अगर आपको प्राचीन महलों और शाही जीवनशैली को करीब से देखने की लालसा है तो आप राजस्थान के जयपुर शहर का भ्रमण जरूर करें। राज्य का यह प्राचीन शहर अपने भव्य महलों के साथ अन्य प्राचीन संरचाओं के लिए जाना जाता है। कला-संस्कृति और विशेषकर वास्तुकला में दिलचस्पी रखने वालो को यहां जरूर आना चाहिए। एक शानदार अवकाश बिताने के लिए जयपुर आदर्श विकल्प है, जहां सिर्फ देशभर से ही नहीं बल्कि विश्वभर से सैलानी आते हैं।
गुलाबी नगरी के नाम से मशहूर यह शहर प्राचीन भारत के चुनिंदा सबसे खास गंतव्यों में गिना जाता हैं। आप यहां कई शानदार आकर्षणों को देख सकते हैं, इसके अलावा हाथी की सवारी का भी आनंद ले सकते हैं। इस खास लेख में जानिए जयपुर के कुछ उन स्थाानों के बारे में जिनके बगैर आपकी जयपुर की यात्रा बेकार है।
हवा महल
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जयपुर भ्रमण की शुरूआत आप यहां के विश्व प्रसिद्ध हवा महल से कर सकते हैं। हवा महल अपनी उत्कृष्ट वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह प्राचीन संरचना यहां के अनिवार्य दर्शनीय स्थलों में गिनी जाती है, जिसे जयपुर आने वाला यह सैलानी देखने की इच्छा रखता है। इस विशाल महल का निर्माण 1799 में महाराजा सवाई प्रताप सिंह ने करवाया था।
इस महल में 953 खिड़कियां हैं जिस वजह से इस महल में हवा का बहाव हमेशा बना रहता है, इसलिए इस हवा का महल कहा जाता है। इस महल का निर्माण मुख्यत: राजपूत राजसी महिलाओं के लिए किया गया था, ताकि वे शहर की गतिविधियां देख सकें।
रॉयल गैटोर
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हवा महल के बाद आप शहर के अन्य प्रसिद्ध पर्यटन स्थल रॉयल गैटोर की सैर कर सकते है। यह स्थल दरअसल शाही परिवारों के समाधि स्थल के रूप में जाना जाता है, जो शहर के नाहरगढ़ किले से के निचले भाग पर बना है। शहर के मध्य भाग के यहां तक की दूरी काफी कम है। इस स्थान पर महाराजा माधो सिंह द्वितीय, प्रताप सिंह और महाराजा जय सिंह के स्मृति चिह्न भी बने हुए हैं। यह जयपुर के चुनिंदा खास देखे जाने वाले स्थलों में गिना जाता है, जिसके निर्माण में संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।
गलताजी
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आप जयपुर के अंदर स्थित स्थलों के अलावा बाहर के स्थलों की सैर का भी प्लान बना सकते हैं। शहर से 10 किमी की दूरी पर स्थित गलताजी प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है। दरअसल गलताजी एक धार्मिक स्थल है जहां दर्शन के लिए श्रद्धलाओं के साथ-साथ सैलानी भी आते हैं। यह मंदिर गुंबददार छतों वाले मंडप और आकर्षक नक्काशीदार स्तंभों के साथ यहां आने वाले आगंतुकों को प्रभावित करने का काम करता है।
इस मंदिर में मकर संक्राति का त्योहार बड़े धूमधाम के साथ आयोजित किया जाता है। इस मंदिर के अलावा आप यहां के रामगोपालजी मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। इसके अलावा यहं एक जलाशय भी मौजूद है। यहां स्थान करना शुभ माना जाता है।
बिड़ला मंदिर
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गलताजी मंदिर के अलावा आप बिड़ला मंदिर की सैर प्लान भी बना सकते हैं। यह मंदिर जयपुर के खास आकर्षणों में गिना जाता है, जिसका निर्माण संगमरमर से किया गया है। इस मंदिर को लक्ष्मी नारायण का मंदिर भी कहा जाता है। मंदिर परिसर में के चारो ओर फैले बगीचे सैलानियों को काफी ज्यादा प्रभावित करते हैं। मंदिर परिसर के अंदर आप कांच की खिड़कियों में शास्त्रों का चित्रण, तीन भव्य गुबंद और संगमरमर की मूर्तियां देखने लायक हैं, जिन्हें देखकर पर्यटन आश्चर्यचकित रह जाते हैं। अगर आप एकांत में थोड़ा समय बिताना चाहते हैं तो यहां आ सकते हैं। आत्मिक और मानसिक शांति के लिए यह एक आदर्श स्थल है।
चौखी धानी
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप यहां के चौखी धानी स्थल की सैर का भ्रमण कर सकते हैं। यह स्थल सुखदेवपुरा नोहार के नजदीक स्थित है। राजस्थान की संस्कृति को करीब से समझने के लिए आप यहां का भ्रमण कर सकते हैं।
आपको यहां परंपरागत राजस्थानी नृत्य-संगीत के साथ खानपान भी मिलेगा। इसके अलावा आप यहां ऊंट की सवारी, कठपुतली कला का भी आनंद ले सकते हैं। महिलाएं यहां मेंहदी भी लगवा सकती हैं।