नार्थ इंडिया के प्रमुख रूप से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों से मिलकर बना है। प्राचीन साम्राज्य, महानगरीय शहर, आध्यात्मिक शहर, प्राकृतिक पहाड़, सुरम्य झीलें और हरी- भरी घाटियाँ उत्तर भारत के विशाल और विविध परिदृश्य का हिस्सा हैं। उत्तर भारत में प्राचीन खंडहरों से लेकर धार्मिक स्थलों तक, सुंदर घाटियों से लेकर पर्वतीय स्थलों तक, शांत और सुखद माहौल से लेकर नाइटलाइफ़ तक सभी चीजें उपलब्ध है जो हर पर्यटक को खुश कर देती है।
डलहौज़ी
हिमाचल प्रदेश के चंबा में स्थित डलहौज़ी एक टूरिस्ट स्पॉट है। पांच पहाड़ियों (कैथलॉग पोट्रेस, तेहरा, बकरोटा और बोलुन) से बाहर फैले शहर का नाम 19वीं शताब्दी के ब्रिटिश गवर्नर जनरल लॉर्ड डलहौज़ी के नाम पर रखा गया है। इसा का निर्माण 1854 में ब्रिटिश गवर्नर-जनरल लॉर्ड डलहौजी ने करवाया था। शहर की अलग-अलग ऊंचाई इसे विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों के साथ छायांकित करती है, जिसमें चीड़, देवदार, ओक्स और फूलदार रोडोडेंड्रॉन के सुंदर ग्रूव शामिल होते हैं। औपनिवेशिक वास्तुकला में धनी, शहर कुछ सुंदर चर्चों को संरक्षित करता है। इसके अद्भुत वन ट्रेल्स जंगली पहाड़ियों, झरने, स्प्रिंग्स और रिव्यूलेट्स के विस्टा को नजरअंदाज करते हैं। चंबा घाटी और धौलाधर पर्वत पूरे क्षितिज में बर्फ से ढके हुए चोटियों के शानदार दृश्य देखने को मिलेंगे। बड़ा पत्थर डलहौजी से चार किलोमीटर की दूरी पर स्थित अहला गांव में भुलावनी माता का मंदिर है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
खीरगंगा
हिमाचल की वादियों में इतने खूबसूरत रंग बिखरे हैं जिन्हें आप एक या दो बार में नहीं देख सकते। यहां पर जितनी बार सैर के लिए जाइए किसी न किसी नई और अद्भुत जगह के बारे में जानकारी मिलती है और अगली बार उस अनोखी जगह को देखने का वादा लिए आप चले आते हैं। ऐसी ही पहाड़ों की वादियों में बसे एक खूबसूरत घाटी के बारे में आज हम बताने जा रहे हैं। ये जगह मनोहारी दृश्यों के साथ ही लोगों के लिए धार्मिक आस्था का भी केंद्र है। खीरगंगा समुद्र से 2960 मी ऊंचाई पर हिमाचल के पार्वती घाटी में बसा एक छोटा सा ट्रैक है। ट्रैकिंग और एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए ये जगह किसी जन्नत से कम नहीं है। यहां पर आपको 10 किमी लंबा ट्रैक का रास्ता चलना पड़ेगा। जो बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है। साथ ही यहां पार्वती मां के बड़े पुत्र कार्तिकेय भगवान की गुफा बनी हुई है। कहते हैं कि इस गुफा में भगवान कार्तिकेय ने तपस्या की थी।
मोरनी हिल्स
मोरनी हिल्स चंडीगढ़ के पास हरियाणा में पंचकुला के बाहरी इलाके में स्थित एक खूबसूरत हिल स्टेशन है। हरियाणा में एकमात्र हिल स्टेशन होने के कारण, यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए लोकप्रिय पिकनिक स्पॉट बनता जा रहा है। पहाड़ियों की ऊंचाई 1,220 मीटर है, जहां से आप खूबसूरत नजारा देख सकते हैं। मोरनी हिल्स एक पुरातात्विक स्थल भी हैं, जहां आप ठाकुर द्वार मंदिर में 7वीं शताब्दी की नक्काशी देख सकते हैं। ये जगह अपने ट्रैकिंग और पक्षियों को देखने के लिए काफी मजेदार है। यहां देखे जाने वाले लोकप्रिय पक्षियों में वॉलक्रीपर, क्रेस्टेड किंगफिशर, बार-टेल्ड ट्रीक्रीपर, ब्लू पीफॉवल, कलिज फिजेंट, रेड जंगलफॉवल, ग्रे फ्रेंकोलिन, क्वेल्स, हिमालयन बुलबुल और ओरिएंटल टर्टल डोव शामिल हैं। नीम, ओक, पीपल, जामुन, अमलतास और जकरंदा जैसे पेड़ मोरनी हिल्स की ढलानों को घेरे रहते हैं।
नैनीताल
"नैनीताल" उत्तराखंड के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है, जो कुमाऊं पहाड़ियों के बीच स्थित है, यह एक विलक्षण पर्वतीय स्थल है, जिसे एक अनोखे आकार की झील के चारों ओर बनाया गया है, जिसे हम "नैनी झील" के नाम से जानते हैं। नैनीताल अपने खूबसूरत परिदृश्य और शांत वातावरण के कारण पर्यटकों के लिए "स्वर्ग" के रूप में जाना जाता है। प्राकृतिक सुंदरता में झीलों के शहर के रूप में प्रसिद्ध नैनीताल में बर्फ से ढकी पहाडिय़ां और झीलें हैं। समुद्र तल से 1938 किमी की ऊँचाई पर स्थित नैनीताल में पूरे साल एक सुखद जलवायु होती है और इसे सही मायने में सभी यात्रा प्रेमियों के लिए एक सुरम्य स्वर्ग कहा जा सकता है। नैनीताल की यात्रा की योजना बनाने वाले यात्री हनुमानगढ़ी की यात्रा कर सकते हैं, जो हिंदू भगवान हनुमान को समर्पित एक मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा, नैना देवी मंदिर एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जिसे भारत के 51 शक्ति पीठों में गिना जाता है।
अल्मोड़ा
अल्मोड़ा जिला देवभूमि उत्तराखंड का एक खूबसूरत जिला है। जो समुद्र तल से 4629 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अल्मोड़ा जिले के पूर्व में पिथौरागढ़, पश्चिम में गढ़वाल, उत्तर में बागेश्वर व दक्षिण में नैनीताल जिला स्थित है। यहां पर कत्यूरी और चंद वंश के राजाओं ने 5 वीं और 6 वीं शताब्दी में शासन किया था। यहा से आप हिमालय की बर्फी चोटियों का नजारा आसानी से देख सकते हैं। अपनी इसी अनेको खासियत की वजह से अल्मोड़ा दुनियाभर के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। अल्मोड़ा उत्तराखंड के कुमाऊं मण्डल का एक पहाड़ी जिला है, इसका मुख्यालय अल्मोड़ा नगर में है। यह सुन्दर सी पहाड़ियों से घिरा हुआ जिला है और घोड़े के खुर के समान रूप में बना हुआ है।