आंध्र प्रदेश के रायलसीमा क्षेत्र के चित्तौड़ जिले में स्थित, तिरुपति भारत की प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। तिरुपति मंदिर के पास स्थित होने के कारण यह पर्यटकों के साथ साथ तीर्थयात्रियों में भी लोकप्रिय है। यद्यपि तिरुपति शब्द का उद्भव कहाँ से हुआ इस विषय में कोई स्पष्टता नहीं है, फिर भी ऐसा माना जाता है कि यह दो शब्दों "थिरु" और "पति" से मिलकर बना है। जहाँ तमिल में "थिरु" का अर्थ है सम्मानजनक और "पति" का अर्थ है पति। अत: इस शब्द का शाब्दिक अर्थ है "सम्मानीय पति"।
खुद से प्रकट हुए थे तिरुपति बालाजी...कुछ ऐसी है कहानी
शहर के केंद्र के पास स्थित तिरुमलाई पहाड़ियों को विश्व की सबसे पुराने चट्टानी पहाड़ियों में स्थान प्राप्त है। इस मंदिर को भारत का सबसे धनी मंदिर माना जाता है, क्योंकि यहां पर रोज करोड़ों रुपये का दान आता है, साथ ही यहां पर अपने बालों का दान करने की भी परंपरा है।
हम अपने लेख में आपको बताने जा रहे हैं तिरुपति के आसपास घूमने की खास जगह..
श्री वेंकटेश्वर मंदिर
इस मंदिर को बालाजी मंदिर के रूप में भी जाना जाता है, जोकि वेंकट तिरुमला हिल की 7 वीं शिखर पर स्थित है। यह मंदिर उन कारणों में से एक है, जो यात्रियों के बीच तिरमिला को प्रसिद्ध बनाते हैं। बालाजी मंदिर भगवान वेंकटेश्वर (भगवान विष्णु) को समर्पित है और द्रविड़ स्थापत्य शैली का उपयोग कर बनाया गया है। भगवान वेंकटेश्वर को सात पहाड़ियों का भगवान कहा जाता है और मंदिर में वेदों और अन्य हिंदू धार्मिक शास्त्रों में उल्लेख किया गया है।Pc:wikimedia.org
कपिला तीर्थम
तिरुपति की यात्रा के दौरान कपिला तीर्थम एक अन्य पर्यटन स्थल है, जिसे आपको जरुर देखना चाहिए। माना जाता है कि, ऋषि कपिला ने भगवान शिव की मूर्ति के आगे तपस्या की थी,जिसके चलते इसे कपिला तीर्थम कहा गया है।Pc:Koundinya90
इस्कॉन मंदिर
इस्कॉन मंदिर तिरुमला हिल्स के रास्ते में ही स्थित है, इस मंदिर की भव्य वास्तुकला बेहद खूबसूरत है, हो पर्यटकों को वशीभूत करती है।Pc:Ilya Mauter
कोडंद राम स्वामी मंदिर
भगवान राम को समर्पित इस मंदिर में राम सहित सीता और लक्ष्मण की भी पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि लंकापुरी से लौटने के बाद भगवान राम सीता और लक्ष्मण के साथ यहां रहे थे। ब्रह्मोत्सव मंदिर का प्रमुख त्योहार है, जो हर साल मार्च के अंत में होता है मंदिर रेलवे स्टेशन से 2 किमी की दूरी पर स्थित है।Pc:Adiseshkashyap
श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान
श्री वेंकटेश्वर प्राणी उद्यान की स्थापना 29 सितंबर 1987 को हुई। 5,532 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ यह पार्क हाथी, मोर, हिरन, तोते, तेंदुए और जंगली सूअर का घर है। हरे घास के मैदान आकर्षण का केंद्र हैं तथा यह मोर, शाकाहारी और छोटे मांसाहारी जानवरों का घर है। तिरुपति के आसपास के अन्य आकर्षण में श्री वेणुगोपाल स्वामी मंदिर, श्रीनिवास मंगापुरम, तिरुचानूर और परशुराममेश्वर मंदिर शामिल हैं।Pc:Adityamadhav83
कैसे आयें
सड़क द्वारा
दक्षिण भारत के सभी प्रमुख शहरों से तिरुपति में सीधी बसें हैं।
रेल द्वारा:
तिरुपति का अपना रेलवे स्टेशन हैं, जोकि उत्तर, दक्षिण पूर्व पश्चिम रेलवे से जुड़ा हुआ है।
वायु द्वारा:
तिरुपति का अपना एयपोर्ट है, यहां दिल्ली समेत हैदराबाद,विजाग ,कोलकाता अदि के लिए फ्लाइट्स ली जा सकती हैं। यह हवाई अड्डा शहर से करीबन 15किमी की दूरी पर स्थित है।Pc:Nikhilb239
कब आयें
तिरुपति की यात्रा का आदर्श समय नवंबर से फरवरी तक है, जब मौसम बेहद सुखद होता है। शहर में उत्सव का अनुभव करने के लिए, जून से सितम्बर के बीच अवश्य आयें।Pc:Ashok Prabhakaran