आंध्र प्रदेश दक्षिण भारत का एक खूबसूरत शहर है जो अपने ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए भी जाना जाता है। तेलंगाना से अलग होने के बावजूद भी इस राज्य ने अपनी सौंदर्यता को नहीं खोया। आज भी यहां अतीत से जुड़े किले-भवन, स्मारक, गुफाओं को देखा जा सकता है।
पर्यटन के लिहाज से यह राज्य काफी उन्नत है, यहां का तटवर्ती इलाका, ऊंची-ऊंची पहाड़ियां इस राज्य को दक्षिण का एक आकर्षक स्थल बनाने का काम करती हैं। इस खास लेख में आज हम आंध्र प्रदेश की उन प्राचीन गुफाओं की बात करेंगे जिनका इतिहास कई शताब्दियों पुराना बताया जाता है, जो आज राज्य के चुनिंदा सबसे खास पर्यटन स्थलों के रूप में देखी जाती हैं।
अंडवल्ली गुफाएं
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ये प्राचीन गुफाएं आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले स्थित अतीत से जुड़ा स्थल है। अंडवल्ली गुफाएं भारतीय रॉक कट आर्किटेक्चर का एक अच्छा मॉडल प्रस्तुत करती हैं। विजयवाड़ा के किले-भवन देखने के साथ-साथ पर्यटक यहां भी आना बहुत पसंद करते हैं। मुख्य शहर से ये गुफाएं 8 किमी की दूरी पर स्थित है। गुफाओं की अद्भुत संरचना और आकृतियां यहां का मुख्य आकर्षण हैं। इन आकृतियों को देख सैलानी रोमांचित हो उठते हैं।
अंडवल्ली गुआएं चार मंजिलों वाली गुफाएं हैं जिनका संबध 7 वीं शताब्दी ईसा पूर्व से है। यहां स्थित भगवान विष्णु की मूर्तियां देखने लायक हैं। इसके अलावा गुफाओं का आसपास का दृश्य भी काफी ज्यादा प्रभावित करता है। सुबह तड़के और शाम के वक्त की खूबसूरती देखने लायक होती हैं।
गुथिकोंडा गुफाएं
राज्य की गुथिकोंडा गुफाएं भी बहुत हद तक सैलानियों को रोमांचित करने का काम करती हैं। इन गुफाओं को गुथिकोंडा बिलाम के नाम से भी जाना जाता है। यह ऐतिहासिक गुफाएं है जो गुथिकोंडा गांव में स्थित हैं। इस क्षेत्र में बहुत सी गुफाएं मौजूद हैं जिन्हें सामूहिक रूप से "गुथिकोंडा गुफाओं" के नाम से जाना जाता है।
बंगाल की खाड़ी से लगभग 40 किलोमीटर दूर ये गुफाएं गुंटूर में कृष्णा डेल्टा के किनारे घने जंगलों के बीच स्थित हैं। इस इलाके में कई छोटी-छोटी नदियां भी बहती हैं। इतिहास के प्रेमियों के लिए यह गुफा की खजाने से कम नहीं।
आंध्र प्रदेश का ह्रदय है विजयवाड़ा, प्राचीन गुफाएं बनाती हैं खास
आंध्र प्रदेश का ह्रदय है विजयवाड़ा, प्राचीन गुफाएं बनाती हैं खास
यागांति गुफाएं
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आंध्र प्रदेश स्थित यागांति प्राकृतिक गुफाएं हैं जो कुरनूल से 100 किमी और बनगनापल्ली के पश्चिम में 14 किमी पश्चिम में स्थित हैं। ये प्राचीन स्थल दक्षिण भारत का लोकप्रिय पर्यटन स्थल माना जाता है। यागांति गुफाएं तीर्थ स्थल के रूप में मानी जाती हैं। गुफा के अद्बभत नजारें यहां आने वाले सैलानियो को बहुत हद प्रभावित करने का काम करते हैं। इस स्थल से पौराणिक मान्यताएं भी जुड़ी हैं, माना जाता है कि अगस्त्य ऋषि ने भगवान शिव से आशिर्वाद मांगने के लिए यहां उनकी तपस्या की थी, इसलिए इस गुफा को अगस्त्य गुफा के नाम से भी जाना जाता है।
कुरनूल में भगवान शिव को समर्पित "श्री यज्ञती उमा महेश्वर मंदिर" भी स्थित हैं जहां तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को इसी गुफा से गुजर कर 120 खड़ी सीढ़ियों का सफर तय करना पड़ता है।
मोगलराजपुरम गुफाएं
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मोगलराजपुरम गुफाएं आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में स्थित हैं जो दक्षिण भारत के लोकप्रिय पर्यटक गंतव्यों में शामिल हैं। अंडवल्ली गुफाओं के बाद विजयवाड़ा में ये सबसे खास प्राचीन स्थल है जिसका इतिहास 5 वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। चट्टानों को काटकर बनाई गईं यहां का रॉक कट आकृतियां देखने लायक हैं।
यहां कभी तीन गुफाएं हुआ करती थी लेकिन अब यहां बस एक ही सुरक्षित बची हैं। ये गुफाएं प्राचीन संस्कृति और वास्तुकला का भलि भांति प्रदर्शित करती हैं। यहां की अर्धनारीश्वर देखने लायक है। इस स्थान पर जाकर इस स्थान से जुड़ी पौराणिक महत्व को समझा जा सकता है।
बेलम गुफाएं
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उपरोक्त गुफाओं के अलावा आप राज्य के कुरनूल की बेलम गुफाओं की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। इस गुफा का नाम संस्कृति शब्द बेलम से लिया गया है। गुफा की सरंचना वाकई अद्भत है जो किसी को आश्चर्यचकित कर सकती हैं। इन गुफाओं की लंबाई 3 किमी की है जिसमें में 2 किमी तक अंदर जाया जा सकता है। बाकी का रास्ता खतरनाक साबित हो सकता है।
ये गुफाएं राज्य के कुरनूल जिले के कोलिमुगुंडला मंडल में स्थित हैं। हैदराबाद से यहां तक की दूरी 320 किमी की रह जाती है। यहां आप चुना पत्थर से बने अविश्वसनीय स्टैलेक्टाइट और स्टालाग्माइट संरचनाओं को देख सकते हैं। ये गुफाएं काफी अद्भुत मानी जाती हैं।