आज अपने इस लेख में हम आपको जिस डेस्टिनेशन से अवगत कराने जा रहे हैं उसे भारत में होयसाल राजवंशों का प्राचीन शहर कहा जाता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के अलावा भारत के अत्यंत प्राचीन शहरों में शुमार बेलूर की। बेलूर, कर्नाटक के सबसे प्रसिद्ध स्थलों में से एक है। यह हसन जिले में स्थित है, इसे मंदिरों का शहर भी कहा जाता है जो बंगलौर से 220 किमी. की दूरी पर स्थित है।
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यह शहर यागची नदी के किनारे बसा हुआ है, बेलूर को दक्षिण का काशी भी कहा जाता है, क्योंकि यहां काफी मंदिर है। ऐतिहासिक दृष्टि से बेलूर का महत्व काफी ज्यादा है क्योंकि यह होयसाल वंशजों की राजधानी हुआ करती थी। बेलूर से 16 किमी. दूर एक प्राचीन शहर हालेबिड़ भी स्थित है जो किसी काल में होयसाल रंगवंश का प्रमुख केंद्र था।
यह दो शहर, होयसाल के शासन और वास्तुकला के कारण जाने जाते है। बेलूर में सबसे अच्छा मंदिर चेन्ना केशवा मंदिर है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है, इस मंदिर की संरचना काफी विशाल और भव्य है यदि आप बेलूर में हों तो इस मंदिर की यात्रा करना न भूलें । आइये इस लेख के जरिये जानें ऐतिहासिक दृष्टि से क्यों बेलूर।
वीर नारायण मंदिर
जो भी पर्यटक, बेलूर की यात्रा पर आते है उन्हे वीर नारायण मंदिर की यात्रा की सलाह दी जाती है। यह मंदिर, भगवान वीर नारायण को समर्पित है। यह मंदिर, होयसाल शासकों के द्वारा बनवाया गया था। यह मंदिर, चेन्ना केशव मंदिर से पश्चिम की ओर स्थित है और इसे आर्टिस्टिक इंटीरियर और एक्टीरियर के लिए जाना जाता है। इस मंदिर में दो श्राइन है जो एक - दूसरे के आमने सामने स्थित है। इस मंदिर में एक मंडप भी है जिसमें 37 रास्ते बने हुए है। यह मंदिर एक प्लेटफॉर्म पर बना हुआ है और यहां खूबसूरत शिलालेख बने हुए है जो मंदिर की बाहरी दीवारों पर उत्कीर्ण किए गए है। इस मंदिर की पश्चिमी तरफ की दीवारों पर एक बड़ी और सुंदर सी विजय नारायण की मूर्ति लगी हुई है।
चेन्नाकेशव मंदिर
पर्यटकों को बेलूर की यात्रा के दौरान चेन्नाकेशव स्वामी मंदिर की यात्रा की सलाह दी जाती है। इस मंदिर का निर्माण नरम सोपस्टोन से हुआ और यह चेन्नाकेशवा को समर्पित मंदिर है जिन्हे भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। यह मंदिर होयसाल काल में बना हुआ है और इसमें कुल 48 नक्काशीदार खंभे है जिनमें भिन्न - भिन्न प्रकार की डिजायन बनी हुई है। 1117 ई. में तलक्कड़ के युद्ध के दौरान, यह मंदिर होयसाल वंशजों का मंदिर हुआ करता था। केप्पे चेन्नीगाराया मंदिर और एक छोटा सा श्राइन इसी मंदिर के परिसर में स्थित है जो देवी लक्ष्मी को समर्पित है। अपनी बेलूर की यात्रा पर आप इस मंदिर की यात्रा अवश्य करें।
दर्पण सुंदरी
दर्पण सुंदरी को आर्इने के साथ महिला के नाम से भी जाना जाता है। यह बेलूर का सबसे सुंदर मंदिर है, अगर पर्यटकों को समय मिलें तो यहां दर्शन करने अवश्य आएं। माना जाता है कि इस मंदिर की सुंदर मूर्तियां राजा विष्णुवर्धन की रानी शांतला देवी की खूबसूरती से प्रेरित है। मंदिर की दीवारों पर शिलालेख उत्कीर्ण है। पर्यटक यहां आकर ब्रेकेट फिगर में नाचते और गाते लोगों के चित्रों को आसानी से देख सकते है।
केप्पे चेन्नीगाराया मंदिर
इस मंदिर को होयसल शासन के दौरान शांतला देवी के द्वारा स्थापित किया गया था। यह मंदिर वीर नारायण मंदिर के परिसर में ही स्थित है। पर्यटक यहां आकर मंदिर की आंतरिक संरचना को देख सकते है जो काफी सुंदर और अलग है। पास में ही स्थित वीर नारायण, सौम्यानायाकी और रंगानायाकी मंदिरों में भी दर्शन करने की सलाह पर्यटकों को दी जाती है।
बड़ा टैंक
अगर पर्यटकों को समय मिलें तो वह बिग टैंक अवश्य आएं, जिसे विष्णु समुद्र के नाम से जाना जाता है। इस टैंक का निर्माण नरसिम्हा राया की देखरेख में पद्मरासा के स्वप्न को साकार करने के लिए बनवाया गया था। इस टैंक का निर्माण विजय नागर शासनकाल में हो गया था, जिसे सुनहरा दौर कहा जाता है। ज्ञात हो कि इसी टैंक के पास यहां कई उत्सवों का आयोजन भी किया जाता है।
ग्रेविटी पिलर
अगर पर्यटकों को बेलूर की सैर के दौरान समय मिलें तो उन्हे ग्रेविटी पिलर देखने जरूर आना चाहिए। यह पिलर 42 फीट ऊंचा है, जिसे महास्तंभ या कार्तिक दीपोत्सव के नाम से जाना जाता है। यह स्तंभ, चेन्नाकेशवा मंदिर का प्रमुख आकर्षण है। इस पिलर का कोई आधार नहीं है और यह एक पत्थर से निर्मित है। ऐसा कहा जाता है कि यह पिलर तीन तरफ से अपने वजन पर खड़ा है और चौथी ओर इसमें गैप है जहां आराम से आप एक पेपर तक खिसका सकते है। यह खंभा, विजयनगर शासकों के काल की वास्तुकला को दर्शाता है।
कैसे जाएं बेलूर
फ्लाइट द्वारा : बेलूर का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट, मंगलौर में स्थित है जो एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है। इससे पहले यह बाजपे एयरपोर्ट के नाम से जाना जाता था, जो बेलूर से 169 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहां से मध्य एशिया और भारत के प्रमुख शहरों के लिए कई उड़ाने नियमित रूप से भरी जाती है।
रेल द्वारा : बेलूर से कई प्रमुख शहरों के लिए ट्रेन मिल जाती है। यहां से बंगलौर, मैसूर, मंगलौर, मादीकेरी, शिमोगा, चिकमागलुर और हसन आदि के लिए कई ट्रेन नियमित रूप से चलती है। स्टेशन से शहर में भ्रमण करने के लिए ट्रैक्सी मिल जाती है।
सड़क मार्ग द्वारा : बेलूर, आसपास के कई प्रमुख शहरों जैसे - बंगलौर, मैसूर, मंगलौर, मादीकरी, शिगमोला और हसन आदि से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।