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बिहार भी किसी खूबसूरती का मोहताज नहीं, यहां देखने को मिलता है धार्मिक व ऐतिहासिक स्थलों का समायोजन

अपने भारत देश में घूमने के लिए कई पर्यटन स्थल है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी आपको कई ऐसे ऑप्शन मिल जाएंगे, जहां जाकर आप धार्मिक, ऐतिहासिक व प्राकृतिक जगहों की सुंदरता को निहार सकते हैं और वहां कुछ समय गुजार सकते हैं। ऐसे में परिवार संग कहीं जाने की बात हो तो हम ऐसी जगहों का चयन करते हैं, जहां जाना बिल्कुल सेफ हो और घूमने के लिहाज से वो जगह अच्छी होनी चाहिए। भारत में ऐसी कई जगहें है, जहां आप अपने परिवार के साथ समय बिता सकते हैं।

आज हम आपको जिस जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, वो जगह भगवान बुद्ध के लिए भी काफी खास रहा है और जैन धर्म के लिए भी काफी खास मायने रखता है। अब तो शायद आप समझ ही गए होंगे कि मैं किस राज्य की बात कर रहा हूं। नहीं समझे हैं तो कोई बात नहीं, हम बता दे रहे हैं...दरअसल, हम बिहार की बात कर रहे हैं, जो उत्तर प्रदेश व झारखंड का पड़ोसी राज्य है। यहां के पर्यटन स्थलों की बात की जाए तो यहां घूमने के लिए काफी कुछ है। यहां आप दार्शनिक स्थलों के साथ-साथ इतिहास को भी करीब से निहार सकते हैं।

बिहार में घूमने वाले पर्यटन स्थल

नालंदा

नालंदा

हमारे देश यानी कि भारत के सबसे पुराने विश्वविद्यालय की बात की जाए तो वो यही है, बिहार में। जी हां, देश का सबसे पहला और सबसे पुराना विश्वविद्यालय बिहार राज्य के नालंदा में है, जिसे नालंदा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। यह बिहार के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर महावीर स्वामी की बात की जाए तो उन्होंने इस स्थान पर करीब 14 मानसून बिताए थे। वहीं, महात्मा बुद्ध ने नालंदा ने आम के बाग के पास ही संबोधन दिया था। इतना ही नहीं, यहां पर मशहूर चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने 2 साल बिताया। वर्तमान समय में नालंदा का अधिकांश हिस्सा खंडहर में तब्दील हो चुका है लेकिन इतिहास-प्रेमियों के लिए यह स्थान आज भी काफी खास है।

गया

गया

बिहार के गया की बात की जाए तो जहन में सबसे पहले महात्मा बुद्ध का ही नाम आता है। हो भी क्यूं ना, यह पवित्र स्थान उन्हीं के नाम से तो जाना जाता है। यहां पर भगवान बुद्ध का एक बड़ा सा मंदिर है। इस मंदिर के पेड़ मौजूद है, जिसे लेकर कहा जाता है कि इसी पेड़ के नीचे गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। इतिहास के पन्नों में अगर आपने कभी मौर्य और गुप्त वंश के शासकों के बारे में सुना होगा तो आपके बता दें कि वो भी यहीं के थें। यहां घूमने के लिए बोधगया, महाबोधि मंदिर, विष्णुपद मंदिर, मंगला गौरी तीर्थ, बराबर गुफाएं, चीनी मंदिर और मठ, बोधि वृक्ष, डुंगेश्वरी गुफा मंदिर, बोधगया पुरातत्व संग्रहालय, थाई मंदिर, रायल भूटान मठ और मूचालिंडा झील प्रसिद्ध स्थलों में से एक है।

पटना

पटना

बिहार की राजधानी के रूप से विकसित पटना राज्य का सबसे बड़ा जिला है। इस राज्य को पहले पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था, जिसके बारे में भी आप सभी ने सुना ही होगा। यहां सिखों के अंतिम गुरु गुरु गोबिंद सिंह का जन्म हुआ था। पटना में घूमने के लिए कुम्हरार, आगम, दीदारगंज यक्षी, गुरुद्वारा गुरु का बाग, तख्त श्री पटना साहिब, गुरुद्वारा पहिला बड़ा, गुरुद्वारा गोबिंद घाट, गुरुद्वारा बाल लीला, किला हाउस और पटना संग्रहालय काफी अच्छी जगहें है।

वैशाली

वैशाली

इतिहास के पन्नों में बिहार का वैशाली जिला काफी प्रसिद्ध था, यहां जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था, पुरातात्विक स्थल मानी जाती है। इतना ही नहीं, यह लिच्छवी शासकों की राजधानी भी रही चुकी है। यहां घूमने के लिए अवशेष स्तूप, कुटागारशाला विहार, विश्व शांति शिवालय, राज्याभिषेक टैंक, बावन पोखर मंदिर, राजा विशाल का गढ़, चौमुखी महादेव और कुंडलपुर अच्छी जगहें है।

सासाराम

सासाराम

इन सभी जिलों के बाद अगर किसी स्थान का नाम आता है तो वो सासाराम है, जो अपने इतिहास के लिए जाना जाता है। यहां आपको शेरशाह सूरी का मकबरा देखने को मिल जाएगा, जो भारत के सबसे प्रसिद्ध मकबरों में से एक है। शेर शाह सूरी के इस मकबरे को 'भारत का दूसरा ताजमहल' भी कहा जाता है। इस मकबरे का निर्माण करीब 500 साल पहले 1540-45 के बीच हुआ था। इसकी खूबसूरती को देखने के लिए देश के कोने-कोने से पर्यटक आते हैं और इसकी वास्तुकला (इंडो-इस्लामिक शैली) की खूब तारीफ करते हैं। ये पूरा मकबरा लाल पत्थरों से बना है, जो 122 फीट ऊंचा है।

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