बात भारत में पर्यटन की हो और हम उत्तराखंड का ज़िक्र न करें तो सारी बात अधूरी रह जाती है। भारत के उत्तर में बसे इस खूबसूरत राज्य में ऐसा बहुत कुछ है जो किसी को भी आकर्षित कर सकता है। चाहे एडवेंचर स्पोर्ट्स हों या फिर वन्यजीवन और मंदिर इस राज्य ने एक टूरिस्ट की सभी जरूरतों को पूरा किया है। आज अपने इस आर्टिकल में हम आपको अवगत कराने जा रहे उत्तराखंड के एक ऐसे डेस्टिनेशन से जिसे स्थानीय लोग पहाड़ों के बीच छुपा हुआ खज़ाना कहते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं धारचूला की।
धारचूला एक सुंदर शहर है जो उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले में भारत - नेपाल सीमा पर स्थित है। इस जगह का नाम हिन्दी भाषा के दो शब्दों धार और चूला से मिलकर बना हुआ है जिनका अर्थ होता है धार यानि चोटी और चूला यानि स्टोव। यह शहर एक पहाड़ी क्षेत्र है जिसका आकार स्टोव के जैसा दिखता है इसी कारण इस शहर को धारचूला कहते हैं। यह शहर पिथौरागढ़ से 90 किमी. की दूरी पर स्थित है जो पहाड़ों से घिरा हुआ है।
अगर आप पर्यटन की दृष्टि से इस शहर को देखें तो मानस झील या मनासा सरोवर इस शहर का सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं। मानसरोवर एक ताजे और मीठे पानी की झील है जो चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है। इसके अलावा पर्यटक यहां काली नदी में राफ्टिंग का मजा भी ले सकते हैं। तो आइये जानें कि यदि आप धारचूला में हों तो वहां आपको क्या क्या अवश्य देखना चाहिए।
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एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य
पिथौरागढ़ से 54 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है। एस्काट कस्तूरी मृग अभयारण्य की स्थापना कस्तूरी हिरन (वैज्ञानिक नाम- मास्कस ल्युकागस्टर) के संरक्षण के लिए की गई थी। कस्तूरी हिरन के अलावा, पार्क में अन्य जानवर तेंदुआ, जंगली बिल्ली, ऊदबिलाव,कांकड़,छोटे सींगों वाला बारहसिंगा,गोराल(घूमे हुए सींगों वाले बारहसिंगे,सफेद भालू,हिमालयी चीते,कस्तूरी मृग,हिमालयी काला भालू,और भरल आदि देखने को मिलते हैं।
फोटो कर्टसी - Николай Усик
चिरकिला बांध
चिरकिला बांध एक हाइड्रो पॉवर प्लांट है जो धारचूला से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह बांध काली नदी पर बनाया गया है जो 1500 किलोवॉट बिजली उत्पन्न करता है। पर्यटक यहां आकर एक खूबसूरत झील भी देख सकते हैं जो बांध से जुड़ी हुई है। यह स्थल, पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट के रूप में जाना जाता है।
काली नदी
काली नदी, कालापानी के ग्रेटर हिमालय से निकलती है। यह जगह पिथौरागढ़ जिले में समुद्र स्तर से 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां एक मंदिर भी है जिसका नाम नदी के नाम पर ही रखा गया है - काली मंदिर। वास्तव में यह नदी भारत और नेपाल के बीच प्राकृतिक बॉर्डर का काम करती है। वैसे यह नदी भारत के दो राज्यों उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश की सीमा पर भी बहती है, उत्तरप्रदेश में इस नदी का नाम शारदा नदी है। जौलजीबी में गोरी गंगा नदी में मिलने के बाद यह नदी, गंगा नदी में समा जाती है। पर्यटक यहां आकर काली नदी के विभिन्न चुनौतीपूर्ण ट्रैक्स पर राफ्टिंग का आनंद उठा सकते हैं।
फोटो कर्टसी - Trilok Rangan
ओम पर्वत
ओम पर्वत, 6191 मीटर की ऊंचाई पर हिमालय पर्वत श्रृंखला के पहाड़ों में से एक है। इस पहाड़ को लिटिल कैलाश, आदि कैलाश, बाबा कैलाश और जोंगलिंगकोंग के नाम से भी जाना जाता है। इस पहाड़ी की एक खासियत ये है की यहाँ बर्फ के बीच आपको 'ओम' या 'ओम्' शब्द का पैटर्न मिलेगा कहा जाता है कि इसी कारण इस स्थान का नाम ओम पर्वत पड़ा। इन सब के अलावा ये चोटी हिंदू धर्म के अलावा बौद्ध और जैन धर्म में भी विशेष धार्मिक महत्व रखती है। ये स्थान भारतीय - तिब्बत सीमा के पास में स्थित है जो एक शानदार दृश्य प्रदान करता है। यदि आप धारचूला में हों तो इस स्थान की यात्रा अवश्य करें।
फोटो कर्टसी - Aryarakshak
कैसे जाएं धारचूला
धारचूला का नजदीकी हवाई अड्डा पंतनगर में है, पर्यटक यहां तक आने के लिए पंतनगर हवाई अड्डे से कैब हॉयर कर सकते हैं। यह एयरबेस, दिल्ली के इंदिरागांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से नियमित उड़ानों के द्वारा जुड़ा है। धारचूला आने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर में है। पिथौरागढ़ से धारचूला के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जाने वाली कई बसें चलती हैं।