दुनिया आश्चर्यों से भरी हुई है, ऐसे में अगर दुनिया के हर एक देश में आपको कुछ न कुछ ऐसा देखने को मिल जाएगा, जो शायद आपके लिए किसी आश्चर्य से कम ना हो, जिसे आपने कभी ना देखा हो। या फिर उन सभी चीजों को देखने के बाद शायद ऐसा लगे कि आखिर इसे बनाया कैसे गया होगा ? ये तो बात हो गई खुद की। लेकिन क्या आपको दुनिया के लिए कुछ ऐसी इमारते या स्मारक है, जो आज भी आश्चर्य का केंद्र बनी हुई है।
ऐसे में विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर आज हम आपको बताएंगे कि विश्व में सातों आश्चर्य कहां पर है? इसके पीछे का कारण क्या है? इसे क्यों बनवाया गया है? वैसे अगर इन आश्चर्यों को पर्यटन के हिसाब से देखा जाए तो ये सभी अजूबे अपने देश को हर साल काफी रेवेन्यू भी देते हैं। इन्हें देखने के लिए पर्यटकों की लंबी लाइनें लगी रहती है।
दुनिया के सात अजूबों की लिस्ट...
चीन की महान दीवार
चीन की इस विशाल दीवार को देखने के बाद आपको यही लगेगा कि ये किसी किले की दीवार है। इस दीवार को उत्तरी हमलावरों से रक्षा के लिए बनाया गया था। इसे चीन के विभिन्न शासकों द्वारा 500 ई. पू. से लेकर 16वीं शाताब्दी में बनवाया गया। मिट्टी और पत्थर से बनी इस विशाल दीवार को अंतरिक्ष से भी देखा जा सकता है। ऐसे में इस विशाल दीवार अजूबों की लिस्ट में तो शामिल किया जाना लाजमी है। इस दीवार की कुल लम्बाई 6400 किमी. है। कहा जाता है कि इस महान दीवार को बनाने में करीब 20-30 लाख मजदूरों ने अपना योगदान दिया है।
पेट्रा
पेट्रा, जॉर्डन के मआन प्रान्त में बसी एक ऐतिहासिक नगरी है, जो बड़े-बड़े चट्टानों को काटकर और उन्हें तराश कर बनाई गई इमारतों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आपको काफी शानदार और बेहतरीन कारीगरी का नमूना देखने को मिलेगा। यहां पर आपको एक से बढ़कर एक इमारत देखने को मिलेंगे, जो अपने आप में किसी आश्चर्य से कम नहीं है। ऐसे में इसे दुनिया के सात आश्चर्यों में से एक माना गया है। इन इमारतों को लगभग 1200 ई. पू. के आसपास शुरू किया गया था। आज के समय में पेट्रा जॉर्डन के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में शामिल है।
क्राइस्ट डी रिडीमर
क्राइस्ट डी रिडीमर, ब्राज़ील के रियो डी जेनेरो में स्थापित ईसा मसीह की एक प्रतिमा है, जो दुनिया की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है, जो तिजुका फोरेस्ट नेशनल पार्क में कोर्कोवाडो पर्वत की चोटी पर स्थित है। इसे देखना दुनिया के लगभग सभी इंसान का सपना होता है। इसका निर्माण करीब 100 साल पहले (1922-1931 को बीच) हुआ था, जो कांक्रीट और सोपस्टोन से बनाई गई है। इसका डिजाइन सिल्वा कोस्टा ने किया था और फ्रेंच के महान मूर्तिकार लेनदोव्सकी ने इसे बनाने का काम किया था। इसका वजन करीब 635 टन है। वहीं, इसकी ऊंचाई करीब 130 फीट, चौड़ाई 98 फीट और आधार तकरीबन 31 फीट का है।
माचू-पीचू
पेरू में स्थित माचू पिचू दुनिया के सात अजूबों में से एक है, जहां कभी इंका सभ्यता रहा करती थी। इस स्थान की खास बात ये है कि करीब 2430 मीटर की ऊंचाई पर स्थापित होने के बाद भी इस स्थान पर लोग रहा करते थे, जो आज के समय शायद सम्भव नहीं है। शोध की मानें तो इस ऐतिहासिक स्थान का निर्माण 14वीं शाताब्दी के आसपास राजा पचाकुती ने कराया था। इस स्थान के बारे में कहा जाता है कि यहां पर एक समय में स्पेन ने जीत हासिल की थी और इस स्थान को ऐसे ही छोड़ दिया, जिसके बाद से ही यहां पर रहने वाली सभ्यता का धीरे-धीरे अंत हो गया। साल 1911 में अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम ने इसकी खोज कर इसे दुनिया के सामने रखा और फिर इस स्थान को दुनिया के सात अजूबों में शामिल किया गया।
चिचेन इत्जा
दुनिया के सात अजूबों में शामिल चिचेन इत्जा मैक्सिकों का एक प्राचीन मंदिर है, जिसे मायन मंदिर के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण 600 ई. पू. में हुआ था। यह ऐतिहासिक स्थान करीब 5 किमी. के दायरे में फैला हुआ था। यह मंदिर देखने में बिल्कुल एक पिरामिड के आकार का दिखाई देता है, जिसकी ऊंचाई करीब 80 फीट है। इसकी ऊंचाई तक जाने के लिए चारों ओर 91 सीढ़ियां बनाई गई है। ऐसे में देखा जाए तो कुल मिलाकर 364 सीढ़ियां है। वहीं, इसके ऊपरी हिस्से को 365 वां हिस्सा माना जाता है, जो साल के सभी 365 दिनों का प्रतीक माना जाता है। यहां पर काफी जनसंख्या भी रहा करती है।
कोलोसियम
इटली के रोम नगरी में स्थित एक काफी विशाल स्टेडियम है, जहां प्राचीन काल में जानवरों की लड़ाई, खेल कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ करता था। इसका निर्माण 70वीं-80वीं ईस्वी के बीच में हुआ था, जिसे तत्कालीन शासक वेस्पियन ने करवाया था। इसमें एक साथ 50 हजार से ज्यादा लोग एक साथ बैठ सकते हैं। इस स्टेडियम की वास्तुकला की बात की जाए तो ये विश्व के सबसे पुरानतम वास्तुकलाओं में से एक है। इस कंक्रीट और रेत बनाया गया है, जो दुनिया के सात अजूबों में भी शामिल है। हालांकि, वर्तमान समय में इसका कुछ हिस्सा प्राकृतिक आपदा के चपेट में आने से टूट गया है, लेकिन विशालता आज भी कम नहीं हुई है, जो देखने लायक बनती है।
ताजमहल
ताजमहल, भारत में स्थित है, जो मुगल साम्राज्य की एक बेहतरीन कारीगरी का एक नमूना है। इसका निर्माण साल 1632 ई. में शुरू किया गया था, जिसे बनवाने में करीब 22 सालों का लम्बा समय लगा था। इसे बनाने में करीब 20 हजार मजदूरों ने अपना योगदान दिया था। इसके हर हिस्से को बनाने के लिए दुनिया के विभिन्न देशों से बेहतरीन कारीगरों को बुलाया गया था। इसे मुगल शासक शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था।