भगवान श्रीकृष्ण जिन्हें नंदगोपाल, कान्हा, कन्हैया, मनोहर, माधव इत्यादि नामों से जाना जाता है हम सभी भारतियों की आस्था के प्रतीक हैं। कृष्ण, हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार हैं। ज्ञात हो कि भारत में हिन्दू समुदाय के लोग श्रीकृष्ण को ईश्वर का स्वरूप मानते हैं और उन पर अपार श्रद्धा रखते हैं। सनातन धर्म के अनुसार भगवान विष्णु सर्वपापहारी पवित्र और समस्त मनुष्यों को भोग तथा मोक्ष प्रदान करने वाले प्रमुख देवता हैं। जब-जब इस पृथ्वी पर असुर एवं राक्षसों के पापों का आतंक बढ़ा है तब-तब भगवान विष्णु किसी न किसी रूप में अवतरित होकर पृथ्वी के भार को कम करते हैं।
ये हैं होली के लिए भारत के कुछ बेहद चुनिंदा डेस्टिनेशन
वैसे तो भगवान विष्णु ने अभी तक तेईस अवतारों को धारण किया। इन अवतारों में उनका सबसे महत्वपूर्ण अवतार श्रीकृष्ण का ही था।जल्द ही होली आने वाली है और हमारी ये पूरी सीरीज होली को ही समर्पित है। इस सीरीज में हम आपको हर उस पहलु से अवगत करांएगे जिनका सम्बंध भगवान श्री कृष्ण से है और आज इसी क्रम में हम आपको अवगत कराने वाले हैं वृंदावन से।
श्री कृष्ण की रास लीलाओं और बाल लीलाओं के बारे में आपसे अवश्य ही सुना होगा कहते हैं कि कृष्ण की बांसुरी कि मधुर धुन आज भी वृंदावन में गूंजती है। वृंदावन कृष्ण की लीलाओं का केंद्र रहा है। हिंदू धर्म में वृंदावन शहर को काफी पवित्र माना जाता है। यह वही जगह है जहां भागवान कृष्ण ने यमुना नदी के किनारे अपना बचपन बिताया था। दस्तावेजों से पता चलता है कि वृंदावन में ही भगवान कृष्ण ने दैवीय नृत्य किया था।
इतना ही नहीं, राधा संग रासलीला के जरिए कृष्ण ने प्रेम का संदेश भी यहीं दिया था। यही वह जगह है जहां कृष्ण ने गोपियों के कपड़े चुरा लिए थे, जब वह नहा रहीं थी। साथ ही यहां पर उन्होंने कई दानवों का नाश किया था। देखा जाए तो वृंदावन हिन्दूओं का एक प्रमुख तीर्थस्थल है और यहां 5000 के करीब मंदिर हैं। समय के साथ-साथ वृंदावन काफी नष्ट हो गया था।
होली स्पेशल - वृंदावन की झलक
एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थस्थल होने के नाते वृंदावन में करीब 5000 मंदिर हैं। आप इस तस्वीर में देख सकते हैं कि वृन्दावन के एक मंदिर के बाहर फूलों को बेचा जा रहा है।
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वृंदावन में स्थित भगवान श्री कृष्ण के एक बेहद प्राचीन मंदिर का रात के समय लिया गया फोटो।
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इस तस्वीर में आप वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का चित्र देख सकते हैं। इस मंदिर का शुमार भारत के सबसे खूबसूरत डेस्टिनेशनों में होता है।
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ये तस्वीर वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर का साइड व्यू है। इस मंदिर में हर साल लाखों पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं।
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ये तस्वीर है बिहारी जी कि गली की आपको बताते चलें कि ये गली बांके बिहारी मंदिर के पास ही मौजूद है और पर्यटक इसी से होकर मुख्य मंदिर तक जाते हैं।
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ये तस्वीर वृंदावन के प्रेम मंदिर की है यहां गोबर्धन लीला को मूर्तियों के माध्यम से दर्शाया गया है।
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ये तस्वीर वृंदावन के इस्कॉन मंदिर की है। इस्कॉन संस्था द्वारा निर्मित ये मंदिर एक बहुत खूबसूरत मंदिर है।
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आप देख सकते हैं कि किस खूबसूरती से भगवान कृष्ण को नंद और यशोदा के साथ इस तस्वीर में दिखाया गया है।
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आप यहां देख सकते हैं कि एक भक्त को पंडित होने वाली पूजा के बारे में समझा रहे हैं।
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ये तस्वीर वृंदावन स्थित लाइटों से सजे प्रेम मंदिर कि है। रात के समय इस मंदिर का नज़ारा देखने लायक होता है।
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दो भाइयों कृष्ण और बलराम के अटूट स्नेह और प्रेम को दर्शाती ये एक बेहद खूबसूरत तस्वीर।
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आप इस तस्वीर में देख सकते हैं कि कैसे भक्तों का समूह भगवान के दर्शन के लिए जा रहा है।
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वृंदावन के एक मंदिर में देवी राधा और भगवान श्री कृष्ण के प्रेम को दर्शाती हुई ये खूबसूरत तस्वीर।
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राधाअष्टमी के दौरान सजाई गयी भगवान श्री कृष्ण और देवी राधा की खूबसूरत तस्वीर।
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वृंदावन स्थित श्री कृष्ण बलराम मंदिर में दो भाइयों के स्नेह को दर्शाती ये खूबसूरत तस्वीर।
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यहां के कई मंदिर कृष्ण की संगिनी राधा को समर्पित है। इन्हीं में से एक है राधा गोकुलनंद मंदिर और श्री राधा रास बिहारी अष्ट सखी मंदिर। अष्ट सखी से अभिप्राय राधा की आठ सहेलियों से है, जिन्होंने राधा और कृष्ण के बीच प्रेम में अहम भूमिका निभाई थी।
1515 में भगवान चैतन्य महाप्रभु ने भगवान कृष्ण से जुड़ी सभी स्थानों की खोज में इस स्थान का भ्रमण किया तो वृंदावन फिर से अस्तित्व में आया। वह वृंदावन के पावन जंगलों में काफी भटके और अपने अध्यात्मिक शक्ति से शहर और आसपास के पवित्र स्थलों को पहचाना। उसके बाद से हिंदू संतो द्वारा जीवन में कम से कम एक बार वृंदावन का भ्रमण किया जाता रहा है। जब आप यह शहर घूमने जाएंगे तो पाएंगे कि लोग अपने दैनिक दिनचर्या के दौरान भी राधे-कृष्ण जपते रहते हैं।
घूमने का सबसे अच्छा समय
नवंबर से मार्च का समय वृंदावन घूमने का सबसे आदर्श समय माना जाता है। यदि मार्च में आप यहां आते हैं तो आप यहां खेली जाने वाली होली का भी आनंद ले सकते हैं।