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हो जाए सैर बैंगलोर से दक्षिणी गहने यरकौड की

तमिलनाडु के सलेम जिले में पूर्वी घाट के शेवारॉय क्षेत्र की पहाडियों में स्थित है खूबसूरत हिल स्‍टेशन यरकौड। इस शहर को ज्‍वेल ऑफ साउथ कहा जाता है। आगे पढ़ें इसके दर्शनीय स्‍थलों के बारे में।

By Namrata Shatsri

तमिलनाडु के सलेम जिले में पूर्वी घाट के शेवारॉय क्षेत्र की पहाडियों में स्थित है खूबसूरत हिल स्‍टेशन यरकौड। इस शहर को ज्‍वेल ऑफ साउथ कहा जाता है एवं यहां पर अनेक प्राकृतिक स्रोत हैं। यरकौड का अर्थ होता है झीलों का जंगल। यहां घने जंगलों से घिरी खूबसूरत यरकौड झील है।

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समुद्रतट से 4,970 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह शहर कॉफी और संतरों के बागानों के लिए मशहूर है। इससे यहां का प्राकृतिक सौंदर्य बढ़ जाता है। इस पहाड़ी क्षेत्र में आप एडवेंचर एक्‍टिविटीज़ जैसे ट्रैकिंग, कैंपिंग और बाइकिंग का मज़ा ले सकते हैं। वीकएंड पर घूमने के लिए यरकौड परफेक्ट जगह है।

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यरकौड आने का सही समय
यरकौड आने का सही समय अक्‍टूबर से जून तक का है। हालांकि, अगर आप यहां के वार्षिक सात दिवसीय उत्‍सव को देखना चाहते हैं तो यहां मई के महीने में आएं। इस उत्‍सव में डॉग शो, फलॉवर शो, बोटिंग जैसी कई चीज़ें होती हैं।

बैंगलोर से यरकौड का रूट

बैंगलोर से यरकौड का रूट

रूट 1 : लैंगफोर्ड रोड़ - इलेक्ट्रॉनिक सिटी फ़्लाईओवर / होसुर रोड़ - एनएच 48 - एनएच 44 - देवाटीपट्टी - येरकौड़ - कनवाईपुदुर रोड़ - कुप्पानूर - येरकौड़ घाट रोड़ - यरकौड(215 किमी - 4 घंटे 30 मिनट)

रूट 2 : स्वामी विवेकानंद रोड़ - एनएच 75 - कोलार में बंगारपेट रोड़ - बाहर निकलें एनएच 75 से - वेपानापल्ली रोड़ - कुंदरापल्ली में एनएच 44 - देवाटीपट्टी - यरकौड - कनवईपुदुर रोड़ - कुप्पानूर - येरकौड़ घाट रोड़ - यरकौड (273 किमी - 6 घंटे 30 मिनट)

आपको पहले रूट से जाना चाहिए क्‍योंकि वह छोटा है।

आगे पढिये कि रास्‍ते में आप क्‍या कर सकते हैं और किन जगहों को देख सकते हैं।

होसूर

होसूर

बैंगलोर से 40 किमी दूर स्थित है औद्योगिक शहर होसूर। आजादी से पूर्व ब्रिटिया काल में होसूर को छोटा इंग्‍लैंड कहा जाता था। सालभर सुहावना मौसम होने के कारण इसका वातावरण इंग्‍लैंड से मिलता था।

होसूर के दो प्रमुख पर्यटन स्‍थल हैं राजाजी स्‍मारक और प्रत्‍यानगिरि मंदिर। प्रत्‍यानगिरि मंदिर में राजागोपुरम में स्‍थापित प्रत्‍यानगिरि देवी की मूर्ति के लिए जाना जाता है। सी राजागोपालचार्य से संबंधित राजाजी स्‍मारक एक छोटा सा गृह है जिसे कर्नाटक सरकार ने स्‍मारक में तब्‍दील कर दिया है।

शूलागिरि के जंगल

शूलागिरि के जंगल

होसूर से 25 किमी दूर है शूलागिरि। इसे यह नाम त्रिदेंत आकार के पर्वत के पास स्थित होने के कारण मिला है। शूलागिरि के पास जंगल भी है जहां अनेक पक्षियों और जानवरों की प्रजातियां रहती हैं। यहां स्थित झील में कछुए भी रहते हैं और पक्षी जैसे हूपोई, वुडपेकर को भी देखा जा सकता है।

शूलागिरि पर्वत की तलहटी में भगवान विष्‍णु को समर्पित वरदराज पेरुमल मंदिर स्थित है।PC:Pradeep.ela

धर्मपुरी में होगेनक्‍कल झरना

धर्मपुरी में होगेनक्‍कल झरना

यहां से धर्मपुरी 49 किमी और बैंगलोर से 180 किमी दूर है। यहां पर कावेरी नदी के तट पर होगेनक्‍कल झरना बहता है। होगेनक्‍कल का मतलब है स्‍मोकी स्‍टोन। तेजी से गिरते पानी की वजह से यहां पत्‍थरों पर धुंधलापन पैदा होता है।

