'सूर्यनगरी' और 'ब्लू सिटी' के नाम से मशहूर राजस्थान का बेहद खूबसूरत आकर्षक ऐतिहासिक शहर जोधपुर अपने शौर्य के लिए जाना जाता है। इस शहर में सूर्य देवता ज़्यादा देर तक ठहरते हैं इसी वजह से इसे सूर्य नगरी के नाम से जाना जाता है और वहीँ इस शहर में घरों व महलों में छितर के पत्थर लगे हुए हुए इसलिय ब्लू सिटी नाम से सम्बोधित किया जाता है। इस शानदार शाही शहर में आप भव्य महल, किले, मंदिर, उत्कृष्ट संग्राहलय और शानदार बगीचे आदि का लुफ्त उठा सकते हैं।
इस आलीशान शाही ऐतिहासिक शहर में एक तरफ किले, मंदिर और वैभवशाली महल इस शहर के गौरवकाल को दर्शाते हैं तो वही दूसरी ओर हस्तकलाएँ, लोक नृत्य, संगीत और प्रफुल्ल लोग शहर में रंगीन समां बाँध देते हैं। तो क्यों न इस वेकेशन एक शाही अंदाज़ में इस शाही शहर की सैर की जाए।
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मेहरानगढ़ किला
मेहरानगढ़ किला भारतीय इतिहास में 500 साल पुराना है जो कि 400 फुट की ऊँची पहाड़ी पर बना हुआ है। इस महल की खूबसूरती, भव्य इमारतें, शिल्प कला अदुितीय है। आप इस गौरवशाली दुर्ग को देखकर जोधपुर के शौर्य पर गर्व करेंगे।
विंटर वेकेशन को बिताएं हवेलियों के नगर में
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जसवंत थड़ा
संगमरमर की बनी यह इमारत बेहद खूबसूरत है। कहा जाता है कि महाराजा जसवंत सिंह दुतीय की याद में इस इमारत को बनवाया गया था। इस इमारत में बाग, सरोवर और जोधपुर मारवाड़ नरेशों के चित्र इसकी खूबसूरती में चार चाँद लगा देते हैं।
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उम्मेद भवन पैलेस
जोधपुर के मुख्य आकर्षणों में से एक है उम्मेद भवन पैलेस जिसे महाराजा उम्मेद ने बनवाया था। हालांकि अब इस महल को 3 भागों में विभाजित कर दिया गया है। पहले में राज परिवार रहता है, दूसरे में आलीशान होटल है और तीसरे में संग्राहलय है जिसमे पुरातन की कई निशानियाँ संग्रहित हैं।
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उम्मेद उधान
उम्मेद उधान में चिड़ियाघर, संग्राहलय और पुस्तकाल बना हुआ है। जिसमे बच्चों से लेकर बड़े और बूढ़ों तक का ख्याल रखा गया है। यहाँ का वातावरण बेहद आकर्षक होता है।
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मंडोर उधान
इस उधान में जोधपुर मारवाड़ के पूर्वजों की कई छतरियां व देवल बने हुए हैं। जिसमे महाराजा अजीत सिंह और जसवंत सिंह की छतरियां विशेष रूप से दर्शनीय हैं।
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पुष्य नक्षत्र हवेली
पुष्य नक्षत्र हवेली स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। इस हवेली के बारे में बताया जाता है कि इस हवेली का निर्माण पुष्प नक्षत्र को ही होता था इसलिए इसका नाम पुष्य नक्षत्र हवेली रखा गया।
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रणछोड़जी का मंदिर
रणछोड़जी का मंदिर की महीन जालियां और रणछोड़जी की काले पत्थरों से बनी प्रतिमा देखने लायक है यह मंदिर बाहर और अंदर से बेहद आकर्षक दिखाई देता है।
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कायलाना झील
इस झील का उधान बेहद खूबसूरत है यह झील शहर को चार चाँद लगा देती है। आप यहाँ आकर बोटिंग का आंनद उठा सकते हैं और साथ ही इस झील के किनारे बैठकर इसके रंगीन नज़ारों को देख सकते हैं।
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माचिया सफारी पार्क
जोधपुर आकर आप माचिया सफारी पार्क का आंनद ले सकते हैं। यहाँ चिंकारा, काला हिरण, नीलगाय, भेड़िया एवं लंगूर देख सकते हैं। आप यहाँ आकर प्राकृतिक नज़ारों का लुफ्त उठा सकते हैं।
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ओसियां
ओसियां एक छोटा सा गांव है जिसमे आप कलात्मक मंदिर व मूर्तियों का आंनद उठा सकते हैं। यह गांव जोधपुर से तक़रीबन 65 किलीमीटर की दूरी पर पड़ता है।
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कैसे जाएँ
जोधपुर जाने के लिए फ्लाइट, ट्रेन, बस व टैक्सी की अधिक कजानकारी के लिए बस एक क्लिक करें-
वायु मार्ग द्वारा- जोधपुर हवाई अड्डा शहर के केंद्र से 5 किमी की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा दैनिक उड़ानों द्वारा दिल्ली, मुम्बई, उदयपुर और जयपुर से जुड़ा है। इस हवाई अड्डे से पर्यटक जोधपुर शहर के लिए टैक्सियों और तीन पहियों वाले ऑटो-रिक्शा ले सकते हैं। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से यहाँ तक पहुँच सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा- जोधपुर रेलवे स्टेशन कई गाड़ियों द्वारा जयपुर, दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, जैसलमेर, बेंगलुरू, और कोलकाता से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। पर्यटक स्टेशन से टैक्सी और ऑटो-रिक्शा लेकर शहर तक पहुँच सकते हैं।
सड़क मार्ग द्वारा- राजस्थान राज्य सड़क परिवहन निगम (आरएसआरटीसी) की बस सेवायें सभी पास के शहरों से जोधपुर के लिए उपलब्ध हैं। जोधपुर के लिये पर्यटक जयपुर, दिल्ली, जैसलमेर, बीकानेर, आगरा, अहमदाबाद, अजमेर, उदयपुर, और आगरा से निजी डीलक्स बसें भी ले सकते हैं।
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