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दुनिया की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' का लोकार्पण आज, जानिए पूरी जानकारी

राजस्थान के राजसमंद जिले में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा 'विश्वास स्वरूपम' बनकर तैयार हो गई है। तकरीबन 52 बीघे में बने इस परिसर को बेहद ही आकर्षक तरीके से डिजाइन किया गया है।

भारत में इन दिनों धार्मिक प्रसार पर काफी जोर दिया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण (काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या का राम उपलब्धि हासिल की है। इस उपलब्धि का नाम है 'विश्वास स्वरूपम'। यह भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा है, जो राजस्थान के राजसमंद जिले में बनाई गई है, जिसका लोकार्पण आज ही बड़े ही धूमधाम से किया जाना है।

9 दिनों तक चलेगा लोकार्पण महोत्सव

9 दिनों तक चलेगा लोकार्पण महोत्सव

ये लोकार्पण महोत्सव काफी भव्य तरीके से अगले 9 दिनों मनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत इस भक्ति और भाव के महासंगम में 3 नवम्बर को हंसराज रघुवंशी और 5 नवम्बर को कैलाश खेर डुबकी लगाएंगे और भक्तों के समक्ष बाबा भोलेनाथ के गीत प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा मोरारी बापू 9 दिनों तक होने वाले रामकथा का वाचन भी करेंगे। इसके लिए करीब 800 अस्थाई घर बनाए गए हैं, जहां कथा सुनने के लिए श्रद्धालु ठहर सके। इसके लिए सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं। परिसर की सुरक्षा में करीब 500 पुलिसकर्मी, 150 गार्ड व 2000 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिससे सभी पर्यटक आए पैनी नजर रखी जा सके।

ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में बनाई गई है शिव प्रतिमा

ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में बनाई गई है शिव प्रतिमा

राजसमंद जिले के नाथद्वारा में बनी इस शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट है, जिसे दुनिया का टॉप-5 ऊंची प्रतिमाओं में स्थान मिला है। संत कृपा सनातन संस्थान द्वारा तैयार की गई इस प्रतिमा को बनाने में 10 साल का समय लगा है। नाथद्वारा की गणेश टेकरी पर बनी यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाड़ी स्थित है, जिसमें भगवान शिव ध्यान एवं अल्लड़ की मुद्रा में विराजित हैं।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है 'विश्वास स्वरूपम'

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है 'विश्वास स्वरूपम'

इस प्रतिमा को इतनी मजबूती के साथ बनाया गया है कि 250 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवा भी प्रतिमा का कुछ न कर सकेगी। यह प्रतिमा पूरी तरह से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां और हॉल की सुविधाएं दी गई है। प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए चार लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनाई हैं। प्रतिमा के निर्माण में 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल किया है।

प्रतिमा के अंदर आ सकते हैं एक साथ 10 हजार पर्यटक

प्रतिमा के अंदर आ सकते हैं एक साथ 10 हजार पर्यटक

कहा जा रहा है कि इस प्रतिमा के अंदर एक बार करीब 10 हजार पर्यटक आ सकते हैं। इस प्रतिमा को देखने में करीब 4 घंटे का लम्बा समय लग सकता है। प्रतिमा के लोकार्पण महोत्सव में एक लाख लोगों की भोजन व्यवस्था की गई है, जिसके 4800 स्क्वॉयर फीट में राम रसोड़ा और प्रतिमा के आसपास गाड़ियों के लिए 8 पार्किंग बनाई गई है, जिसमें 10 हजार से ज्यादा वाहन खड़े किए जा सकेंगे।

पर्यटकों का रखा गया है खास ख्याल

पर्यटकों का रखा गया है खास ख्याल

इस परिसर को पर्यटन की दृष्टि से काफी विशाल और काफी आकर्षक बनाया गया है। बच्चों के लिए गेमिंग जोन से लेकर म्यूजिकल फाउंटेन तक, एडवेंचर के दीवानों के लिए बंजी जम्पिंग, खाने-पीने के लिए फूड कोर्ट की व्यवस्था, फोटो खींचने के दीवानों के लिए सेल्फी प्वॉइंट के अलावा भी यहां बहुत कुछ है। मेन गेट से प्रवेश करने पर परिसर में आपको जिप लाइन, संगम स्थल, ओपन थिएटर, हरिहर सेतु भी देखने को मिलेगा। इस अलावा सबसे खास नंदी जी की भी प्रतिमा लगाई गई है। प्रतिमा के सबसे ऊपरी फ्लोर से आप आसपास का आकर्षक नजारा भी ले सकते हैं।

विश्वास स्वरूपम कैसे पहुंचें

विश्वास स्वरूपम कैसे पहुंचें

ऐसे में अगर आप भी इस धार्मिक और ऐतिहासिक पल का हिस्सा बनने की सोच रहे हैं तो देर न कीजिए और अगले 9 दिनों तक होने वाले इस महोत्सव का हिस्सा बनिए। इसके लिए आपको अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डा या बस स्टैण्ड जाने की देरी है तो सोचिए नहीं फटाफट जाइए और टिकट बुक कराइए और आ जाइए बाबा के धाम।

नजदीकी हवाई अड्डा - जेके एयरपोर्ट राजसमंद
नजदीकी रेलवे स्टेशन - नाथद्वारा रेलवे स्टेशन

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