भारत के उत्तरी राज्य में स्थित कश्मीर बहुत ही खूबसूरत स्थान है, इसे धरती का स्वर्ग भी कहा जाता है। यहां कई ऐसे स्थान हैं, जहां जाकर आप कश्मीरी खूबसूरती का दीदार कर सकते हैं। इसमें से ही एक है- पुलवामा। श्रीनगर से करीब 30 किमी. दूर बसा ये शहर इतना सुंदर है कि आप इसे कश्मीरी नगीना का नाम दे सकते हैं। यहां की अपनी एक अलग ही खास पहचान है।
यह एक ऐसा स्थान है, जहां किसी भी मौसम में घूमने जा सकते हैं। यहां आपको हर मौसम में घूमने के लिए कुछ न कुछ नया देखने को मिलेगा। घुमक्कड़ों के लिए यह स्थान बेहद ही शानदार है, कश्मीरी घाटी का ये नजारा देखने के बाद आप यहां के दीवाने हो जाएंगे। अगर आप सही मायने में कश्मीर के सौंदर्य का दीदार करना चाहते हैं तो आपको यहां सर्दी के मौसम में आना चाहिए।
केसर की खेती के लिए मशहूर पुलवामा में आपको पूरी कश्मीर की सुंदरता देखने को मिलेगी। यहां की गुप्त पहाड़ियां और चमकदार झीलें भी यहां के सौंदर्य का वर्णन करती हैं। ऐसे में आप जब भी कश्मीर घूमने के लिए जाएं तो एक बार पुलवामा की सैर जरूर करें। यह बेहद खूबसूरत स्थान है, जहां की घाटियां बाहें फैलाकर पर्यटकों का स्वागत करती हैं।
पुलवामा का इतिहास
यहां आपको सेब के बगीचे, झरने, प्राकृतिक झीलें और बेहतरीन दृश्यों वाले बेहतरीन स्थान देखने को मिलेंगे। कश्मीर के इस नगीने को प्राचीन समय में पनवांगाम या पुलगाम के नाम से जाना जाता था। इतिहास के पन्नों में झांकने पर पता चलता है कि 16वीं शताब्दी तक यहां मुगलों का राज रहा, जिसके बाद 19वीं शताब्दी में यहां अफगानों ने कब्जा कर लिया।
पुलवामा में घूमने वाली जगहें
1. अहरबल झरना
पुलवामा का अहरबल झरना काफी प्रसिद्ध है, जो वेशु नदी पर बना हुआ है। पीर पंजाल पहाड़ों के घने देवदार पेड़ों से भरी घाटी के बीच करीब 25 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह झरना बेहद खूबसूरत दिखाई देता है। यह झरना कश्मीर घाटी के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक माना जाता है।
2. कौंसारनाग झील
पुलवामा का कौंसारनाग झील करीब 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जिससे यह गर्मियों के दिनों में भी जम जाता है। यह मुख्य शहर से करीब 40 किमी. दूर है। यहां पहुंचने के बाद आपको जो नजारा देखने को मिलेगा, वो बेहद ही अद्भुत है। इस झील को कौंसार झील भी कहा जाता है, जहां का नजारा मंत्रमुग्ध करने वाला है।
3. तरसार-मरसार झील
तरसार-मरसार झील, दो झीलें हैं, जो देखने में बादाम के आकार की नजर आती है। इन दोनों झीलों के बीच में एक पहाड़ है, जो इन्हें इन दोनों से अलग करता है। यहां तक पहुंचने के लिए आप ट्रेकिंग का भी सहारा ले सकते हैं और इस अपनी इस यात्रा रोमांच से भर सकते हैं। इन्हीं झील के नाम पर यहां के ट्रेक का नाम भी पड़ा है- तरसार-मरसार ट्रेक। यहां पास में दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान भी स्थित है, जो समय बिताने के लिए बेहद खास स्थान है।
4. कुंगवट्टन
