"हवन करेंगे हवन करेंगे" गाने से मशहूर फरहान अख्तर की फिल्म में ने देश ही नहीं पूरी दुनिया में खूब कमाई की थी और तारीफ भी पायी थी। 'उड़न सिख' के नाम से पहचाने जाने वाले मिल्खा सिंह के जीवन पर आधारित फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म की शूटिंग लोकेशन्स भी बहुत सोच समझ कर निर्धारित किये गए थे।
जैसा कि फिल्म में शुरू से, मिल्खा सिंह जी के बचपन से की कहानी दिखाई गयी है, जब भारत देश आज़ाद ही हुआ था और देश भारत-पाकिस्तान विभाजन के दुःख से गुज़र रहा था। बहुत अच्छी तरह से पूरी फिल्म में इस विभाजन के दुःख को झेलते हुए लोगों को दिखाया गया है।
तुग़लकाबाद किला
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चलिए आज हम इसी फिल्म से जुड़े कुछ ऐसे जगहों की यात्रा पर चलते हैं जिनकी वजह से इस फिल्म ने साक्षात् एक जीवंत रूप लिया।
फिल्म में मिल्खा सिंह के बचपन से शुरू हुआ 'ज़िंदा' गीत
फिल्म में दर्शाया गया है कि मिल्खा सिंह के बचपन का किरदार अपने आपको एक रिफ्यूजी कैंप में पाता है जो तब के समय में पुराने किले में लगा था। फिल्म के इस भाग को तुग़लकाबाद किले में शूट किया गया है, जहाँ वह लड़कों के एक समूह में शामिल हो जाता है और कोयला चोर बन जाता है।
तुग़लकाबाद किला
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'ज़िंदा' गीत में ही बड़े होते मिल्खा सिंह
ज़िंदा गीत के दौरान ही मिल्खा सिंह को बड़े होते हुए कोयला चोर के रूप में दिखाया गया है जिसमें वे ट्रेन की छत पर अपने पीछे पड़े लोगों से भागते हुए नज़र आते हैं। इस दृश्य को हरियाणा के सुल्तानपुर पक्षी अभ्यारण्य के पास ही स्थित एक ब्रिटिश स्टेशन पर फिल्माया गया था। फिल्म में इस्तेमाल किये गए भाप के इंजन रेवाड़ी में स्थित रेवाड़ी स्टीम लोकोमोटिव शेड और रेलवे म्यूजियम से लिए गए थे।
रेवाड़ी स्टीम लोकोमोटिव शेड और रेलवे म्यूजियम
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रेवाड़ी हाउसिंग कॉलोनी
फिल्म में जब मिल्खा सिंह को अपनी प्रेमिका से प्यार होता है तब शूट किया गया 'मेरा यार' गीत और 'ओ रंगरेज़' गीत को रेवाड़ी हाउसिंग कॉलोनी में शूट किया गया है। रेवाड़ी हाउसिंग कॉलोनी को शाहदरा रिफ्यूजी कॉलोनी में तब्दील करना था। 1950 के शाहदरा को दर्शाने के लिए रेवाड़ी हाउसिंग कॉलोनी को फिर से बनाया गया।
दिल्ली कैंटोन्मेंट, राजपुताना राइफल्स
फिल्म का सबसे मशहूर और पसंदीदा गाना 'हवन करेंगे, हवन करेंगे',दिल्ली कैंटोन्मेंट के राजपुताना राइफल्स में फिल्माया गया। इस जगह पर शूटिंग करने से पहले आपको ऑनलाइन ही शूटिंग परमिट के लिए अप्लाई करना होता है।
पटौदी पैलेस
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पटौदी पैलेस
नेहरू द्वारा मिल्खा सिंह को भारत-पाकिस्तान खेल सम्मलेन में हिस्सा लेने के लिए मनाया जाने वाला शॉट हरियाणा के पटौदी पैलेस में बहुत शानदार तरीके से शूट किया गया है।
नुब्रा घाटी
लद्दाख हर यात्री की पहली पसंद होती है। इसी तरह लद्दाख बॉलीवुड की भी पहली पसंदीदा शूटिंग लोकेशन्स में से एक है। मिल्खा सिंह को प्रशिक्षित किया जाने वाला कठिन दृश्य लद्दाख के नुब्रा घाटी में शूट किया गया है। यहाँ फरहान अख्तर ने दृश्य को जीवंत बनाने के लिए 10 से 12 किलोमीटर की दौड़ रोज़ लगायी। आप समझ ही सकते हैं कि इस दृश्य को यहाँ शूट करना कितना कठिन हुआ होगा क्यूंकि लद्दाख में ऑक्सीजन की थोड़ी कमी होती है ऊपर से इतनी ठण्ड में कम कपड़ों में शूट करना।
नुब्रा घाटी
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फिरोज़पुर गांव
फिल्म के अंत में दिखाए गए दृश्य जहाँ मिल्खा अपने बचपन के गांव अपने बचपन के मित्र से मिलने जाते हैं,पाकिस्तान के मुलुंद गांव में। इस दृश्य को पंजाब के फ़िरोज़पुर गांव में शूट किया गया जहाँ कोई बदलाव नहीं किये गए। वैसे के वैसे गांव में ही पुरे दृश्य को शूट किया गया।
फिरोज़पुर गांव
अगर आप अपनी अगली यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो निकल पड़िए इन जगहों की यात्रा में जहाँ 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म की शूटिंग से जुड़ी यादों को आप खुद से महसूस कर पाएंगे और हाँ अपनी इस मज़ेदार यात्रा में ये गीत गाना मत भूलिएगा 'ओ हवन कुंड मस्तों का झुण्ड, सुन सारी रात अब ऐसी रात रख दिल पे हाथ हम साथ साथ बोलो क्या करेंगे.....हवन करेंगे, हवन करेंगे, हवन करेंगे....!'
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