भारत के दूसरे सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश को भारत का दिल कहा जाता है। यहां ऐसा बहुत कुछ है जिस कारण देश दुनिया के पर्यटक इस खूबसूरत राज्य रुख कर रहे हैं । चाहे उत्कृष्ट वास्तु का इस्तेमाल करके बने मंदिर हो या फिर वन्यजीवन इस राज्य में ऐसा बहुत कुछ है जो एक पर्यटक को मोहित करने के लिए काफी हैं। इसी क्रम में आज अपने इस आर्टिकल के जरिये हम आपको मध्य प्रदेश के जिस डेस्टिनेशन अवगत कराने जा रहे हैं उसे सम्पूर्ण भारत में डायमंड सिटी के नाम से जाना जाता है।
जी हाँ, आज अपने इस लेख में हम आपको बताएंगे पन्ना के बारे में। पन्ना एक भारतीय शहर है जो मध्यप्रदेश राज्य में स्थित है। पन्ना, हीरों की प्रसिद्ध खदान के लिए जाना जाता है। पन्ना के हीरे सारी दुनिया में गुणवत्ता और स्पष्टता के लिए ही नहीं बल्कि हर महीने के आखिर में जिला मजिस्ट्रेट के द्वारा नीलामी किए जाने के कारण भी विख्यात हैइस शहर में हिंदुओं के लिए धार्मिक महत्व भी काफी है। इसी शहर में महामती प्राणनाथ ने आत्म जागृति का उपदेश दिया था और जगानी का झंडा भी फहराया था। ऐसा माना जाता है कि पन्ना में अपने चेलों के साथ 11 साल गुजारने के बाद महामती गुरू ने यही समाधि लेने का फैसला किया था।
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यदि बात पन्ना और उसके आसपास के क्षेत्रों में स्थित पर्यटक स्थलों की हो तो पन्ना में पर्यटन स्थल के रूप में पन्ना राष्ट्रीय उद्यान स्थित है, साथ ही वहां पांडव गुफाएं और पांडव झरना भी एक समान रूप से विख्यात है। प्रकृति प्रेमी निश्चित रूप से मध्यप्रदेश के इस शहर में प्राकृतिक सुंदरता और छटा को देख सकते है। यहां स्थित खूबसूरत पार्क और पिकनिक स्पॉट इस जगह को मनोरम बना देते है। तो आइये जानें कि अपनी पन्ना कि यात्रा पर क्या क्या आपको अवश्य देखना चाहिए।
केन घडि़याल अभयारण्य
केन घडियाल अभयारण्य, भारत का एक महत्वपूर्ण अभयारण्य है जिसे देश में तेजी से लुप्त हो रहे घडियालों की प्रजाति को बचाने के लिए स्थापित किया गया है। यह पन्ना शहर के पास में ही स्थित है। यह अभयारण्य बेहद खूबसूरत है और यह चारों तरफ से जंगलों से घिरा हुआ है। अभयारण्य के बराबर पर ही 45 किमी. लम्बी नदी केन है जो हमेशा बहती रहती है।
वास्तव में, अभयारण्य दो नदियों - खुद्दार और केन के मिलान की गवाह है। इस अभयारण्य को आम जनता के लिए 1985 में खोल दिया गया था, यहां घडियालों के अलावा और भी प्रकार के जीव व सरीसृप का प्राकृतिक घर है। इस सेंचुरी में 6 मीटर लम्बे मगरमच्छ भी है।
पांडव गुफाएं और फॉल्स
पांडव गुफाएं और झरने, पन्ना शहर से लगभग 12 किमी. की दूरी पर स्थित है और राष्ट्रीय पार्क के बहुत नजदीक स्थित है। राष्ट्रीय राजमार्ग से इस स्थल तक पहुंचना काफी आसान है। यह झरना, यहां के एक स्थानीय स्प्रिंग्स से उत्पन्न हुआ है और पन्ना के पर्यटन में सबसे अच्छा फीचर है। यह झरना, साल के सभी दौर में बहता रहता है और मानसून के दौरान यह झरना पूरी तरह से भर जाता है। यह झरना लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरता हुआ एक पूल में आ जाता है।
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान
पन्ना राष्ट्रीय उद्यान, पन्ना शहर के पास में स्थित है लेकिन यह मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का हिस्सा है। यह पार्क, राज्य का पांचवा और देश का बाईसवां, टाइगर रिजर्व पार्क है। इस पार्क को पर्यटन मंत्रालय के द्वारा देश का सबसे अच्छा और कायदे से रखा गया पार्क घोषित किया गया और सम्मान से नवाजा गया। बाघों के अलावा, इस राष्ट्रीय पार्क में अन्य जानवरों व सरीसृपों का भी घर है। यह पार्क बहुत दिलचस्प जगह स्थित है।
पार्क के अंत में उष्णकटिबंधीय और उप उष्णकटिबंधीय जंगली बेल्ट शुरू हो जाती है। यहीं से नम पर्णपाती जंगलों की शुरूआत हो जाती है जिनका सम्बंध भारत - गंगा मैदान से है। इन वनों में सागौन के वृक्षों को देखा जा सकता है।
कैसे जाएं पन्ना
फ्लाइट द्वारा : पन्ना में बनाया गया हवाई अड्डा इस समय परिचालन में नहीं है, इसलिए पन्ना जाने के लिए खजुराहो स्थित खजुराहो एयरपोर्ट जाएं, जो पन्ना से 50 किमी. की दूरी पर स्थित है। एयरपोर्ट से पन्ना तक जाने के लिए बस, टैक्सी उपलब्ध है। बस, टैक्सी की अपेक्षा सस्ती पड़ती है।
रेल द्वारा : पन्ना में कोई रेलवेहेड नहीं है। पन्ना जाने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन खजुराहो और सतना है। खजुराहो रेलवे स्टेशन पन्ना से 45 किमी. और सतना रेलवे स्टेशन पन्ना से 75 किमी. की दूरी पर स्थित है। दोनो ही स्टेशन, राज्य और देश के अन्य शहरों से भली - भांति जुडे हुए है। रेलवे स्टेशन से बस और टैक्सी दोनो उपलब्ध है जो पन्ना तक पहुंचा देते है।
सड़क द्वारा : दिल्ली, आगरा, झांसी, लखनऊ, फरीदाबाद, वाराणसी, नागपुर, जबलपुर, इलाहबाद, ढोलपुर, इंदौर, भोपाल और अन्य शहरों से पन्ना के लिए स्लीपर, एसी और लक्जरी बसें आसानी से उपलब्ध है। मध्यप्रदेश में सड़क मार्ग द्वारा पन्ना तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।