मुरादाबाद उत्तर प्रदेश का एक मुख्य शहर है, जोकि भारत में पीतल के उद्योग का केंद्र भी है, इसलिए इस शहर को पीतल की नगरी या सिटी ऑफ़ ब्रास के नाम से भी जाना जाता है। मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है।
पूरी दुनिया में अपनी पीतल हस्तशिल्प से पहचान बनाने वाले मुरादाबाद की स्थापना राजा शाहजहां के बेटे मुराद के द्वारा 1600 में की गयी थी। मुरादाबाद जिला गंगा नदी (पश्चिम) के समतल मैदान से घिरा है और यहां से रामगंगा नदी बहती है। उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों की तरह मुरादाबाद भी सूर्य की गर्मी से बच नहीं पाता है। ऐसे में आप मुरादाबाद के पास स्थित कई खूबसूरत हिल-स्टेशन की सैर कर सकते हैं, जहां आप गर्मी से राहत पा सकते हैं।
लैंसडाउन
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लैंसडाउन, उत्तराखण्ड के पौडी जिले में स्थित एक सुन्दर हिल स्टेशन है। इस खूबसूरत हिल स्टेशन लैंसडाउन को अंग्रेजों ने वर्ष 1887 में बसाया था। उस समय के वायसराय ऑफ इंडिया लॉर्ड लैंसडाउन के नाम पर ही इसका नाम रखा गया। यहां की प्राकृतिक छटा सम्मोहित करने वाली है। यहां का मौसम पूरे साल सुहावना बना रहता है। हर तरफ फैली हरियाली आपको एक अलग दुनिया का एहसास कराती है।
कौसानी
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भारत का खूबसूरत पर्वतीय पर्यटक स्थल है। हिमालय की खूबसूरती के दर्शन कराता कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है। यहां से बर्फ से ढके नंदा देवी पर्वत की चोटी का नजारा बडा भव्य दिखाई देता है। कोसी और गोमती नदियों के बीच बसा कौसानी भारत का स्विट्जरलैंड कहलाता है। गर्मियों की छट्टियां बिताने के लिहाज कौसानी एक आदर्श गंतव्य है। आप यहां अपने परिवार और दोस्तों के साथ एक अच्छा टाइम स्पेंड कर सकते हैं। आप यहां के आसपास स्थित पर्यटन गंतव्यों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं।
मुरादाबाद से कौसानी की दूरी-230 किमी
मशोबरा
मुरादाबाद सेमशोबरा की दूरी- 460 किमी
नैनीताल
नैनीताल उत्तराखंड में स्थित नैनीताल एक बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन है, यहां के खूबसूरत प्राकृतिक दृश्य आपके मन मोह लेंगे। यह खूबसूरत हिल स्टेशन दो जगहों में बसा हुआ तल्लीताल और मल्लीताल। तल्लीताल दक्षिणी भाग में स्थित है तो मल्लीताल उत्तरी भाग में। नैनीताल में नैना देवी का मंदिर भी पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है।
मुरादाबाद से नैनीताल की दूरी- 115किमी
धाराचुला
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धारचूला उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भारत - नेपाल सीमा पर स्थित है। यह शहर एक पहाड़ी क्षेत्र है जिसका आकार स्टोव के जैसा दिखता है इसी कारण इस शहर को धारचूला कहते हैं। धारचूला पहाड़ों से घिरा हुआ बेहद ही खूबसूरत शहर है। पर्यटन की दृष्टि से इस शहर को देखें तो मानस झील या मनासा सरोवर इस शहर का सबसे प्रमुख पर्यटक आकर्षण हैं।
मुरादाबाद से धाराचुला की दूरी-382 किमी
कल्प
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मुरादाबाद से कल्प की दूरी-673 किमी
अल्मोड़ा
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अल्मोड़ा दूर दूर तक फैले बर्फ के पहाड़, उनपर बिखरी रुई की जैसी सफ़ेद बर्फ, फूलों से भरे हुए खुशबूदार पेड़, नर्म मुलायम घास, कल कल करते चांदी की भांति गिरते झरने और मन को मोह लेने वाले मनोरम दृश्य को देख कर ऐसा महसूस होता है जैसे 'अल्मोड़ा' खूबसूरत विशाल पहाड़ों की गोद में आराम कर रहा हो। पर्यटक यहां के ब्राइट इंड कॉर्नर से पर्यटक सूर्यास्त और सूर्योदय के खूबसूरत नजारे का लुत्फ उठा सकते हैं।
मुरादाबाद से अल्मोड़ा की दूरी- 178 किमी
चोपता
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चोपता हिमालय पर्वत की तलहटी पर बसे, इस छोटे से हिल स्टेशन को 'छोटा स्विट्ज़रलैंड' भी कहा जाता है। यह उत्तराखंड में उकीमठ के रास्ते पर गढ़वाल क्षेत्र में बसा हुआ है। इसकी प्राकृतिक खूबसूरती और हरियाली आपको अंदर तक आनंदित कर देगी। यहाँ की नम हवा में बसी और दरख्तों से लिपटी सौंधी-सी खुशबू आपके तन-मन को तरोताजा कर देंगी। यहाँ पहुँच आपकी आत्मा उत्साह और संतुष्टि से भर जाएगी। पर्यटक यहां ट्रैकिंग का भी मजा ले सकते हैं।
चोपता से मुरादाबाद की दूरी- 318 किमी