थरंगमबाड़ी दक्षिण भारत के नागपट्टिनम जिले स्थित एक खूबसूरत नगर है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। भारतीय इतिहास के कई अहम पहलु इस दक्षिण भूखंड से जुड़े हैं। इस नगर को ट्रांक्यूबर या अलापूर के नाम से भी संबोधित किया जाता है। यह राज्य के चुनिंदा खास पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां इतिहास से जुड़ी कई प्राचीन संरचनाओं को देखा जा सकता है, जिसमें फोर्ट, चर्च, म्यूजियम आदि शामिल हैं। यह एक तटीय नगर है, जहां 1620 में पहली डेनिश टैडिंग पोस्ट स्थापित की गई थी।
डेनिश डेनमार्क के मूल निवासी और उत्तरी युरोपीय जातीय समुह हैं। यह वो समय था जब यहां डेनिश लोगों का आगमन हुआ। डेनिश सरकार ने यहां अपनी कॉलोनी बनाई और 1845 में ईस्ट इंडिया कंपनी को बेच दी थी। उस दौरान यहां कई प्राचीन संरचनाओं का निर्माण किया गया था, जो अब ऐतिहासिक विरासत के रूप में हमारे सामने मौजूद हैं। इस लेख में हमारे साथ जानिए पर्यटन के लिहाज से थरंगमबाड़ी आपके लिए कितना खास है, और यहां कौन-कौन से खास स्थलों का भ्रमण किया जा सकता है।
डेनिश किला
PC-Ssriram mt
थंरगमबाड़ी का मुख्य आकर्षण समुद्र किनारे बनाया गया डेनिश फोर्ट है। इस किले का निर्माण 1620 में किया गया था। यह वो समय था जिस दौरान भारत के कई अन्य हिस्सों में किलों का निर्माण कार्य चल रहा था। इस किले को डान्सबोर्ग फोर्ट के नाम से भी जाना जाना जाता है। जानकारी के अनुसार यह किला अबतक का बनाया दूसरा सबसे बड़ा डेनिश फोर्ट है। सबसे बड़ा डेनिश किला डेनमार्क में स्थित है, जिसे कोनबोर्ग कहा जाता है। यहा एक अद्भुत किला है, जिसे आकर्षक वास्तुकला के साथ बनाया गया था। समुद्र के किनारे होने के कारण यह और भी ज्यादा खूबसूरत नजर आता है। किले के चारो ओर सुरक्षा दीवारों का भी निर्माण किया गया था। इस किले में सेनावास, गोदाम, किचन और जेल भी बनाए गए थे। आज भी यह किला उस दौर की याद ताजा करता है।
न्यू येरुशलम चर्च
PC-Chenthil
डेनिश लोगों ने यहां पवित्र स्थानों की भी निर्माण किया था, जिसमें न्यू येरुशलम चर्च भी शामिल है। इस चर्च का निर्माण 1718 में एक रॉयल डेनिश मिशनरी (Bartholomaeus Ziegenbalg) ने करवाया था। यह चर्च ट्रांक्यूबर की किंग स्ट्रीट में मौजूद है। माना जाता है कि 2004 की भारी सुनामी में यह चर्च अपनी संरचना के साथ बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी। बाद में 2006 में इसका पुननिर्माण करवाया गया। इस चर्च इस बात का सबूत थी कि दक्षिण भारत में ईसाईयों का आगमन शुरु हो रहा था। एक एक खूबसूरत चर्च है जिसे आप अपनी यात्रा के दौरान देख सकते हैं।
ट्रांक्यूबर म्यूजियम
PC-Mukulfaiz
आप अपनी यात्रा के दौरान यहां के ट्रांक्यूबर म्यूजियम को भी देख सकते हैं, जो डेनिश फोर्ट के अंदर स्थित है। इस संग्रहालय में औपनिवेशिक काल और डेनिश व्यवस्थापन से जुड़ी कई महत्वपूर्ण वस्तुओं का संग्रह मौजूद है। आप यहां ग्लास ऑब्जेक्ट्स, पोर्सिलीन वेयर, स्टीटेट लैंप, टेराकोटा ऑब्जेक्ट्स, डेनिश पांडुलिपियां, चीनी सामान और लैंप आदि को यहां देख सकते हैं। उस दौर के इतिहास को समझने के लिए यह एक आदर्श स्थल है।
टाउन गेट
PC-Joelsuganth
थंरगमबाड़ी स्थित संरचनाओ में आप किंग स्ट्रीट में बने टाउन गेट को देख सकते हैं, जिसे डेनिश में लैंडपोर्टेन के नाम से भी जाना जाता है। यह दुर्ग का हि एक हिस्सा है, जिसे 1660 में बनवाया गया था। जानकारी के अनुसार असल गेट 1791 में बर्बाद हो गया था बाद में इसी जगह नए गेट का निर्माण करवाया गया था। ट्रांक्यूबर की ऐतिहासिक खूबसूरती देखने के लिए आप यहां आ सकते हैं।
मसिलामनी नाथर कोइल
PC-Ssriram mt
उपरोक्त संरचनाओं के अलावा आप ट्रांक्यूबर स्थित मसिलामनी नाथर कोइल को देख सकते हैं, जो समुद्र किनारे बने बंगले के पास मौजूद है। माना जाता है कि इसका निर्माण 1306 में किया गया था। यह एक धार्मिक स्थल है, और पांडवों के काल से सबंध रखता है। इस मंदिर के निर्माण संबंधी जानकारी एक अभिलेख में है, जो डेनिश संग्रहालय में मौजूद है। अपनी यात्रा को धार्मिकता से जोड़ने के लिए आप यहां आ सकते हैं। ये थे थरंगमबाड़ी के चुनिंदा सबसे खास पर्यटन स्थल जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान देख सकते हैं।