एशिया की सबसे बड़ी अखंड पहाडियों में से एक है सवानदुर्ग जोकि बैंगलोर शहर से 60 किमी की दूरी पर स्थित है। अपनी टीम को ट्रैकिंग का अनुभव करवाना चाहते हैं तो सवानदुर्ग आपके लिए सबसे बेहतर स्थल है। दो पर्वतों करिगुड्डा (काला पहांड) और बिलिगुड्डा (सफेद रंग का पहाड़) से मिलकर बनी है सवानदुर्ग पहाड़ी जोकि समुद्रतल से 4220 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। प्राप्त रिकॉर्ड के अनुसार इस पर्वत को 1340 ईस्वीं में होयसाला बल्लाला तृतीय द्वारा सवांदी नाम दिया गया था।
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समुद्रतट से 1126 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है सवानदुर्ग पर्वत जोकि दक्कन के पठार का हिस्सा है। इस पहाड़ी पर ग्रेनाइट, लेटराइट्स और डाइक्स मौजूद हैं। पर्वत के शिखर से अकरावती नदी को देख सकते हैं। रोमांच को और ज्यादा बढ़ाने के लिए आप यहां रात को भी ट्रैकिंग कर सकते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से सजे सवानदुर्ग में होयसालन काल में निर्मित किया गया एक सुंदर किला भी मौजूद में जाकि बिलीगुड्डा पर स्थित है।
रूट मैप
शुरुआती बिंदु : बेंगलुरू
गंतव्य : सवानदुर्ग
कब आएं : नवंबर से जून
कैसे पहुंचे
वायु मार्ग द्वारा : बेंगलुरू का केंपेगोवड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट सबसे निकटतम हवाई अड्डा है जोकि यहां से 91 किमी दूर है। ये एयरपोर्ट देश के मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है और यहां पर विदेशों से भी फ्लाइट आती हैं।
रेल मार्ग द्वारा : यहां से 66 किमी दूर क्रांतिवीर संगोली रायना स्टेशन और बेंगलुरू सिटी जंक्शन निकटतम रेलवे स्टेशन है। ये रेलेव स्टेशन देश के मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग द्वारा : सवानदुर्ग आने का सबसे ज्यादा मज़ा रोड़ ट्रिप से आएगा। मगदी शहर में स्थित है सवानदुर्ग और बेंगलुरू से मगदी तक का रास्ता काफी बढिया है। बेंगलुरू से रोड़ ट्रिप द्वारा मगदी से सवानदुर्ग 20 किमी दूर है।PC:Pavithrah
ड्राइविंग निर्देश
बेंगलुरू से सवानदुर्ग की दूरी 56 किमी है और यहां पर दो रूट द्वारा जा सकते हैं, जो इस प्रकार है :
पहला रूट : बेंगलुरु - केंगेरी - कुंबलगोडु - मनचनबेले - सवानदुर्ग तक मनचनबेले रोड़
दूसरा रूट : बेंगलुरु - विश्वेश्वरपुरा - गुडेमरनहल्ली - मगदी- एसएच 3 के माध्यम से सवानदुर्ग
अगर आप पहले रूट से जाते हैं तो आपको इस रास्ते में एनएच 75 से सवानदुर्ग पहुंचने में लगभग 2 घंटे का समय लगेगा। इस सफर के दौरान आप केंगेरी और मंचानबेले भी देख सकते हैं।
इस रूट पर 56 किमी तक के सफर को पूरा करने के लिए सड़क व्यवस्था काफी दुरुस्त है इसलिए आपको सफर में कोई परेशानी नहीं होगी।PC: Shyamal
अगर आप दूसरे रूट से जाते हैं तो इसमें आपको बेंगलुरू से एसएच 3 द्वारा 2.5 घंटे का समय लगेगा। इस रूट पर 70 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी।
मंचानबेले में कहां रूकें
बेंगलुरू शहर के निकट होने के कारण कई लोग वीकेंड पर यहां छुट्टियां मनाने आते हैं। सुबह के समय इस जगह पर हरियाली के बीच सूर्योदय का मनोरम नज़ारा दिखाई देता है।
नाश्ते के लिए आप मंचानबेले रूक सकते हैं। हाईवे पर खाने के लिए कई जगहें और यहां नाश्ता करने के बाद आप आगे का रास्ता तय करने के लिए निकल सकते हैं। यहां से 13 किमी का सफर रह जाता है जिसे पूरा करने में आपको आधे से एक घंटे का समय लग सकता है।
इस जगह के पास सुप्रसिद्ध अरकावती नदी भी बहती है जहां पर पर्यटक कायकिंग का मज़ा भी ले सकते हैं।यहां पर कई एडवेंचरस रिजॉर्ट हैं। हालांकि, यहां पर नदी में तैराकी करना खतरनाक हो सकता है। चट्टानों, फिसलन के कारण यहां कई लोगों की जान जा चुकी है।
PC: Manoj M Shenoy
सवानदुर्ग
अन्य पहाड़ियों की तरह यहां भी आप ट्रैकिंग का भरपूर मज़ा उठा सकते हैं। यहां पर आपको बिना किसी सहारे और सीढ़ी के ट्रैकिंग पूरी करनी पड़ेगी।इस पर्वत की चढ़ाई बहुत खड़ी है इसलिए बेहतर ग्रिप के लिए बढिया जूते जरूर पहन लें।
इस पर्वत पर श्रद्धालु भी सवांदी वीरभद्रेश्वर स्वामी और नरसिम्हा स्वामी मंदिर के दर्शन करने आते हैं। ये मंदिर पहाड़ी की तलहटी में स्थित हैं।
PC:L. Shyamal