में प्रशंसकों द्वारा अमिताभ बच्चन के नारे भी लगाए जाते है।

amitabh temple

हवाई जहाज गुरुद्वारा, जालंधर

जालंधर के शहीद बाबा निर्मल सिंह गुरुद्वारा को प्यार से हवाई जहाज गुरुद्वारा भी कहा जाता है। इस गुरुद्वारा में लोग अपने अमेरिका के टिकट के लिए प्रार्थना करने आते हैं। उन लोगों का मानना है कि अगर यहां एक छोटा सा लघु विमान चढ़ाया जाता है, तो उनकी विदेश जाने की इच्छा पूरी हो जाती है। इस मंदिर में काफी संख्या में लघु विमानों को देखा जा सकता है।

विजा बालाजी मंदिर, तेलंगाना

तेलंगाना का चिलकुर बालाजी मंदिर, यहां के रंगारेड्डी जिले में स्थित हैृ। इसे विजा बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को लेकर कहा जाता है कि साल 1980 में छात्रों के समूह ने यहां वीजा पाने के लिए मंदिर में पूजा-अर्चना की थी और उसके बाद उन्हें अपना अमेरिकी वीजा प्राप्त हुआ था, तब से ही यह मंदिर वीजा मंदिर के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

कोडुंगल्लूर भगवती मंदिर, केरल

केरल के त्रिशूर जिले में स्थित कोडुंगल्लूर भगवती मंदिर, देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भक्त पूजा-पाठ नहीं करते बल्कि वे देवी भद्रकाली को गालियां देते हैं और प्रसाद चढ़ाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि देवी को सिर्फ गालियां या प्रसाद ही नहीं चढ़ाया जाता, इसके अलावा भक्त धारदार हथियारों से अपने ही सिर पर तब तक वार करते हैं, जब तक वे घायल ना हो जाए। यह अनुष्ठान हर रोज देखने को नहीं मिलता है। केवल सात दिनों तक चलने वाले भरणी उत्सव के दौरान यह देखने को मिलता है, मंदिर को खास बनाता है।

देवरगट्टू मंदिर, आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में स्थित देवरगट्टू मंदिर एक-दूसरे को बेवजह पीटने वाले मंदिर के रूप में जाना जाता है, जिसके बाद यहां काफी भगदड़ मच जाती है। यह बानी महोत्सव (दशहरा) के दौरान देखने को मिलता है। यह अनुष्ठान भगवान शिव द्वारा एक राक्षस के वध का प्रतीक है, जो एक सदी से भी ज्यादा समय से चली आ रही है।

काल भैरव नाथ मंदिर, मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित काल भैरव नाथ मंदिर, देश के सबसे लोकप्रिय असामान्य मंदिरों में से एक है। यहां सामान्य प्रसाद के साथ बाबा को शराब भी चढ़ाया जाता है। भक्तों का कहना है कि बाबा की मूर्ति शराब पीती है। मूर्ति के पास जैसे ही भक्त शराब रखते है, वैसे ही वह खत्म हो जाती है लेकिन आज तक किसी को पता नहीं चल सका कि आखिर वो शराब कहा जाती है। ऐसे में भक्तों का कहना है कि बाबा स्वयं भक्तों के प्रसाद रूपी शराब को ग्रहण करते हैं।

चाइनीज काली मंदिर, कोलकाता

कोलकाता में एक चाइनीज काली मंदिर है। ये मंदिर बाकी मंदिरों के अपेक्षा बिल्कुल अलग है। यहां पर प्रसाद के रूप में चाइनीज डिशेज चढ़ाए जाते है। दरअसल, कोलकाता में चीनी समुदाय भी निवास करता है, जो अब भारतीय बन चुके हैं।

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