इस शानदार झरने को भारत का नायग्रा फॉल भी कहा जाता है। झरने के पास बोटिंग की सुविधा भी उपलब्‍ध है और यहां पर स्‍थानीय लोगों द्वारा मसाज भी दी जाती है। पर्यटकों के बीच यह झरना बहुत लोक‍प्रिय है।

PC:Mithun Kundu

तीर्थामलई

तीर्थामलई

तमिलनाडु के हरुर तालुक में स्थित तीर्थामलई एक प्रमुख तीर्थस्‍थल है। यहां पर चोला और विजयनगर साम्राज्‍य द्वारा निर्मित श्री तीर्थागिरिश्‍वरार मंदिर स्थित है। धर्मपुरी जिले से 66 किमी दूर ये मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर भक्‍तों की भारी भीड़ रहती है।

जानें यरकौड के दर्शनीय स्‍थलों बारे मेंPC: Vinoth88

यरकौड झील

यरकौड झील

पहाड़ों और जंगलों से घिरी खूबसूरत यरकौड झील के आसपास पार्क और बगीचे हैं जहां बैठकर आप अपने परिवार और दोस्‍तों के साथ पिकनिक मना सकते हैं। मानव निर्मित इस झील को कभ एमरैल्‍ड झील भी कहा जाता था एवं इसके केंद्र में फव्‍वारा है। यहां पर रोइंग बोट और पैडलिंग बोट की सुविधा उपलब्‍ध है।PC:Riju K

शेवारॉय

शेवारॉय

शेवारॉय पर्वत को सर्वरायन पर्वत भी कहा जाता है। यह यरकौड़ की सबसे ऊंची चोटि है। इस पर्वत की एक संकर गुफा में भगवान सर्वरायन को समर्पित शेवारॉय मंदिर भी है।

इस पर्वत पर पत्‍थरोंसे बनी महिलाओं, पुरुषों और बच्‍चों की सीटें हैं जहां से सलेम शहर का सुंदर नज़ारा दिखाई देता है। यहां पर टेलिस्‍कोप से भी शहर को देखा जा सकता है। इससे मेट्टूर बांध साफ दिखाई देता है।

PC:Mithun Kundu

किलियूर झरना

किलियूर झरना

यरकौड झील से 3 किमी दूर है किलियूर झरना। यरकौड पर्वतों से होते हुए येरकौड़ झील का पानी किलियूर घाटी में आकर बहता है जोकि 300 फीट की ऊंचाई से आगे जाकर गिरता है। ट्रैकर्स के लिए इससे अच्‍छी जगह और कोई हो ही नहीं सकती है। जंगल से होते हुए ट्रैकिंग के ज़रिए यहां पहुंचने में आपको एक घंटे का समय लगेगा।PC:Antkriz

लूप रोड पर ड्राइव

लूप रोड पर ड्राइव

32 किमी लंबे इस रोड़ पर ड्राइविंग करने का अलग ही मज़ा है। इस पहाड़ी सड़क पर 20 हेयरपिन बैंड्स हैं जोकि ड्राइव को और भी ज्‍यादा मज़ेदार बना देते हैं। स्‍थानीय लोग सुबह जल्‍दी उठकर इस रोड़ पर लॉन्‍ग ड्राइव का मज़ा लेने आते हैं।

पगोड़ा प्‍वाइंट

पगोड़ा प्‍वाइंट

पगोड़ा प्‍वाइंट को पिरामिड प्‍वाइंट भी कहा जाता है। इस जगह से सलेम शहर का अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है। चार पत्‍थरों से बनी पगोड़ा और पिरामिड आकार की एक सरंचना के कारण इस जगह को यह नाम मिला है। इस प्‍वाइंट के पास ही भगवान राम का एक मंदिर स्थित है। पहाड़ी के पूर्वी ओर स्थित है पगोड़ा प्‍वाइंट।PC:Yercaud-elango

ओर्चिरादियम और रेशम के खेत

ओर्चिरादियम और रेशम के खेत

येरकौड़ में राष्ट्रीय ओर्चिरादियम भारत की सबसे बड़ी ऑर्किड नर्सरियों में से एक है। यहां पर 249 तरीके की ऑर्किड और कई तरह के दुर्लभ पौधे उगाए जाते हैं। पक्षियों को निहारने के लिए भी इस जगह आ सकते हैं। यहां पर काइट्स, बुलबुल, पैटरिजेस जैसे पक्षी देखने को मिलते हैं।

यहां पर आप रेशम के कीड़े की फीडिंग और किस तरह रेशम के धागे को कोकून से बुना जाता है, देख सकते हैं।PC:Yercaud-elango

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