दक्षिण भारत का आंध्रप्रदेश राज्य देश के चुनिंदा सबसे प्रसिद्ध 'इको टूरिज्म' गंतव्यों में गिना जाता है। यहां मौजूद घने जंगल, प्राकृतिक गुफाएं, नदी-झरने, असंख्य जीव और वनस्पति भंडार इस राज्य को खास बनाने का काम करते हैं। अपने प्राचीन मंदिर, जलप्रपातों, समुद्री तटों, पहाड़ी घाटियों, ऐतिहासिक धरोहरों और वन्यजीव अभयारण्यों के साथ आंध्र प्रदेश एक आदर्श पर्यटन गंतव्य है, जहां आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते हैं।
अपनी खास भौगोलिक विशेषताओं के साथ यह राज्य कई एडवेंचर गतिविधियों का आनंद उठाने का मौका भी प्रदान करता है। इस लेख के माध्यम से जानिए दक्षिण भारत के इस राज्य के उन शानदार स्थलों के बारे में जहां आप ट्रेकिंग का रोमांचक अनुभव ले सकते हैं।
श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क
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आंध्र प्रदेश में ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधि का आनंद लेने के लिए आप श्री वेंकटेश्वर नेशनल पार्क की सैर का प्लान बना सकते हैं। लगभग 353 वर्ग कि.मी के क्षेत्र में फैला यह अभयारण्य प्रकृति प्रेमियों के साथ-साथ एडवेंचर प्रेमियों को काफी ज्यादा आकर्षित करता है। ट्रेकिंग के लिए यह जगह एक आदर्श विकल्प बन सकती है। यह वन्य क्षेत्र असंख्य जीव-जन्तुओं को सुरक्षित आश्रय देने का काम करता है। यहां आप बाघ, सियार, तेंदुआ, हिरण, बंदर, भालू आदि को देख सकते हैं।
इसके अलावा यह अभयारण्य पक्षी विहार के लिए भी काफी लोकप्रिय है। तिरुमाला से 15 कि.मी की दूरी पर स्थित पर आप ट्रेंकिग का आनंद ले सकते हैं। ट्रेकिंग के दौरान आप प्राकृतिक सौंदर्यता का भी लुत्फ उठा सकते हैं।
अहोबिलम
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आंध्र प्रदेश में ट्रेकिंग का रोमांचक अनुभव लेने के लिए आप अहोबिलम की का प्लान बना सकते हैं। नल्लामाला के घने जंगलों के मध्य अहोबिलम राज्य के कुरनूल जिले के अंतर्गत आता है। यह स्थल बैंगलोर से लगभग 407 कि.मी और हैदराबाद से 350 कि.मी है दूर स्थित है। माना जाता है यह स्थल भगवान नरसिंह से संबंध रखता है, जो विष्णु के अवतार थे। यहां चालुक्य राजाओं ने 8वी शताब्दी के दौरान प्रारंभिक मंदिर की स्थापना की थी, जिसके बाद यहां 15 शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य द्वारा मंदिर की सरंचना का निर्माण किया गया। इसलिए यह स्थल राज्य के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध हैं।
अपनी खास भोगोलिक संरचना के साथ यह एडवेंचर के शौकीनों को भी आमंत्रित करता है। यहां ट्रेकिंग के सबसे शानदार अनुभव लिए जा सकते हैं। प्राचीन गुफाओं, पथरीले रास्तों और जलप्रपातों के साथ यह एक आदर्श एडवेंचर स्थल है।
नगलपुरम
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आप ट्रेकिंग के लिए बैंगलोर से 288 और चेंन्नई से 87 कि.मी दूर नगलपुरम का चुनाव भी कर सकते हैं। तिरुपति का यह धार्मिक नगल अपने प्राकृतिक आकर्षणों के साथ एडवेंचर के लिए काफी खास माना जाता है। ह नगर अपनी शानदार जलप्रपातों के लिए भी काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। नगलपुरम जलप्रपात की ट्रेकिंग यहां सबसे रोमांचक और मनोरंजक मानी जाती है।
ट्रेकिंग एडवेंचर के जरिए आप यहां की प्राकृतिक सौंदर्यता को करीब से देख सकते हैं। यहां भगवान विष्णु को समर्पित एक मंदिर भी मौजूद है। माना जाता है इस मंदिर का निर्माण कृष्णदेव राय ने करवाया था।
गांदीकोटा का किला
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अपने रोमांच का विस्तार करने के लिए आप यहां गांदीकोटा फोर्ट का भी प्लान बना सकते हैं। घने जंगलों और ढलान भरी पहाड़ियों के साथ यह किला एडवेंचर प्रेमियों यहां आने का आमंत्रण प्रदान करता है। हैदराबाद से इस फोर्ट की दूरी 350 कि.मी की है। आप यहां ट्रेकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियों का आनंद जी भरकर ले सकते हैं। ट्रेकिंग के दौरान आपको इस ऐतिहासिक स्थल को करीब से देखने का मौका मिलेगा।
कदलीवन गुफा
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप श्रीशैलम के नजदीक कदलीवन गुफा का प्लान बना सकते हैं। पहाड़ी रास्तों से होकर गुजरता 12 कि.मी का यह ट्रेक रूट आपको काफी ज्यादा रोमांचित करेगा। कदलीवन के जंगल देश के बड़े टाइगर रिजर्व में भी गिने जाते हैं। इसलिए ट्रेकिंग के दौरान आप यहां विभिन्न जंगली जीवों को भी देख सकते हैं, जिनमें तेंदुआ, मगरमच्छ, भालू आदि शामिल हैं। कृष्णा नदी के किनारे स्थित, कदलीवन ट्रेकिंग नाव से शुरू होती है। ट्रेकिंग के दौरान आप यहां की प्राचीन गुफा को भी देख सकते हैं।