कुंगवट्टन, अहरबल झरने से 8 किमी. की दूरी पर बसा एक खूबसूरत स्थान है, जो आज भी पर्यटकों की नजारों से काफी दूर है। जानकारी न होने के कारण यहां काफी कम ही लोग आते हैं। करीब 8400 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह स्थान एक बड़ा घास का मैदान है, जो देखने में बेहद ही खूबसूरत और आकर्षक लगता है।
5. शिकारगाह
घने जंगलों और बर्फीली पहाड़ों के बीच बनी ये जगह वास्तुरवन और खेरवों के पहाड़ों के पास में स्थित है, जो एक बेहद ही खूबसूरत पिकनिक स्पॉट है। एक समय था जब ये स्थान जम्मू-कश्मीर के राजघरानों के लोगों के सबसे पसंदीदा जगहों में से एक थी। यहां के आखिरी राजा महाराजा हरि सिंह को वनस्पतियों और जानवरों से काफी लगाव था, जिसकी वजह से शिकारगाह में आज तरह-तरह के फूल और जानवर पाए जाते हैं।
6. पेयर मंदिर
पेयर मंदिर, पुलवामा से 3 किमी. दूर पेयर गांव में स्थित है। स्थानीय लोग इसे पेयक मंदिर के नाम से भी पुकारते हैं। करीब 1000 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था। यह पूरा मंदिर एकल पत्थर से उकेरा गया है, जिसका अनोखा आर्किटेक्चर आज भी देखा जा सकता है। घने जंगलों के बीच बना यह मंदिर अपनी सुंदरता के चलते पर्यटकों की नजर अपनी ओर खींच ही लेता है।
7. अवंतीश्वर मंदिर
अवंतीश्वर मंदिर, पुलवामा के ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का एक मिश्रण है। इस मंदिर का निर्माण 9वीं शाताब्दी में राजा अवंति वर्मा ने करवाया था। झेलम नदी के किनारे बना यह मंदिर भगवान विष्णु और शिव जी को समर्पित है। ऐतिहासिक स्थान होने के नाते इस मंदिर का रख-रखाव पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करता है। इसकी दीवारों पर प्राचीन मिथकों और लोक कथाओं की नक्काशी की गई है और इसकी विशिष्ट वास्तुकला को दर्शाता है।
8. असर शरीफ पिंजूरा का मस्जिद
पुलवामा में स्थित असर शरीफ पिंजूरा का मस्जिद हजरत मोहम्मद के अवशेषों का घर माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के खास मौके पर इन अवशेषों को लोगों के सामने प्रदर्शित किया जाता है। मुख्य शहर से 2 किमी. की दूरी पर बनी इस मस्जिद को लेकर काफी मान्यता है। यहां पर एक और मस्जिद आपको देखने को मिल जाएगी, जिसका नाम है- जामा मस्जिद शोपियां। यह मुगल काल में बनवाया गया था, जो कश्मीर आने-वाले सभी मुगलों के लिए ठहरने का स्थान हुआ करता था।
पुलवामा घूमने का सही समय
पुलवामा, हिमालय पर्वतमाला की गोद में बसा एक खूबसूरत स्थान है। यहां आप साल में किसी भी समय जा सकते हैं। वैसे तो पुलवामा आने का सही समय अप्रैल से लेकर अक्टूबर तक का है। इस दौरान इसकी खूबसूरती चरम पर होती है। लेकिन अगर आपको ठंडी हवाओं और बर्फीली मैदान से लगाव है तो आप यहां दिसंबर से लेकर फरवरी के बीच भी आ सकते हैं।
पुलवामा कैसे पहुंचें?
अगर आप पुलवामा घूमने के लिए सोच रहे हैं तो आप यहां हवाई, रेल व सड़क तीनों मार्गों से पहुंच सकते हैं। यहां आने के लिए सबसे पहले आपको श्रीनगर या जम्मू आना होगा। फिर यहां से आप टैक्सी या बस की सहायता से पुलवामा तक पहुंच सकते हैं।