हमारे पिछले लेख 'चलिए चलें,भारत के प्रमुख जैन तीर्थस्थलों की यात्रा में: भाग-1' में हमने आपको कुछ जैन तीर्थस्थलों के बारे में जानकारी दी थी। अब हम यहाँ आपको अन्य बाकी बचे जैन तीर्थस्थलों की यात्रा पर लिए चलते हैं, जहाँ की यात्रा आपको जैन धर्म के और करीब ले जाएगी।
बावनगज जैन मंदिर
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बावनगज जैन मंदिर, मध्य प्रदेश
मध्यप्रदेश में बरवानी जिले से लगभग 8 किलोमीटर दूर सतपुरा पर्वतमला पर स्थापित है, बावनगज जैन मंदिर। यहाँ सबसे मुख्य आकर्षण का केंद्र है, पर्वत की 400 मीटर की उँचाई पर पहाड़ की चट्टानों को काट कर बनाया गया जैन धर्म के सबसे पहले तीर्थंकर आदीनाथ की प्रतिमा। 12वीं सदी में बनी यह प्रतिमा 84 फ़ीट उँची है। यह प्रतिमा कर्नाटका की गोमतेश्वर प्रतिमा से मिलती जुलती है।
कुंडलपुर मंदिर
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कुंडलपुर मंदिर, मध्य प्रदेश
कुंडलपुर, मध्य प्रदेश में दमोह क्षेत्र से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रमुख जैन तीर्थस्थल है। यहाँ जैन धर्म के पहले तीर्थंकर ऋषभनाथ की विशाल प्रतिमा स्थापित है। कुण्डलपुर में 63 जैन मंदिर है, उनमें से 22वाँ मंदिर काफ़ी प्रसिद्ध है जो बाबा आदीनाथ(ऋषभनाथ) को समर्पित है। यह मंदिर कुण्डलपुर का सबसे प्राचीन मंदिर माना जाता है।
शिखरजी पारसनाथ मंदिर
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शिखरजी पारसनाथ मंदिर, झारखंड
झारखंड में गिरिडीह जिले के छोटा नागपुर पठार में स्थित पहाड़ जो जैन धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है, शिखरज़ी या पारसनाथ पर्वत। 'श्री सम्मेद शिखरजी' के रूप में चर्चित इस पुण्य क्षेत्र में जैन धर्म के 24 में से 20 तीर्थंकरों (सर्वोच्च जैन गुरुओं) ने मोक्ष की प्राप्ति की। यहीं पर 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था। जैन धर्म में इसे तीर्थराज अर्थात 'तीर्थों का राजा' भी कहा जाता है।
कोलकाता जैन मंदिर
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जैन मंदिर, कोलकाता
कोलकाता जैन मंदिर को पार्श्वनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो कोलकाता के मुख्य आकर्षणों में से एक है। कोलकाता का यह जैन मंदिर सन् 1867 में जैन अनुयायी राय बद्रिदास बहादुर मुकिम द्वारा बनवाया गया था। मंदिर का परिसर चार हिस्सों में बंटा है- शीतलनाथ जी मंदिर, चंद्रप्रभु जी मंदिर, महावीर स्वामी मंदिर और दादावाड़ी। यह मंदिर जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ को समर्पित हैं, जो कोलकाता का सबसे प्रमुख मंदिर है।
कुलपकजी जैन मंदिर
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कुलपकजी जैन मंदिर, तेलंगाना
कुलपकजी मंदिर जिसे कोलनुपक मंदिर भी कहते हैं, तेलंगाना में नालगोंडा जिले के कोलनुपक गाँव में 10वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था। इस मंदिर में जैन धर्म के तीन तीर्थंकर- ऋषभनाथ, नेमीनाथ और महावीर की प्रतिमा स्थापित हैं। भगवान ऋषभनाथ की प्रतिमा जो ऐतिहासिक दौर से मणिक्यस्वामी नाम से भी प्रसिद्ध है, हरे पत्थर को काटकर बनाया गया है। यह मंदिर हैदराबाद से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर है।
गोमतेश्वर बाहुबली जैन मंदिर
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गोमतेश्वर बाहुबली जैन मंदिर, कर्नाटक
श्रवणबेलगोला कर्नाटक के हसन जिले में स्थित प्रमुख जैन तीर्थस्थलों में से एक है। यहाँ के गोमतेश्वर बाहुबली मंदिर को सबसे बड़ा जैन धार्मिक स्थल माना जाता है। यहां दुनिया की सबसे बड़ी मूर्तियों में शामिल बाहुबली की मूर्ती भी है, जो 57 फीट ऊंची है और इसे एक ही पत्थर को तराश कर बनाया गया है।
तीर्थंकरों के जीवन की प्रमुख घटनाओं से जुड़े इन स्थानों को तीर्थस्थलों में परिणत किया गया है। जैन धर्म का पूरे विश्व में तेज़ी से विस्तार हो रहा है। तो अब आप भी निकल पड़िए जैन तीर्थस्थलों की पवित्र यात्रा में और जानिए भारत की विविधता को और भी करीब से।
अपने महत्वपूर्ण सुझाव व अनुभव नीचे व्यक्त करें।
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