तमिलनाडु स्थित तिरुचेंदूर राज्य का एक खूबसूरत नगर है जो अपने सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व के लिए जाना जाता है। यह नगर तमिलनाडु के थूथूकुडी जिले के अंतर्गत अपने मंदिरों के लिए ज्यादा प्रसिद्ध हैं। यहां भगवान मुरूगन को समर्पित मंदिर दर्शन के लिए देश भर से श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। धार्मिक रूप से यह दक्षिण भारत का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। आप यहां मंदिरों के अलावा समुद्री तटों की खूबसूरती का भी आनंद ले सकते हैं।
तिरूचेंदूर बीच राज्य के खास पर्यटन गंतव्यों में गिना जाता है, जहां सैलानी मौज-मस्ती करना ज्यादा पसंद करते हैं। यहां का सूर्योदय और सूर्यास्त देखने लायक होता है। इस लेख के माध्यम से जानिए पर्यटन के लिहाज से यह धार्मिक गंतव्य आपके लिए कितना खास है, जानिए यहां के सबसे प्रसिद्ध आकर्षणों के बारे में।
मुरुगन मंदिर
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तिरुचेंदूर मुख्यत: अपने मुरुगन मंदिर के लिए जाना जाता है, जहां दर्शन के लिए दूर-दराज से श्रद्धालुओं का आगमन होता है। यह एक भव्य और विशाल मंदिर जिसे देखने के लिए यहं सिर्फ श्रद्धालु बल्कि पर्यटकों का भी अच्छा खास जमावड़ा लगता है। मुरुगन एक प्राचीन मंदिर न केवल तमिलनाडु बल्कि भारत के सबसे बड़े और अमीर मंदिरों में गिना जाता है। यह मंदिर भगवान मुरुगन को समर्पित है, मंदिर को बनाने के लिए पूरी तरह से लाल बलुआ पत्थर की चट्टानों का उपयोग किया गया है।
मंदिर की नींव और सुंदर गोपुरम इस पवित्र स्थल को एक प्रतिष्ठित रूप प्रदान करता है। आध्यात्मिक अनुभव के लिए आप यहां जरूर आएं।
दत्तात्रेय गुफा
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मुरुगन मंदिर के अलावा आप तिरूचेंदुर में प्रसिद्ध दत्तात्रेय गुफा की सैर का प्लान बना सकते हैं। वल्ली की गुफा या दत्तात्रेय की गुफा नगर के मुख्य आकर्षणों में गिनी जाती है। यह गुफा समुद्र तट पर बलुआ पत्थर चट्टान के नीचे, मुरुगन मंदिर के उत्तरी हिस्से की ओर स्थित है।
यह एक गुफा मंदिर है जहां आप भगवान मुरुगन की पत्नी दत्तात्रेय और वल्ली की दो छवियों देख सकते हैं। गुफा में 16 स्तंभों का एक मंडप है, जो लगभग 24 1/4 फीट लंबा और 21 1/4 फीट चौड़ा है। यहां आप अद्भुत प्राचीन नक्कशी भी देख सकते हैं।
मेलापुथुकुडी
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तिरूचेंदूर के मुख्य आकर्षणों में आप मेलापुथुकुडी अय्यनार मंदिर के दर्शन भी कर सकते हैं। यह मंदिर नगर के प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है, जहां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटकों का भी आगमन होता है। पर्यटकों के मध्य यह एक लोकप्रिय गंतव्य है।
मुख्य शहर से मेलापुथुकुडी गांव मात्र 10 किमी की दूरी पर स्थित है, और यह अय्यनार मंदिर इसी गांव में स्थित है। यह गांव स्थल सांस्कृतिक और प्राकृतिक रूप से एक महत्वपूर्ण स्थल है, जहां पर्यटक पिकनिक मनाने के लिए यहां आते हैं। पारिवारिक भ्रमण के लिए यह एक खास स्थल है।
पंचलमकुरीची किला
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उपरोक्त स्थलों के अलावा आप तिरूचेंदूर में ऐतिहासिक स्थलों की सैर का प्लान बना सकते हैं। पंचलमकुरीची किला या कट्टाबोम्मन मेमोरियल किला नगर के सबसे प्रसिद्ध दर्शनीय स्थलों में गिना जाता है, जहां पर्यटक आना पसंद करते हैं। अतीत से जुड़े पन्ने बताते हैं कि इस किले का निर्माण 18 वीं शताबादी के दौरान पंचलमकुरीची राजा वीरा पंड्या कट्टाबोम्मन द्वारा बनाया गया था। माना जाता है कि 1799 के युद्ध में यह किला पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, जब वीरा पंड्या कट्टाबोम्मन को अंग्रजों ने युद्ध में हराकर बंदी बना लिया था। लेकिन बाद में इस किले को कट्टाबोम्मन ने भाई ने वापस ले लिया था।
आजादी के बाद यह खंडहरनुमा किला भारत के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत चला गया, बाद में राज्य सरकार ने इस किले की याद में एक नए किले का निर्माण किया जिसे कट्टाबोम्मन मेमोरियल किले का नाम दे दिया गया।
कैसे करें प्रवेश
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तिरुचेंदूर राज्य के प्रसिद्ध नगरों में गिना जाता है, जहां आप तीनों मार्गों से आसानी से पहुंच सकते हैं। यहां का नजदीकी हवाईअड्डा तूतीकोरन एयरपोर्ट है। रेलमार्ग के लिए आप तिरुचेंदूर रेलवे स्टेशन का सहारा ले सकते हैं। अगर आप चाहें तो यहां सड़क मार्गों से भी पहुंच सकते हैं। बेहतर सड़क मार्गों द्वारा तिरुचेंदूर राज्य के बड़े शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।